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नरेंद्र मोदी सरकार कितने वादों को पूरा कर पाई?

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस ने 2014 के आम चुनावों में शानदार जीत हासिल कर सरकार का गठन किया. कुछ ही महीने में यह सरकार अपने पांच साल पूरे करने वाली है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जो वादे किए थे, बीबीसी ने उनकी पड़ताल की है.

आकलन करने का तरीका

2014 के घोषणापत्र में किए वादों को पूरे करने की दिशा में हुई प्रगति के हिसाब से हमने उन्हें तीन कैटेगरियों में बांटा है.

काम पूरा: घोषणा पत्र के वे वादे जो पूरे हुए हैं.

काम जारी: वे वादे जिन पर सरकार ने नई योजनाओं को जोड़कर, आवंटन बढ़ाकर या फिर नियमों से सुधार लाकर कुछ प्रगति की है.

कोई काम नहीं: घोषणापत्र के वे वादे जिन पर सरकार ने कोई काम नहीं किया है. इसमें वे मामले भी शामिल हैं जिन पर सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रस्ताव को खारिज़ कर दिया.

हमारी डेटा टीम ने हर वादे को परखा है, और उसके बाद उस मामले में हुई प्रगति के मुताबिक, उसकी कैटेगरी तय की है. इसके लिए टीम ने संसद में पूछे गए सवालों, आधिकारिक रिपोर्टों और सर्वेक्षणों को देखा है. हर वादे को किस कैटेगरी में क्यों रखा गया है, यह भी बताया गया है. साथ में, जहां से आधिकारिक जानकारी मिली है, उसका लिंक भी दिया गया है.

हमने 2014 के घोषणा पत्र से 393 वादों को निकाला था, लेकिन इस विश्लेषण में हमने 346 वादों को ही शामिल किया है. कुछ वादों में दोहराव था और कुछ वादे बहुत सामान्य थे, जिन्हें साबित नहीं किया जा सकता था. बाक़ी के 47 वादों की सूची और हमने उन्हें इस विश्लेषण में शामिल नहीं किया, आप यहां देख सकते हैं

घोषणापत्र को आप यहां देख सकते हैं.

प्रोडक्शन: महिमा सिंह और शादाब नज़्मी

डेवलपमेंट: अभिषेक जैरथ और जूलिएट कार्टर

डिजाइन: महिमा सिंह और गगन नरहे

इलस्ट्रेशन: पुनीत बरनाला

नई स्वास्थ्य नीति की शुरुआत

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का गठन किया गया. इसके उद्देश्य सबको एक समान स्वास्थ्य सुविधाएं मिले और किफायती दरों पर सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सके.

जानकारी का ज़रिया

भारत के परमाणु सिद्धांत को संशोधित करके इसे मौजूदा समय की चुनौतियों के अनुरूप बनाने की ज़रूरत

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

सरकार 1950 के दशक से ही भारत के तीन चरणों वाले परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का अनुसरण कर रही है.भारत अभी चरण दो पर काम कर रहा है और तीसरे चरण की तैयारी कर रहा है.सरकार ने 2015 में परमाणु ऊर्जा निगम (NPCIL) को परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय पीएसयू के साथ संयुक्त उद्यम कंपनियां बनाने में सक्षम बनाने की ख़ातिर परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 में संशोधन किया.

जानकारी का ज़रिया

60 साल से ज़्यादा उम्र के किसानों के कल्याण के लिए योजनाएं

वर्ग: कृषि स्थिति: काम पूरा

2015 में सरकार ने अटल पेंशन योजना की शुरुआत की, यह असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई थी. आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री आरोग्य योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी. इसका उद्देश्य ग़रीबों और अभावग्रस्त ग्रामीण परिवारों की आर्थिक मदद के अलावा शहरी मजदूरों को उनके काम के हिसाब से वर्गीकृत करना है. इसके अलावा कुछ और भी पेंशन योजनाएं हैं, जिसमें कुछ नई हैं और कुछ पहले से चली आ रही हैं. इनमें इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, बुजुर्गों के लिए एकीकृत योजना और राष्ट्रीय वयोश्री योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं. 2019 के बजट में सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की है, जिसके तहत सभी छोटे किसानों को हर साल 6000 रूपए की वित्तीय मदद देने का प्रावधान किया गया है.

जानकारी का ज़रिया

किसान बीमा योजना लागू करना

वर्ग: कृषि स्थिति: काम पूरा

2016 में सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की, जिसमें प्राकृतिक आपदा, सूखा, बाढ़, कीड़े लगने और बीमारी और तूफ़ान की चपेट में आने वाले इलाकों में फसलों का बीमा कराने की सुविधा मिली. इसका अलावा मौसम आधारित फसल बीमा योजना में बदलाव करके इसे नए सिरे से 2016 में लागू किया गया. इस योजना के तहत किसानों को प्रतिकूल मौसम यानी कम बारिश या ज़्यादा बारिश, कम या ज़्यादा तापमान और आर्द्रता के चलते होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलती है.

