अमेज़न के वर्षा वन-दुनिया की जलवायु का संतुलन बनाए रखने में बेहद अहम भूमिका अदा करते हैं. ये वर्षा वन ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौती से लड़ने में भी दुनिया की मदद करते हैं. लेकिन, दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस की महामारी का दुष्प्रभाव अमेज़न के वर्षा वनों पर भी पड़ा है
वर्ष 2020 के पहले चार महीनों में अमेज़न जैविक क्षेत्र में वनों के विनाश में, पिछले साल के मुक़ाबले 55 फ़ीसद का इज़ाफ़ा देखा गया है. क्योंकि कोरोना वायरस की महामारी से पैदा हुए हालात का फ़ायदा उठा कर बहुत से लोग अवैध तरीक़े से जंगलों को साफ़ कर रहे हैं
अमेज़न में वनों के सफ़ाए, अवैध उत्खनन, ज़मीन साफ़ करने के लिए पेड़ों की टाई और जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं में पहले ही 11 वर्षों में सबसे अधिक तेज़ी देखी जा रही थी. और वैज्ञानिकों का कहना है कि अमेज़न जैविक क्षेत्र को होने वाली क्षति की रफ़्तार इतनी तेज़ है कि जल्द ही हम तबाही के ऐसे मुहाने पर खड़े होंगे, जहां से लौट पाना मुश्किल होगा. उस कगार पर पहुंचने के बाद अमेज़न दुनिया की आब-ओ-हवा संतुलित रखने में जो भूमिका अभी अदा करता है, वो आ आगे नहीं कर पाएगा
यहां पर हम अमेज़न पर पड़ रहे उन दबावों पर नज़र डालेंगे जिनके कारण वो आज तबाही के मुहाने पर खड़ा है. और इस अनूठे क़ुदरती ख़ज़ाने को आपस में साझा करने वाले उन नौ देशों से ये सवाल करेंगे कि वो अमेज़न को बचाने के लिए वे क्या क़दम उठा रहे हैं?

कोरोना वायरस और जंगल
अमेज़न के जंगल दुनिया का सबसे बड़ा जैविक क्षेत्र हैं और यहां दुनिया में सबसे अधिक जैव विविधता पायी जाती है. मतलब यहां पेड़ पौधों और जानवरों की सबसे अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं. अमेज़न जैविक क्षेत्र में तीन करोड़ तीस लाख इंसान रहते हैं. और ये पेड़-पौधों और जानवरों की हज़ारों नस्लों का घर है
जब से कोरोना वायरस ने ब्राज़ील पर हमला बोला है, तब से ब्राज़ील के अमेज़ोनास राज्य में इसके संक्रमण की रफ़्तार सबसे तेज़ है. अमेज़ोनास की स्वास्थ्य व्यवस्था, पूरे ब्राज़ील में पैसे की कमी का सबसे अधिक सामना कर रही है
अन्य देशों की ही तरह, ब्राज़ील में भी यातायात पर पाबंदियां लगाई गई हैं और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को कहा जा रहा है, ताकि वायरस के संक्रमण की रफ़्तार कम की जा सके
लेकिन, सरवाइवल इंटरनेशल के जोनाथ मेज़ोवर कहते हैं कि, ब्राज़ील में कोरोना वायरस के प्रकोप का एक नतीजा ये भी निकला है कि जिन फील्ड एजेंट को संरक्षित वनों में अतिक्रमण रोकने की ड्यूटी करनी थी, उन्हें वापस बुला लिया गया है और अब वो जंगलों में गश्त नहीं लगा रहे हैं
अप्रैल महीने में जब वायरस के संक्रमण की रफ़्तार तेज़ हो गई, तो ब्राज़ील के कई राज्य जनता को अलग थलग करने के क़दम उठाने लगे. इसी दौरान, गैर क़ानूनी रूप से जंगल काटने की घटना के मुक़ाबले में पिछले वर्ष इसी महीने के मुक़ाबले 64 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. ये आंकड़े स्पेस रिसर्च एजेंसी आईएनपीई की प्राथमिक सैटेलाइट रिपोर्ट पर आधारित हैं
पिछले साल जंगलों में आग की अभूतपूर्व घटनाएं देखी गई थीं, जिसके कारण अमेज़न के एक बड़े हिस्से से वनों का सफाया हो गया था. जंगल में आग का पीक सीज़न जुलाई से शुरू होता है. कई विशेषज्ञों के मुताबिक़, इसी दौरान ब्राज़ील में कोरोना वायरस का प्रकोप भी अपने शीर्ष पर होगा
ब्राज़ील के अधिकारी, अमेज़न क्षेत्र में वर्षा वनों के संरक्षण, अवैध पेड़ कटाई और जंगलों की आग रोकने के लिए सुरक्षा बल तैनात कर रहे हैं. लेकिन, आलोचकों का कहना है कि सरकार इस मामले में जो हल्ला मचा रही है और जिस तरह की नीतियां अपना रही है उससे तो अवैध खनन और ग़ैर क़ानूनी रूप से पेड़ काटने को बढ़ावा मिलेगा

इस साल जंगलों के अवैध सफाए में तेज़ी आने से पहले भी अमेज़न क्षेत्र के नौ देशो में जंगलों के विनाश में इज़ाफ़ा देखा जा रहा था
2019 में जिन देशों में अमेज़न के जैविक क्षेत्र को सबसे अधिक नुक़सान हुआ, उनमें ब्राज़ील, बोलिविया और पेरु, शीर्ष के पांच देशों में शामिल हैं. बोलिविया में वनों में लगी आग की वजह से पेड़ो को भारी नुक़सान हुआ.
लेकिन, समस्या सिर्फ़ यही नहीं है.
जलवायु वैज्ञानिक डोनाटो नोब्रे कहते हैं कि, 'अगर हम अमेज़न को हो रहे नुक़सान को केवल जंगलों के घटते दायरे की नज़र से देखते हैं, तो इसका अर्थ है कि हम हरा भरा झूठ बोल रहे हैं.'
अमेज़न के वर्षा वनों की अब तक जितनी तबाही हो चुकी है, वो मीडिया में आ रहे बीस प्रतिशत नुक़सान के आंकड़े से कहीं बहुत ज़्यादा है.'
डोनाटो नोब्रे कहते हैं कि अमेज़न का जैविक क्षेत्र कितना बर्बाद हो चुका है, उसका ठीक ठीक आकलन करने के लिए हमें जैविक क्षरण के आंकड़ों को भी अपने आकलन में शामिल करना होगा.
ऐसा तब होता है जब जंगल के किसी एक हिस्से पर पड़ रहे दबावों, जैसे कि आग, जंगलों की कटाई और बिना लाइसेंस के शिकार के कारण किसी भी इको-सिस्टम के लिए ठीक से काम करना मुश्किल हो जाता है
फिर, वन के किसी एक हिस्से में पेड़ों और हरित क्षेत्र की मात्रा भले ही कम न हो, लेकिन जैविक क्षरण के कारण वर्षा वन अपनी उन ख़ूबियों को गंवा देते हैं, जो हमारी धरती के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर हम अमेज़न में वनों को हो रहे नुक़सान और क्षरण के मौजूदा स्तर को रोक नहीं पाते हैं, तो दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन के परिणाम और भयंकर होंगे


हर जंगल का उजड़ना अलग तरह का होता है
किसी भी जैविक क्षेत्र में जंगलों को हुए नुक़सान का आकलन करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है किसी इलाक़े में 'पेड़ों का दायरा घटने' का आकलन करना. जहां से जंगल पूरी तरह से साफ़ हो गए हों
ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के अनुसार अकेले वर्ष 2019 में ही अमेज़न में पेड़ों का दायरा घटने का स्तर चालीस हज़ार वर्ग किलोमीटर या चालीस लाख हेक्टेयर पहुंच गया था.
इसमें से लगभग आधा, मूल जंगल क्षेत्र था. यानी ये 17 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र अमेज़न के जंगल की शुरुआत के समय की मूल अवस्था में थे. और इन जंगलों में समृद्ध जैव विविधता पायी जाती थी. अमेज़न के जंगलों के इस नुक़सान को इस तरह समझ सकते हैं कि 2019 में फ़ुटबॉल के तीन मैदानों के बराबर के अनछुए जंगल हर मिनट में ख़त्म हो रहे थे.

ये बात बहुत मामूली लग सकती है कि अमेज़न के जैविक क्षेत्र का महज़ 0.32 प्रतिशत हिस्सा जंगल है. लेकिन, ये वनों की गुणवत्ता का भी प्रश्न है
ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में वर्षा वनों की विशेषज्ञ एरिका बेरेनग्यूअर कहती हैं कि ,'हर एक हेक्टेयर जंगल के कट जाने का मतलब है कि अमेज़न के इकोसिस्टम का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है. और इसका प्रभाव अमेज़न जैविक क्षेत्र के दूसरे हिस्सों पर भी पड़ता है.'
पिछले दस वर्षों में अमेज़न जैविक क्षेत्र के दायरे में आने वाले ज़्यादातर देशों में मूल जंगलों के विनाश की दर बहुत तेज़ रही है. ये सिलसिला और बढ़ता ही जा रहा है

पेड़ क्या भूमिका निभाते हैं?
किसी भी जैविक क्षेत्र में स्थित मूल अथवा प्राथमिक जंगलों में वो पेड़ होते हैं, जो सैकड़ों या फिर कई बार हज़ारों वर्ष पुराने होते हैं. वो जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को कम करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. क्योंकि ये पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को सदियों से सोख कर अपने अंदर जमा कर रहे होते हैं.
पेड़ प्रकाश संश्लेषण के दौरान वायुमंडल से जितनी कार्बन डाई ऑक्साइड सोखते हैं, उसका एक हिस्सा वो सांस लेने की प्रक्रिया के दौरान वायुमंडल में वापस छोड़ देते हैं. बाक़ी की कार्बन डाई ऑक्साइड को पेड़ कार्बन में तब्दील कर देते हैं. फिर इसका इस्तेमाल वो कार्बोहाइड्रेट का उत्पादन करने के लिए करते हैं, जिससे उनकी जैविक गतिविधि चलती रहती है
जितना ही पुराना और बड़ा पेड़ होता है, उसके अंदर उतना ही अधिक कार्बन इकट्ठा होता है.
डॉक्टर एरिका बेरेनग्यूअर के मुताबिक़, एक विशाल पेड़ (जिसका मुख्य तना कम से कम तीन मीटर चौड़ा हो) अपने अंदर तीन से चार टन कार्बन सोख कर रखता है. ये दस से बारह टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर है. लगभग इतनी ही कार्बन डाई ऑक्साइड कोई पारिवारिक कार चार वर्षों में उत्सर्जित करती है
बहुत से लोग ये मानते हैं कि हमने अमेज़न में जो जंगल गंवा दिए हैं, उनकी भरपाई हम दूसरी जगह पेड़ लगाने से कर सकते हैं. लेकिन, ये सोच सही नहीं है एरिका बेरेनग्यूअर, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी
वनों के ख़त्म होने का एक सीधा दुष्प्रभाव ये होता है कि इससे जंगल में पेड़ों के अंदर जमा कार्बन डाई ऑक्साइड वायुमंडल में वापस आ जाती है. जंगलों की आग या काटे गए पेड़ों के सड़ने से पेड़ के अंदर का कार्बन दोबारा गैस में तब्दील हो जाता है.
इसी कारण से वैज्ञानिकों को इस बात का डर है कि अगर ऐसे ही पेड़ काटे जाते रहे और जंगलों का सफाया होता रहा, तो बड़ी मात्रा में धरती के कार्बन का भंडारण करने वाला अमेज़न जैविक क्षेत्र, कार्बन डाई ऑक्साइड का बड़ा उत्सर्जक बन जाएगा. इससे जलवायु परिवर्तन की प्रक्रिया में बहुत तेज़ी आ जाएगी.
हाल ही में एक अध्ययन में दावा किया गया था कि अमेज़न जितना कार्बन वायुमंडल से सोख रहा है अब वो उससे कहीं ज़्यादा कार्बन डाई ऑक्साइड को हवा में छोड़ रहा है.

अमेज़न की आंखों से न दिखने वाली तबाही
एंटोनियो नोब्रे जैसे विशेषज्ञ मानते हैं कि जंगलों के विनाश से हम अमेज़न को हो रहे नुकसान की पूरी तस्वीर को नहीं देख सकते हैं. हमें, अमेज़न के जैविक क्षेत्र में हो रहे क्षरण को भी पूरे आकलन में शामिल करना चाहिए.
ये प्रक्रिया जितनी जलवायु परिवर्तन की घटनाओं जैसे सूखे वगैरह से जुड़ी है,उतनी ही मानवीय गतिविधियों के कारण भी हो रही है. जैसे कि जंगलों में आग लगाना या अवैध लट्ठों की कटाई, जिससे जंगलों की प्रमुख गतिविधियां रुक जाती हैं. हालांकि, ऊपर से देखने पर आपको ये लग सकता है कि जंगल अब भी मौजूद हैं. लेकिन, अंदर ही अंदर वो खोखले हो रहे होते हैं.
हमें अमेज़न इलाक़े में एक भी पेड़ नहीं काटने चाहिए एंटोनियो नोब्रे, आईएनपीई
ब्रिटेन की मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में ऊष्ण कटिबंधीय पारिस्थितिकी के प्रोफ़ेसर अलेक्ज़ेंडर लीस समझाते हैं कि, 'हालांकि किसी इलाक़े में पेड़ों को काटने से भले ही सारी हरियाली का नाश न होता हो, मगर मिट्टी पहले से सूखी हो जाती है. इससे ज़मीन कमज़ोर होती है. जंगल के भीतर के माहौल में इस परिवर्तन से जंगलों में तेज़ी से आग फैलती है क्योंकि मिट्टी जल्दी गर्म हो जाती है.'
वैज्ञानिक ये चेतावनी भी देते हैं कि जंगलों का क्षरण या नुक़सान, हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड घुलने में अहम भूमिका अदा करता है. रेसजी के एक नए अध्ययन के अनुसार अमेज़न से होने वाले कार्बन उत्सर्जन का 47 फ़ीसद हिस्सा, यहां के जैविक क्षरण का नतीजा है.
और वो ये भी कहते हैं कि अमेज़न जैविक क्षेत्र के नौ में से सात देशों में जैविक क्षरण के कारण ही कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन बढ़ रहा है
जंगलों को होने वाला ये नुकसान ही जंगलों की कार्यकुशलता कम कर देता है. मसलन, ये अपनी ज़रूरत भर के बारिश को भी नहीं उत्पन्न कर पाते हैं.

एंटोनियो नोब्रे कहते हैं कि अगर हम जंगलों के सफ़ाए और वनों के क्षरण से हो रहे नुक़सान को जोड़ दें, जो आज अमेज़न जैविक क्षेत्र का पचास फ़ीसद से अधिक हिस्सा है, ये हिस्सा अब पर्यावरण संरक्षक की भूमिका निभाना बंद कर चुका है.
एंटोनियो नोब्रे के अनुसार अमेज़न के जंगलों के जिन इलाक़ों का क्षय हो चुका है, वो जंगलों के काटने से साफ़ हुए इलाक़े से दोगुना है
कोलंबिया की सरकार की हाल में आई एक रिपोर्ट इस बात की तस्दीक़ करती है कि वर्ष 2012 से 2015 के बीच में कोलंबिया के अमेज़न क्षेत्र से एक लाख 87 हज़ार 955 हेक्टेयर क्षेत्र से जंगल साफ़ हो गए. जबकि, चार लाख 14 हज़ार 605 हेक्टेयर ज़मीन की गुणवत्ता कम हो गई, जो काटे गए जंगलों से साफ इलाक़े के दोगुने से भी अधिक है.
फिर क्या कारण है कि जब अमेज़न के जंगलों को हुए नुक़सान की बात होती है, तो काटे गए जंगलों के साथ साथ जंगली इलाक़े के क्षरण को आकलन में क्यों शामिल नहीं किया जाता है?
मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के अलेक्ज़ेंडर लीस कहते हैं कि, 'जंगलों के क्षरण का आकलन करना मुश्किल होता है. भले ही आप सैटेलाइट की तस्वीरों से जंगलों को हुए नुक़सान को देख सकते हैं. लेकिन, आपको असल तस्वीर जानने के लिए ज़मीनी स्तर के आंकड़ों की ज़रूरत होती है. जिस इलाक़े के जंगलों को नुक़सान हुआ है, वो अधिक हुआ है या कम. या फिर उनमें सुधार हो रहा है'
अमेज़न जैविक क्षेत्र के देशों में केवल ब्राज़ील ही इकलौता देश है, जो जंगलों को होने वाली क्षति के आंकड़े हर साल जारी करता है. हालांकि इस पूरे क्षेत्र के वैज्ञानिकों की कोशिश है कि वो इससे जुड़े वास्तविक आंकड़े जुटा सकें, ताकि अमेज़न के जंगलों की मौजूदा वास्तविक स्थिति का पता चल सके.