जानकारी का ज़रिया

समुद्रतटीय इलाकों की देखरेख की मुश्किलों पर संवाद के लिए समुद्रतटीय राज्यों के लिए एक मंच

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह मंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (DGP) के बीच होने वाली बैठकें समय-समय पर आयोजित की जाती हैं ताकि तटीय राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा की जा सके, जिनमें तटीय सुरक्षा और समुद्री पुलिसिंग शामिल हैं.

जानकारी का ज़रिया

कम पानी से सिंचाई की तकनीक को शुरू करना और उसे बढ़ावा देना

वर्ग: कृषि स्थिति: काम पूरा

2015 में सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की जिसका उद्देश्य सिंचाई में जल संरक्षण की तकनीक को बढ़ावा देना था. इस योजना के तहत हर खेत को पानी और 'मोर कॉर्प पर ड्रॉप' जैसे स्लोगन भी गढ़े गए थे.

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कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा

वर्ग: कृषि स्थिति: काम पूरा

बजट के ख़र्च संबंधी रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि और ग्रामीण विकास में निजी हिस्सेदारी 2014 में 1,11,056 करोड़ थी जो 2018 में बढ़कर 1,70,003 करोड़ हो चुकी है.

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स्वरोजगार के लिए

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पीएमईजीपी), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन जैसी विभिन्न योजनाओं के ज़रिए सरकार ने स्व-रोजगार को बढ़ावा दिया. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की शुरुआत 2013 में यूपीए सरकार के दौरान हुई थी. बैंकों ने ग्रामीण इलाकों में स्व-रोजगार प्रशिक्षण इंस्टीट्यूट शुरू किए ताकि युवाओं को बैंकों की क्रेडिट सुविधा के साथ स्वरोजगार करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके.

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ज़्यादा प्रभाव डालने वाले क्षेत्र मसलन श्रम आधारित उत्पादन और पर्यटन के क्षेत्र को रणनीतिक तौर पर विकसित करना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं और कई पुरानी योजनाओं को जारी रखा है. श्रम आधारित क्षेत्र के उत्पादों का निर्यात फोकस मार्केट स्कीम, मार्केट लिंक्ड फोकस प्रोडक्ट स्कीम और फोकस प्रोडक्ट स्कीम जैसी योजनाओं के ज़रिए बढ़ाया गया. 2015-20 की विदेश व्यापार नीति की मिड टर्म समीक्षा के दौरान श्रम आधारित सेक्टर के उत्पादों की निर्यात संबंधी योजना एमईआईएस की दर 2% बढ़ाई गई. देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने कई योजनाओं को लागू किया है. 2015 में स्वदेश दर्शन स्कीम लागू हुई जिसके तहत किसी ख़ास थीम के आधार पर पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश हुई जिसमें तीन धरोहर संवर्धन अभियान के तहत तीर्थों का विकास किया जा रहा है.

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कृषि और अन्य गतिविधियों में ग्रामीण ग़रीब को रोज़गार

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम पूरा

मौजूदा सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) को जारी रखा है. 2018 में MGNREGS के तहत 260 तरह के काम कराए जा सकते थे, इनमें 164 कृषि और उससे संबंधित थे. 2017-18 के दौरान कृषि एवं संबंधित काम पर कुल बजट का 67% पैसा खर्च किया गया.

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ऊर्जा के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव संसाधन और तकनीक का विकास

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम पूरा

2017 में सौभाग्य योजना की शुरुआत, जिसका लक्ष्य हर घर तक बिजली पहुंचाना है. इसमें ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है. निपुण मानव संसाधन का पूल बनाने के लिए 2015 में स्किल इंडिया अभियान की शुरुआत.

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व्यावसायिक योजनाएं

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

15 जुलाई, 2015 को स्किल इंडिया अभियान की शुरुआत हुई. इसमें नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन और नई नेशनल पॉलिसी फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड इंटरप्रिन्यॉरशिप, 2015 को शामिल किया गया. भारत के सबसे बड़े कौशल सर्टिफिकेशन स्कीम, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाय) भी उसी दिन शुरू हुई और बाद में इसे चार सालों (2016-20) तक जारी रखने का फ़ैसला लिया गया.

जानकारी का ज़रिया

जीएसटी लागू करने के लिए सभी राज्यों को एकसाथ लाना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

2017 में जीएसटी पारित किया गया.

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पर्यटन पर केंद्रित विशेष पाठ्यक्रम

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

पर्यटन मंत्रालय ने जुलाई, 2015 में पर्यटन में एमबीए पाठ्यक्रम शुरू किया. यह पाठ्यक्रम अमरकंटक स्थित इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी की साझेदारी से शुरू हुई. नवंबर, 2018 से टूर फैसिलिटेटर का सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया.

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परिवहन के लिए जलमार्ग विकसित करना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

भारतीय संसद ने 2016 में एक बिल पारित किया जिसके मुताबिक 106 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग में बदला गया. सागरमाला कार्यक्रम के तहत सरकार देश भर में जलमार्ग से यातायात बढ़ाने की संभावनाओं को देख रही है. ऐसे