अगर हम जंगलों को गंवा देते हैं, तो फिर क्या होगा?
अगर जंगलों की कटाई और क्षरण अपनी मौजूदा रफ़्तार से जारी रहता है, तो अमेज़न का जैविक क्षेत्र ऊष्ण कटिबंधीय पारिस्थितिकी को संतुलित करने की अपनी भूमिका निभाना बंद कर देगा. भले ही, इस इलाक़े में कुछ जंगल तब भी बचे रहें
Country | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
bolivia | 0.16 | 0.34 | 0.54 | 0.86 | 1.11 | 1.36 | 1.67 | 1.9 | 2.49 | 2.85 | 3.16 | 3.31 | 3.62 | 3.75 | 4.18 | 4.54 | 4.74 | 5 |
brazil | 0.46 | 0.89 | 1.46 | 1.98 | 2.39 | 2.72 | 3.03 | 3.23 | 3.56 | 3.79 | 4.11 | 4.28 | 4.55 | 4.79 | 5.63 | 6.23 | 6.62 | 7 |
colombia | 0.12 | 0.16 | 0.3 | 0.41 | 0.49 | 0.68 | 0.83 | 0.94 | 1.05 | 1.19 | 1.3 | 1.42 | 1.57 | 1.66 | 1.83 | 2.13 | 2.5 | 2.7 |
ecuador | 0.06 | 0.09 | 0.14 | 0.2 | 0.25 | 0.32 | 0.4 | 0.47 | 0.56 | 0.67 | 0.8 | 0.92 | 0.98 | 1.08 | 1.22 | 1.44 | 1.59 | 1.7 |
french-guiana | 0.02 | 0.04 | 0.08 | 0.1 | 0.13 | 0.16 | 0.21 | 0.23 | 0.26 | 0.29 | 0.39 | 0.41 | 0.45 | 0.47 | 0.52 | 0.56 | 0.59 | 0.6 |
guyana | 0.02 | 0.04 | 0.06 | 0.08 | 0.1 | 0.12 | 0.15 | 0.18 | 0.22 | 0.25 | 0.31 | 0.33 | 0.38 | 0.43 | 0.52 | 0.6 | 0.64 | 0.7 |
peru | 0.07 | 0.13 | 0.22 | 0.36 | 0.45 | 0.56 | 0.69 | 0.86 | 1.01 | 1.14 | 1.39 | 1.6 | 1.79 | 1.94 | 2.15 | 2.41 | 2.61 | 2.8 |
suriname | 0.02 | 0.03 | 0.05 | 0.07 | 0.08 | 0.1 | 0.13 | 0.17 | 0.2 | 0.24 | 0.34 | 0.39 | 0.47 | 0.53 | 0.61 | 0.72 | 0.84 | 0.9 |
venezuela | 0.02 | 0.07 | 0.09 | 0.12 | 0.15 | 0.2 | 0.24 | 0.28 | 0.34 | 0.38 | 0.42 | 0.46 | 0.51 | 0.55 | 0.73 | 0.8 | 0.86 | 1 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
हम शायद उस मुहाने पर खड़े हैं, जिसे वैज्ञानिक तबाही लाने वाला मोड़ कहते हैं. ये वो मोड़ है जहां से आगे बढ़ने पर अमेज़न जैविक क्षेत्र का मिज़ाज पूरी तरह से बदल जाएगा
ऐसा तब होगा जब अमेज़न जैविक क्षेत्र के जंगलों की कटाई 20 से 25 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच जाएगी. और ऐसा अगले 20 से तीस वर्षों में हो सकता है
इससे अमेज़न क्षेत्र में सूखे के मौसम के दिन बढ़ जाएंगे और जंगलों का तापमान भी बढ़ जाएगा. इससे पेड़ मरने लगेंगे और ऊष्ण कटिबंधीय वर्षा वन, अफ्रीका के सवाना के घास के मैदान जैसे दिखने लगेंगे

इन पूर्वानुमानों में अभी भी जंगलों के क्षरण से हो रहे नुक़सान को शामिल नहीं किया गया है. इसकी वजह ये है कि अलग अलग देशों में फैले अमेज़न जैविक क्षेत्र या पनामाज़ोनास को हुए नुक़सान का आकलन कर पाना बहुत मुश्किल है
इसका एक मतलब ये भी हो सकता है कि अमेज़न अपनी तबाही के अनुमान से ज़्यादा क़रीब भी हो सकता है. लेकिन, अगर अमेज़न बर्बादी के मुहाने पर पहुंच गया तो फिर क्या होगा?
कम बारिश

वैज्ञानिक अभी ये बताने की स्थिति में नहीं हैं कि अमेज़न के वर्षा वनों में अचानक परिवर्तन आया तो क्या होगा
लेकिन, ब्राज़ील के जलवायु वैज्ञानिक कार्लोस नोब्रे का कहना है कि इस कारण से पूरे क्षेत्र का तापमान 1.5 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. जिन इलाक़ों में जंगलों का विनाश हो जाएगा, वो सवाना के घास के मैदानों जैसे हो जाएंगे. और इस आकलन में जलवायु परिवर्तन के कारण पहले से ही बढ़ रहे तापमान को शामिल नहीं किया गया है.
तापमान बढ़ने का पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर तबाही वाला प्रभाव पड़ेगा. कम बारिश और अधिक तापमान के कारण, जानवरों या सोया जैसी फ़सलें उगाने के लिए पानी की उपलब्धता कम हो जाएगी.
ज्यादा बीमारियां

कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि वनों के सफाए का संबंध मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों जैसे कि, मलेरिया और लेशमैनियासिस से होता है.
जंगलों के क्षरण के कारण कीड़े मकोड़े अपने भोजन के लिए दूसरे स्रोत तलाशने लगेंगे. वो शहरी बस्तियों के क़रीब पहुंचने लगेंगे
ब्राज़ील के जलवायु परिवर्तन अन्वेषक नेटवर्क (रेड क्लाइमा) की बीट्रिज़ ओलिविएरा कहती हैं कि तापमान बढ़ने के कारण गर्मी से जुड़ी दिल और सांस की बीमारियां भी बढ़ेंगी
ओलिविएरा का कहना है कि, 'अगर हालात आगे भी ठीक वैसे ही रहे, जैसे अभी हैं, तब भी वर्ष 2070 तक अमेज़न जैविक क्षेत्र का तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. इसमें वनों के सफाए के साथ साथ ग्लोबल वॉर्मिंग का भी योगदान होगा.'
ओलिविएरा कहते हैं कि, 'किसी भी जैविक क्षेत्र के वर्षा वनों की जगह कोई और पारिस्थितिकी पैदा होगी तो तापमान में ये बढ़ोत्तरी और भी अधिक हो सकती है. या और भी पहले हो सकती है.'
क्या हम अमेज़न को तबाही के कगार पर पहुंचने से रोक सकते हैं?
कार्लोस नोब्रे के मुताबिक़, इसका एक तरीक़ा है
पहले तो हमें इस इलाक़े में वनों का शून्य कटाई नीति पर अमल करना होगा.'
अगर हम इस बड़े इलाक़े में 60 हज़ार से लेकर 70 हज़ार वर्ग मीटर इलाक़े में वनों को दोबारा उगा सकें, तो
लेकिन, आने वाले समय में ये आसान काम नहीं लग रहा है.

अमेज़न क्षेत्र के नौ देशों में इसे क्या ख़तरा है?
जंगलों का सफ़ाया और इसके कारणों को लेकर अमेज़न जैविक क्षेत्र के नौ देशों की सरकारों, पर्यावरणविदों, कंपनियों और आदिम निवासियों के बीच अक्सर विवाद होता रहता है:इसकी वजह है आर्थिक विकास की अपेक्षाओं का अमेज़न के संरक्षण और इसके मूल निवासियों के बीच टकराव का होना है.
अमेज़न की आबादी का यहां के पूरे इकोसिस्टम पर असर पड़ता है. इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जो इस जैविक क्षेत्र से बाहर और दूर रहते हैं.

एंतोनियो नोब्रे कहते हैं कि, 'अगर अमेज़न के वन नहीं होते, तो मध्य और दक्षिणी ब्राज़ील व रिवर प्लेट बेसिन मिल कर जो घेरा बनाते हैं, वो रेगिस्तान होता.'
लोगों को इस बात का एहसास ही नहीं है कि इस शानदार जलीय व्यस्था को हम गंवा देंगे, तो फिर क्या होगा'
फिर आख़िर किन कारणों से अमेज़न क्षेत्र के हर देश में जंगलों का सफाया हो रहा है? इन देशों में कितने मूल जंगलों का नाश हो चुका है और इन देशों की सरकारें इस प्रक्रिया को रोकने के लिए क्या कर रही हैं?

फ्रेंड्स ऑफ़ नेचर मॉनिटरिंग नाम के एनजीओ के मुताबिक़, मई 2019 में बोलीविया के जंगलों में जो आग लगी थी, उसने लगभग बीस लाख हेक्टेयर जंगलों को तबाह कर दिया था.
आग से तबाह हुए इन जंगलों का आधा हिस्सा संरक्षित क्षेत्र में आता था. जो अपनी व्यापक जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं
पर्यावरणवादी कहते हैं कि बोलीविया के राष्ट्रपति इवो मोरालेस की सरकार ने अमेज़न क्षेत्र में ज़मीन बेचने की नीतियों से जंगलों के सफ़ाए को बढ़ावा दिया है. ये ज़मीन बड़े कारोबारियों को बेच दी जाती है. साथ ही साथ इसे किसानों के बीच भी बांटा जाता है
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 46130 | 52313 | 56086 | 93893 | 69906 | 73075 | 90479 | 65473 | 169272 | 103733 | 88466 | 45314 | 88129 | 38848 | 122277 | 102906 | 57883 | 90531 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
खेती के दायरे के विस्तार का मुख्य लक्ष्य सोया की खेती करने और जानवर पालना होता है. ताकि चीन के बाज़ार की ज़रूरतों के लिए उत्पाद तैयार हो सकें. अगस्त 2019 में इवो मोरालेस ने सांता क्रूज़ से चीन को बीफ के पहले निर्यात का जश्न मनाया था.
इसी इलाक़े में वर्ष 2018 में बोलीविया के कुल सोया उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा पैदा किया गया था. और उसी साल इसी इलाक़े में सबसे भयंकर आग लगी थी
आग से उत्पन्न संकट और आलोचना के बाद इवो मोरालेस ने सांता क्रूज़ इलाक़े में ज़मीन की बिक्री को रोक दिया था. मोरालेस ने इसे 'पारिस्थितिकी प्रतिबंध' कहा था
हमने बोलीविया के पर्यावरण मंत्रालय से पूछा था कि वो वनों की कटाई को रोकने के लिए किस रणनीति पर अमल कर रही है, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
-
2008:पूर्वी बोलीविया का चिक़्वीटैनिया इलाक़ा जानवरों को पालने और सोया की खेती का प्रमुख इलाक़ा है -
2010:जब इवो मोरालेस सत्ता में थे तब बोलीविया में कारोबारियों और किसानों को उत्पादन का दायरा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता था -
2014:जंगलों को साफ़ करने के लिए नियंत्रित रूप से उन्हें आग लगा कर नष्ट करना इस इलाक़े में बहुत आम है -
2016:इवो मोरालेस ने जब किसानों के लिए साफ़ की जा सकने वाली ज़मीन का दायरा चार गुना बढ़ा दिया था, उसके बाद इस क्षेत्र में जंगलों की कटाई की प्रक्रिया बहुत तेज़ हो गई थी -
2018:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के अनुसार बोलीविया दुनिया भर के उन पांच देशों में शुमार हो गया था, जहां पर मूल जंगलों को नष्ट करने की प्रक्रिया सबसे तेज़ थी. 2019 में जंगल की आग के कारण अमेज़न में बीस लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र ख़त्म हो गए थे
वर्ष 2004 से 2014 के बीच ब्राज़ील में जंगलों के नष्ट होने की रफ़्तार काफ़ी कम हो गई थी. इस कारण से ब्राज़ील को पूरी दुनिया से वाहवाही भी मिली थी. क्योंकि कुल दस वर्षों में ब्राज़ील में वनों को हुए नुक़सान में 80 प्रतिशत तक की गिरावट आई थी.
लेकिन, ब्राज़ील में एक बार फिर से जंगलों की सफाई तेज़ हो गई है
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 1497092 | 1396414 | 1854977 | 1716304 | 1337658 | 1063041 | 1004269 | 657409 | 1080839 | 739458 | 1035878 | 579279 | 874127 | 777059 | 2717808 | 1963295 | 1280391 | 1294540 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
नवंबर 2019 में, ब्राज़ील की सरकार ने विशेषज्ञों के उस आकलन को सही साबित करने वाले आंकड़े प्रकाशित किए थे, जिनके मुताबिक़ 2018 और 2019 के मध्य में अमेज़न क्षेत्र में जंगलों का विनाश इससे पहले के वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है
ब्राज़ील में 2008 के बाद से 9 लाख 80 हज़ार हेक्टेयर (9800 वर्ग किलोमीटर) वनों को काट कर ज़मीन साफ़ कर दी गई. जो किसी भी देश में साफ़ की गई सबसे अधिक ज़मीन है
और इन आंकड़ों में अगस्त 2019 के आंकड़े शामिल नहीं हैं. जबकि उस दौरान अमेज़न जैविक क्षेत्र में सबसे भयंकर आग लगी थी
ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो की सरकार ने दावा किया था कि अमेज़न में लगी इस आग का कारण सूखे का मौसम है. लेकिन, आईपीएएम और एकरे की संघीय यूनिवर्सिटी के अन्वेषण में ये दावा ग़लत पाया गया था
उनकी रिपोर्ट के अनुसार अमेज़न की आग का सीधा संबंध वनों की कटाई से है
एरिका बेरेनग्यूअर कहती हैं कि, 'पेड़ों की कटाई के बाद, वो सूखी पत्तियों को कई महीनों तक पड़ा रहने देते हैं. फिर इन सूखे पत्तों को साफ़ करने के लिए आग लगा देते हैं. इसके बाद साफ़ हुई ज़मीन में घास उगाई जाती है, ताकि चरागाह तैयार किए जा सकें.'

विश्व खाद्य संगठन के अनुसार, ब्राज़ील में 80 प्रतिशत पेड़ों का विनाश सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से मवेशी पालने से जुड़ा हुआ है. ब्राज़ील दुनिया का सबसे बड़ा बीफ़ निर्यातक है. बीफ़ का उद्योग ब्राज़ील के कुल जीडीपी का 7 प्रतिशत है. जबकि, देश के कुल निर्यात में इसका हिस्सा 4.6 प्रतिशत है.
आज की तारीख़ में ब्राज़ील के 40 प्रतिशत जानवर अमेज़न जैविक क्षेत्र में पड़ने वाले राज्यों में पाले जाते हैं. लेकिन, ये पूरी कहानी का महज़ एक पहलू है
ब्राज़ील में पड़ने वाले अमेज़न जैविक क्षेत्र का 6 करोड़ वर्ग हेक्टेयर हिस्सा सार्वजनिक क्षेत्र माना जाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो सरकार के नियमों के मुताबिक़ उनकी कोई वैधानिक परिभाषा तय नहीं है.
स्टैबाइल कहते हैं कि मिसाल के तौर पर ये कोई संरक्षित क्षेत्र नहीं हैं. न ही ये आदिम जनजातियों वाले इलाक़े घोषित हैं. इसीलिए लोग ख़ुद ही इस वन क्षेत्र के जंगलों को साफ़ करके ज़मीन तैयार करते हैं. और फिर वहां जानवर पालने लगते हैं. ये उस इलाक़े पर कब्ज़ा करने का सबसे सस्ता तरीक़ा है
अगर ज़मीन के किसी टुकड़े पर एक भी पेड़ नहीं है, तो ये बाज़ार के लिए ज़्यादा क़ीमती है
जंगलों को साफ़ करके तैयार की गई ज़मीन का ब्राज़ील में मूल रूप से जानवर पालने में इस्तेमाल होता है. लेकिन, हर बार इसका मक़सद मांस के उत्पादन से पैसे कमाना नहीं होता. बल्कि ज़मीन बेच कर पैसे कमाना होता है मार्सेलो स्टैबाइल, अमेज़न पर्यावरण रिसर्च संस्थान IPAM
मार्सेलो स्टैबाइल कहते हैं कि जंगल काटने की प्रक्रिया का अगला क़दम होता है किसी ज़मीन पर अवैध रूप से मालिकाना हक़ जमाना और फिर उसे बेचना. और फिर वो जंगल के किसी और हिस्से को काटने लगते हैं. ये ज़मीन आम तौर पर बड़े पैमाने पर खेती करने वालों को बेची जाती है. ऐसे में ये पता करना मुश्किल होता है कि ज़मीन के किस हिस्से को क़ानूनी तौर पर सही तरीक़े से साफ़ किया गया और जंगल का कौन सा हिस्सा अवैध रूप से काटा गया
यही हाल कोलंबिया, पेरू और इक्वाडोर का है
मार्सेलो स्टैबाइल और अन्य जांच कर्ताओं के अनुसार ब्राज़ील अमेज़न के वर्ष वनों के एक भी हेक्टेयर को और नुक़सान पहुंचाए बिना भी अपने जानवरों की पैदावार को दो गुना या तीन गुना तक बढ़ा सकता है.
मार्सेलो कहते हैं कि, 'असल में जो हो रहा है, उसे ज़मीन का जुआ कहना चाहिए. अगर सरकार इन इलाक़ों को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर दे, तो फिर इन जंगलों को काटना मुनाफ़े का सौदा नहीं रह जाएगा'
पर्यावरणविद और जांच कर्ताओं के अनुसार बोलसोनारो सरकार के बयान और उसकी नीतियां, जंगलों को काटने को बढ़ावा देने वाले हैं. इसके अलावा इन नीतियों से आदिम जनजातियों का शोषण भी होता है

हालांकि ब्राज़ील की सरकार इस बात से इनकार करती है, लेकिन राष्ट्रपति बोलसोनारो ने कहा था कि वो 'पर्यावरण करों के उद्योग' को ख़त्म करना चाहते हैं. और ये मानते हैं कि देश में कुछ ज़्यादा ही संरक्षित क्षेत्र हैं. बोलसोनारो की सरकार आदिम जनजातियों की ज़मीनों पर भी उत्खनन की इजाज़त देना चाहती है.
जनवरी से सितंबर 2019 के बीच, मूल निवासियों की ज़मीनों पर हमले और अतिक्रमण में पिछले साल के मुक़ाबले 40 प्रतिशत इज़ाफ़ा देखा गया था. इन हमलों का इल्ज़ाम ज़मीनें साफ़ करने वालों, पेड़ काटने वालों और खनन करने वालों पर लगाया गया था
हाालांकि, मई महीने में जैसे ही कोरोना वायरस की महामारी बढ़ी, तो लगभग चार हज़ार सुरक्षा बलों को जून महीने तक के लिए अमेज़न क्षेत्र में भेजा गया. ताकि, पेड़ों को ग़ैर क़ानूनी रूप से काटने और अन्य अवैध गतिविधियों को रोका जा सके. लेकिन, हो सकता है कि इन सुरक्षा बलों को उसके बाद आने वाले सूखे मौसम के लिए भी जंगल में ही रोके रखा जाए
पर्यावरण मंत्री रिकार्डो सैलेस कहते हैं कि कोरोना वायरस की महामारी ने इस साल अमेज़न क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को बढ़ा दिया है
हालांकि, ब्राज़ील के राष्ट्रपति बोलसोनारों ने अवैध रूप से पेड़ काटने और खनन करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई न करने की बात कही है. बोलसोनारो का कहना है कि अवैध काम करने वालों के उपकरणों को वहां पर नष्ट नहीं किया जा सकता, जहां इन्हें जंगल से बाहर ला पाना मुमकिन नहीं है. आलोचक कहते हैं कि इससे अवैध खनन और ग़ैर क़ानूनी रूप से पेड़ काटने वालों को ये संदेश जाता है कि सरकार उनके साथ खड़ी है
2017 में पूरे अमेज़न क्षेत्र में, कोलंबिया में सबसे ज़्यादा जंगल काटे जा रहे थे. ये ख़ुद कोलंबिया के इतिहास में सबसे अधिक वन नष्ट करने का रिकॉर्ड था. एक लाख चालीस हज़ार हेक्टेयर से भी ज़्यादा जंगल काट डाले गए थे. जो इससे पहले के साल से दो गुना अधिक थे
कोलंबिया में इतने बड़े पैमाने पर इसलिए जंगलों का विनाश हुआ क्योंकि 2016 में कोलंबिया के फार्स विद्रोहियों और सरकार के बीच शांति समझौता हो गया था. जिसके कारण जंगलों पर नियंत्रण को लेकर एक ख़ालीपन आ गया था
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 47801 | 20116 | 57147 | 42836 | 36571 | 75630 | 65279 | 43907 | 45723 | 56573 | 48209 | 47922 | 63713 | 36613 | 71671 | 122771 | 153835 | 91369 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
सामुदायिक नेता कहते हैं कि फार्स के विद्रोही एक तरह से पर्यावरण पुलिस का काम कर रहे थे. वो किसानों को जंगल साफ करने की अनुमति देने की प्रक्रिया को नियंत्रित करते थे. साथ ही खेती या जानवर पालने के लिए जंगल जलाने की इजाज़त देने पर उनका नियंत्रण था
फाउंडेशन फॉर कंज़रवेशन ऐंड सस्टेनेबल डेवेलपमेंट के निदेशक रोड्रिगो बोटेरो कहते हैं कि, 'फार्स के कारण सरकारी अधिकारी जंगलों के पास तक नहीं फटकते थे. और फार्स की अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों की पनाह की ज़रूरत थी. इसी कारण से फार्स के विद्रोही, जंगलों के संरक्षण को लेकर सख़्ती बरतते थे.'
हालांकि ऐसा लग रहा है कि कोलंबिया में अब अमेज़न क्षेत्र के जंगलों को साफ़ करने की होड़ सी लगी हुई है. बोटेरो कहते हैं कि इसमें बड़े पैमाने पर खेती करने वाले, स्थानीय अधिकारी, ड्रग डीलर और ईएलएन जैसे अन्य अर्धसैनिक बल शामिल हैं.
बोटेरो कहते हैं कि ज़मीन का एक बाज़ार है और सरकार उसकी अनदेखी नहीं कर सकती

कोलंबिया की सरकार ने वनों का विनाश रोकने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर फाइट अगेंस्ट डिफ़ॉरेस्टेशन का गठन किया था
कोलंबिया के पर्यावरण एवं स्थायी विकास मंत्रालय के अनुसार, ये समूह उन हिस्सों की पहचान करता है जहां जंगलों का सफाया किया गया, इसके कारण का पता लगाता है और ये तय करता है कि क्या कार्रवाई करने की ज़रूरत है
2018 में बने एक क़ानून ने जल, जैव विविधता और पर्यावरण की रक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्राथमिकता के विषय घोषित कर दिया था. अब कोलंबिया की सरकार अमेज़न नेशनल पार्क जैसे इलाक़ों में अवैध गतिविधियां रोकने के लिए सीधे दखल दे सकती है
इसके अलावा कोलंबिया की सरकार उन लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करती है जो अवैध रूप से जंगल काटते हैं. इसके अलावा वनों के संरक्षण को रोकने के लिए सरकार वित्तीय मदद देने वाले कार्यक्रम भी शुरू करती है
वर्ष 2018 तक कोलंबिया के अमेज़न जैविक क्षेत्र से 11.7 प्रतिशत मूल जंगल नष्ट हो चुके थे. इनमें से 14% जंगल बीते आठ वर्षों में तबाह हुए हैं. लेकिन अब कोशिशों के रंग लाने के संदेश मिल रहे है. वर्ष 2019 में प्राथमिक वनों की कटाई में काफ़ी गिरावट देखी गई. हालाँकि शांति समझौते से पहले की किसी भी साल की तुलना में जंगलों की कटाई अब भी अधिक थी.
इक्वाडोर के उत्तर में पाम ऑयल का उत्पादन ही अमेज़न क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है
पाम ऑयल का उपयोग पूरी दुनिया के उद्योगों में होता है. इसका इस्तेमाल चॉकलेट, कॉस्मेटिक, साफ सफाई के उत्पाद और ईंधन बनाने में होता है
लैटिन अमरीका में इक्वाडोर पाम ऑयल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. पूरी दुनिया में इस मामले में इक्वाडोर का छठां स्थान है
ग्लोबल फॉरेस्ट वाच और माप के अनुसार, इक्वाडोर में जंगलों के सफाए का प्रमुख कारण ये है कि यहां पिछले दस बरस में कोकोआ और पाम ऑयल के बागीचों का दायरा बहुत बढ़ा है
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 4723 | 3022 | 3967 | 4657 | 4680 | 5322 | 7054 | 6001 | 7198 | 9363 | 10599 | 10770 | 5034 | 7616 | 11944 | 18775 | 12345 | 11359 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
ये विशेष रूप से चिंता का विषय है कि अमेज़न जैविक क्षेत्र का केवल दो प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद इक्वाडोर के जंगलों में सबसे अधिक जैव विविधता पाई जाती है. यासुनी पार्क क्षेत्र के केवल एक हेक्टेयर इलाक़े में आपको पेड़ों की 670 प्रजातियां मिलेंगी. जो पूरे उत्तर अमेरिका में पाये जाने वाले पेड़ो की नस्लों से ज़्यादा है
इससे भी अधिक अहम बात ये है कि इक्वाडोर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ बायोडावर्सिटी के मुताबिक़, देश के अमेज़न क्षेत्र के जंगलो में पाए जाने वाले पेड़ों की 40 से 60 प्रतिशत नस्लों के बारे में आज भी जानकारी नहीं है

खनन का विस्फोट
इक्वाडोर में खनन के प्रोजेक्ट और तेल की खोज के अभियानों ने भी सुर्ख़ियां बटोरी हैं
ऐसा ही एक प्रोजेक्ट मिराडोर में है. यहां तांबे, सोने और चांदी की खुली खदान है जो अमेज़न के दो राज्यों में बनायी जाएगी. ये इक्वाडोर में अपनी जगह का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. मगर ये इकलौता ऐसा प्रोजेक्ट नहीं है
इक्वाडोर की सरकार कहती है कि अमेज़न क्षेत्र में जो औद्योगिक उत्खनन एक चीनी कंपनी कर रही है, वो एक ज़िम्मेदार प्रोजेक्ट होगा और इससे जो कमाई होगी उसे स्थानीय बुनियादी ढांचे के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा.
हालांकि, जांच कर्ताओं का मानना है कि अमेज़न क्षेत्र में खनन की ऐसी गतिविधियां इस क्षेत्र के लिए समस्याएं खड़ी करेंगी
इकोसाइंस फाउंडेशन के वैज्ञानिक निदेशक कारमेन होसे कहते हैं कि, 'इन प्रोजेक्ट के कारण वनों का विनाश तो होगा ही, और हम ये भी नहीं जानते कि वो कहां पर बांध बनाने जा रहे हैं और उन पर नज़र कैसे रखेंगे'
वो बहुत अधिक जैविक विविधता वाले ऊबड़ खाबड़ इलाक़े हैं. हम ब्राज़ील के ब्रुमानडिन्हो जैसे हादसे अपने यहां नहीं चाहते कारमेन होसे, इकोसाइंस फाउंडेशन
हमने इक्वाडोर की सरकार से सवाल किया कि वो खनन से जंगलों के सफाए को रोकने के लिए कौन सी रणनीति अपना रहे हैं. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है
अवैध खनन करने वालों को तलाशते फ्रेंच गुयाना के सैनिक
ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच ने 2016 में कहा था कि फ्रेंच गुयाना में पड़ने वाले अमेज़न क्षेत्र के 75 फ़ीसद जंगल अब तक इंसानों की पहुंच या उसके दख़ल से अनछुए हैं
अमेज़न क्षेत्र में फ्रेंच गुयाना ही ऐसा देश है, जहां का सबसे अधिक इलाक़ा संरक्षित जंगलों की श्रेणी में आता है. यहां के लगभग 50 प्रतिशत जंगल संरक्षित क्षेत्र हैं और यहां वनों को सबसे कम नुक़सान हुआ है
लेकिन, फ्रेंच गुयाना में मूल निवासियों के प्रतिनिधि और पर्यावरणविद इस बात से चिंतित हैं कि देश में वैध और अवैध उत्खनन बढ़ रहा है. संरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण भी बढ़ रहा है
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 1628 | 1267 | 3268 | 2024 | 1944 | 2420 | 3713 | 2088 | 2417 | 2141 | 7405 | 1948 | 2788 | 1946 | 3921 | 2739 | 2613 | 2271 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
2019 की शुरुआत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों ने गुयाना के अमेज़न नेशनल पार्क के भीतर सोने के खनन के एक बड़े प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था. जबकि अपने कार्शुयकाल की रुआत में मैक्रों ने ही इस प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी थी. इस प्रोजेक्ट को स्थगित करने के पीछे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अभियानों का हाथ था
इसके बावजूद, अमेज़न नेशनल पार्क को अवैध खनन से ही सबसे अधिक ख़तरा है. सुरक्षा बलों ने पता लगाया है कि वर्ष 2017 के बाद से इस इलाक़े में अवैध उत्खनन तेज़ी से बढ़ रहा है
तीन लाख से भी कम आबादी वाले फ्रेंच गुयाना में आठ से दस हज़ार अवैध खनन कर्ता हैं. 2008 के वित्तीय संकट के बाद से सोने की क़ीमतों में लगातार इज़ाफ़े के कारण दुनिया भर के जंगलों में सोने की तलाश करने की होड़ लग गई है

फ्रेंच गुयाना में सोने के अवैध खनन के ख़िलाफ़ अभियान की अगुवाई करने वाले विदेशी दस्ते की अगुवाई करने वाले कैप्टन वियाने बताते हैं कि, 'ज़्यादातर मामलों में ब्राज़ील के ग़रीब बच्चे आसानी से पैसा कमाने के लिए ये काम करते हैं. वो इसके लिए कई कई महीनों तक जंगलों में पड़े रहते हैं.'
हमने फ्रांस के विदेशी क्षेत्र मंत्रालय से पूछा कि जंगलों का सफाया रोकने के लिए सरकार आख़िर क्या रणनीति अपना रही है? मगर उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया
गुयानाा का 95 प्रतिशत इलाक़ा अमेज़न जैविक क्षेत्र में आता है
गुयाना, अपने जंगलों से दो तरह का बर्ताव करता है. जो बहुत से लोगों की नज़र में विरोधाभासी है. एक तरफ तो गुयाना अपने जंगलों का आर्थिक रूप से इस्तेमाल करना चाहता है तो दूसरी ओर गुयाना ख़ुद को ऐसे हरित देश के तौर पर प्रचारित करता है जो अमेज़न की रक्षा करता है
गुयाना में जंगलों की कटाई की वार्षिक दर पूरे क्षेत्र में सबसे कम है. वर्ष 2018 में यहां जंगलों की कटाई की वार्षिक दर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ केवल 0.051 प्रतिशत थी
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 2802 | 4199 | 2612 | 3554 | 3722 | 3318 | 6350 | 4896 | 6619 | 5804 | 8927 | 4503 | 7764 | 8439 | 16653 | 13362 | 7549 | 12787 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
अमेज़न के संरक्षण में गुयाना की कामयाबी की एक बड़ी वजह वन प्रबंधन आयोग का गठन भी है. ये आयोग यह तय करता है कि कौन से पेड़ काटे जा सकते हैं और किन्हें नहीं काटा जा सकता
हालांकि, सरकार द्वारा नियंत्रित पेड़ों की क़ानूनी कटाई को भी जंगलों के साफ होने के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है. पर्यावरणविदों के अनुसार बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को पेड़ों की कटाई का लाइसेंस देने से उन्हें अनछुए जंगलों तक दख़ल देने का अधिकार मिल जाता है. इसका फ़ायदा अवैध खनन करने वाले उठाते हैं
गुयाना के वन आयोग के मुताबिक़ उसने जंगल के किसी नए इलाक़े में 2015 के बाद से पेड़ों की वैध कटाई का लाइसेंस नहीं दिया है
गुयाना की सरकार का कहना है कि, हक़ीक़त ये है कि कई इलाक़ों को उन कंपनियों से वापस ले लिया गया था, जो पहले उन्हें जंगल साफ करने के लिए ठेके पर दिए गए थे. और इन वापस लिए गए क्षेत्रों को संरक्षित इलाक़ा घोषित कर दिया था
गुयाना के वन आयोग के अनुसार देश में जंगलों को हो रहे नुक़सान का 85 प्रतिशत कारण अवैध खनन और ख़ास तौर से सोने के लिए खुदाई ज़िम्मेदार है. सोना, गुयाना का प्रमुख निर्यात उत्पाद है

गुयाना की सरकार कहती है कि उसके पास, 'हरित देश के विकास की रणनीति' है जिसमें पर्यावरण पर्यटन और पुनर्नवीनीकृत ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक निवेश कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन पर सख़्त पाबंदियां और वन संरक्षण को बढ़ावा देने के बिंदु शामिल हैं
इन सभी गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय समझौतों की मदद से चलाया जाता है, ताकि अमेज़न जैविक क्षेत्र का संरक्षण हो सके और समुद्र में तेल के बड़े भंडार तलाशे जाएं
पेरू में जंगलों के सफ़ाए के लिए मूल रूप से छोटे पैमाने पर होने वाली खेती ज़िम्मेदार है. लेकिन, हाल के दिनों में पाम ऑयल के बागीचे, कोकोआ औऱ कोका के बाग लगाने के सिलसिले में भी तेज़ी आई है
2018 के एक अध्ययन के मुताबिक़, अमेज़न क्षेत्र की फ़सलों का महज़ 4 प्रतिशत होने के बावजूद पाम ऑयल के बाग ही 2007 से 2013 के बीच 11 प्रतिशत जंगलों के विनाश का कारण बने थे. पाम ऑयल का इस्तेमाल पूरी दुनिया में खाद्य पदार्थ, कॉस्मेटिक और जैविक ईंधन के तौर पर किया जाता है.
पेरू के इंस्टीट्यूट डे बिएन कॉमुन (आईबीसी पेरू) की सैंड्रा रायोस कहती हैं कि कुछ पाम ऑयल उत्पादकों पर जंगलों को नुक़सान पहुंचाने का जुर्माना लगाने के बाद उन्होंने छोटे किसानों से ज़मीनें ख़रीदनी शुरू कर दीं. क्योंकि किसानों ने ये ज़मीने पहले ही अवैध तौर पर जंगल साफ करके तैयार की थीं.
पेरू की सरकार जंगलों को अवैध रूप से काटने की गतिविधि पर निगरानी रखने, उस पर क़ाबू रखने और जंगल काटने वालों को दंडित करने के मामले में सुस्त रही है सैंड्रा रायोस, आईबीसी पेरू
हमने पेरू के पर्यावरण मंत्री से जंगलों का सफाया रोकने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति के बारे में पूछा था लेकिन, उन्होंने हमें कोई जवाब नहीं दिया
पेरू में अमेज़न के जंगलों को सोने के अवैध खनन से सबसे ज़्यादा ख़तरा है. पूरे लैटिन अमरीका में पेरू, सोने का सबसे बड़ा निर्यातक है. दुनिया भर के सोने के निर्यातकों में पेरू का छठां स्थान है. लेकिन, विशेषज्ञ कहते हैं कि पेरू का एक चौथाई सोना, अवैध उत्खनन से आता है.
2006 के बाद से पेरू में सोने की तलाश में और तेज़ी देखी गई है. ख़ास तौर से यहां के तम्बोपाटा नेचर रिज़र्व क्षेत्र में. ये इस क्षेत्र के सबसे अधिक जैव विविधता वाले इलाक़ों में से एक है. दुनिया भर में सोने के बढ़ते दाम और ब्राज़ील पेरू ट्रांसओशियानिक हाइवे के निर्माण के कारण ही पेरू में सोने की तलाश तेज हुई है
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 45814 | 43622 | 61903 | 97220 | 58529 | 77830 | 88568 | 120049 | 100856 | 88782 | 176931 | 142699 | 132921 | 104726 | 142541 | 180299 | 140042 | 161468 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
प्रशांत महासागर तट से अटलांटिक तट को जोड़ने वाली सड़क ने न केवल आवाजाही को आसान किया है, बल्कि इसने जंगल के उन इलाक़ों में जाना भी आसान बनाया है, जहां जाना पहले असंभव समझा जाता था. इस इलाक़े में खनन करने वाला समूह जिसे ला पाम्पा भी कहा जाता है, वो बढ़ कर पांच हज़ार सदस्यों का हो गया है
ये खनन करने वाले अमेज़न में हरियाली यानी पेड़ पौधों को काट कर साफ़ कर देते हैं, ताकि सोने की तलाश कर सकें. वो अन्य धातुओं से सोने को अलग करने के लिए पारे का इस्तेमाल करते हैं. जिससे पानी ज़हरीला हो जाता है. इस प्रक्रिया के कारण स्थानीय जानवरों तक ज़हर पहुंचता है
सेंटर फॉर अमेज़ोनियन साइंटिफिक इनोवेश (सिनसिया) के अनुसार, 2017 में खनन के कारण जंगलों को नुक़सान 1985 के बाद सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया था
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2007:ब्राज़ील और पेरू के बीच ट्रांसओशियानिक हाइवे की शुरुआत, जो टैम्बोपाटा नेचर रिज़र्व के पास से गुज़रता है, जो अमेज़न में सबसे ज़्यादा जैविक विविधता वाला क्षेत्र है -
2010:जब सड़क निर्माण कार्य ख़त्म हो गया तो अवैध उत्खनन के ला पाम्पा एनक्लेव की स्थापना हुई -
2013: वैज्ञानिकों के अनुसार इस हाइवे के कारण जंगल के उन इलाक़ों तक भी पहुंचा जा सकता है जहां पहले जाना मुमकिन नहीं था. इस कारण से जंगलों के नष्ट होने में तेज़ी आई, ताकि खनन के लिए और ज़मीन साफ की जा सके -
2016:अमेज़न एंडीज़ मॉनिटरिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार टम्बोपाटा रिज़र्व में अवैध उत्खनन के कारण 350 हेक्टयेर जंगलों का सफाया हो गया -
2018:ला पाम्पा समूह अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया. इसमें 5 हज़ार से अधिक सक्रिय खननकर्ता शामिल थे. जिसके बाद इस खनन शिविर को रोकने के लिए सैन्य अभियान चलाना पड़ा
पिछले साल मार्च में पेरू की सरकार ने ला पाम्पा में अवैध खनन करने वालों के ख़िलाफ़ सैन्य अभियान चलाने के लिए 60 दिन के आपातकाल का एलान कर दिया
सूरीनाम के कुल क्षेत्र का 94 प्रतिशत इलाक़ा अमेज़न बायोम में पड़ता है. इस जैविक क्षेत्र के संरक्षण के मामले में सूरीनाम का रिकॉर्ड कई देशों से बहुत बेहतर है
हालांकि, 2012 के बाद से सूरीनाम में जंगलों के सफ़ाए में तेज़ी दर्ज की गई है. इसकी प्रमुख वजह सोने का उत्खनन है

वन प्रबंधन एवं उत्पादन नियंत्रण फाउंडेशन के अनुसार, वर्ष 2000 से 2014 के बीच, सूरीनाम में खनन के क्षेत्र में 893 प्रतिशत का इज़ाफ़ा दर्ज किया गया था. जबकि, इससे पहले सूरीनाम में सोने की खुदाई को छोटे दर्जे का उद्योग या सुनारों के काम करने वाली खानों वाले देश के तौर पर जाना जाता था.
इस सरकारी फाउंडेशन का कहना है कि सूरीनाम में जंगलों के सफाए की 73 प्रतिशत जवाबदेही उत्खनन की है
अपने छोटे आकार के बावजूद, सूरीनाम दुनिया के सोना उत्पादक देशों में दसवें नंबर पर आता है. साफ़ है कि ये बिना अवैध खनन के संभव नहीं
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 1916 | 2218 | 2703 | 1763 | 1860 | 2091 | 4367 | 4217 | 4794 | 4103 | 13377 | 6624 | 9638 | 8060 | 10425 | 13706 | 15363 | 13995 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
सूरीनाम में ज़्यादातर अवैध खनन अधिकारियों की नज़र से बचने के लिए दूर दराज़ के इलाक़ों में होता है. ऐसा माना जाता है कि सूरीनाम में सोने की खुदाई में लगे 60 प्रतिशत खदान मज़दूर ब्राज़ील के रहने वाले हैं, जो अवैध रूप से सीमा पार करके यहां काम करने आते हैं
आदिम जनजातियों या गुलामों के वंशजों के क़ब्ज़े वाले कई बड़े इलाक़ों में खनन ही लोगों की रोज़ी रोटी का प्रमुख ज़रिया बन गया है
वेनेज़ुएला में अब तक अमेज़न के कितने जंगल नष्ट हो चुके हैं, इनका कोई ताज़ा आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. लेकिन, वेनेज़ुएला के हालात की निगरानी करने वाले स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में वेनेज़ुएला में वनों का विनाश तेज़ हो गया है. ख़ास तौर से ओरिनोको माइनिंग आर्क के गठन के बाद से इसमें और तेज़ी आई है
2014 के बाद से कच्चे तेल के दाम में नाटकीय ढंग से गिरावट और वेनेज़ुएला में तेल का उत्पादन कम होने के बाद, मादुरो सरकार ने अपना ध्यान देश के समृद्ध खनिज संसाधनों जैसे कि अमेज़न के दोहन पर केंद्रित किया है
माना जाता है कि प्राकृतिक स्वर्ण भंडार के मामले में वेनेज़ुएला छठवें स्थान पर आता है और यहां की खदानों में क़रीब 7 हज़ार टन सोना होने का अनुमान है
ओरिनोको माइनिंग आर्क का गठन 2016 में हुआ था. इसके गठन के बाद, देश के एक लाख 12 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में क़ीमती धातुओं जैसे कि सोना, हीरा और कोल्टन (कोलम्बाइट और टैंटााइट का मिश्रण जिसे मोबाइल के उत्पादन में इस्तेमाल करते हैं) की तलाश के लिए लाइसेंस देने की शुरुआत हुई. ये क्षेत्र वेनेज़ुएला के कुल क्षेत्रफल का 12 प्रतिशत है
इस इलाक़े के दायरे में प्रमुख प्राकृतिक क्षेत्र, संरक्षित वन क्षेत्र, एक अमेज़न नेशनल और कम से कम चार नामित आदिम जनजातियों वाले क्षेत्र हैं
प्रोविटा नाम के स्वयंसेवी संगठन के पारिस्थितिकी वैज्ञानिक कार्लोस पेलाएज़ कहते हैं कि, 'ओरिनोको क्षेत्र पारंपरिक रूप से उत्खनन वाला इलाक़ा रहा है. यहां तक कि यहां के मूल निवासी भी इस इलाक़े में खनन करते रहे हैं.'
कार्लोस कहते हैं कि, 'क़ानून में पहले से ही वैध खनन के लिए प्रावधान था. और इससे अवैध खनन कम नहीं हुआ. इसका पर्यावरण और स्थानीय आबादी पर बहुत बुरा असर पड़ा है'
मादुरो की योजना थी कि वो विदेशी खनन कंपनियों को रियायती दरों पर खनन की इजाज़त देंगे. इसके लिए शर्त ये थी कि वो वेनेज़ुएला की सरकारी कंपनियों के साथ गठबंधन करेंगी, ताकि उस क्षेत्र में अपनी गतिविधियां वैध रूप से चला सकें
लेकिन, कार्लोस के मुताबिक़ इससे छोटे पैमाने पर खनन की गतिविधियों में विस्फोटक इज़ाफ़ा हो गया
वेनेज़ुएला के सेंट्रल बैंक के अनुसार अकेले वर्ष 2018 में सरकार ने घरेलू बाज़ार से 9.2 टन सोना ख़रीदा था. ये 2011 से 2017 के दौरान ख़रीदे गए सोने के बराबर मात्रा थी
year | 2002 | 2003 | 2004 | 2005 | 2006 | 2007 | 2008 | 2009 | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 | 2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |
hectares | 7400 | 16309 | 9882 | 8515 | 10332 | 18307 | 12820 | 17304 | 20090 | 12136 | 17090 | 12684 | 17193 | 13024 | 64016 | 25215 | 22547 | 52897 |
स्रोत:ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच |
इस कारण से पूरे इलाक़े में तबाही आ रही है
कार्लोस कहते हैं कि, 'इस इलाक़े में पाया जाने वाला सोना घटिया दर्ज़े का होता है. ये गंदा होता है. ऐसे में ज़मीनी स्तर पर अवैध काम करने वालों को बहुत कम पैसा मिलता है'
लोग जंगलों को तबाह कर रहे हैं और जहां मर्ज़ी होती है वहां वो खुदाई कर रहे हैं. वो ज़मीन को ऐसे बंज़र बना रहे हैं, जहां कुछ भी नहीं उग सकता. यहां जंगलों के सफाए के बाद दोबारा कुछ भी नहीं उगाया जा सकेगा कार्लोस पेलाएज़, प्रोविटा
उत्खनन के कारण बड़ी मात्रा में बजरी निकलती है, जो देश की प्रमुख नदियों में जमा हो रही है. सोने को अशुद्धियों से अलग करने के लिए पारे का इस्तेमाल होता है. इससे नदियां ज़हरीली हो रही हैं और आदिम निवासी ज़हर पी रहे हैं
रायस के एक अध्ययन के मुताबिक़, पूरे अमेज़न क्षेत्र में सबसे ज़्यादा अवैध खदानें वेनेज़ुएला में पायी जाती हैं. अकेले ओरिनोको खनन आर्क में ही 1899 अवैध खदानें हैं

वेनेज़ुएला में राजनीतिक संकट के बीच, देश की राष्ट्रीय असेंबली ने ओरिनोको माइनिंग आर्क की स्थापना करने वाले क़ानून को बदलने का प्रयास किया था. और इसे पर्यावरण के ख़िलाफ़ अपराध या 'इकोसाइड' का नाम दिया था
हमने वेनेज़ुएला के कम से कम तीन मंत्रालयों से पूछा कि वो ओरिनोको ज़ोन में जंगलों का विनाश रोकने के लिए क्या रणनीति बना रहे हैं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया
क्रेडिट
रिपोर्टिंग:कैमिला कोस्टा
टेक्स्ट:कैमिला कोस्टा और कैरोल ओलोना
डिज़ाइन और ग्राफिक्स:सेसिलिया टोम्बेसी
प्रोडक्शन:मार्टा मार्टी ऐंड मार्कोस गुर्गेल
अनुवाद:डोमिनिक बेले
वेिशेष धन्यवाद:कार्लोस नोब्रे, रेड अमेज़ोनिया सस्टेनेबल, रेड अमेज़ोनिका डे इन्फॉर्माशियान सोशियोएम्बिएनटलल जियोरेफरेंससियाडा (रायसजी), यूलिया जैकोमिनी, गुस्तावो फलेरियोस, इन्फोअमेज़ोनिया, थियागो मेडाग्लिया, एरिका, बेरेनग्यूअर, रोड्रिगो बोटेरो, माइकेला वीसे, ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच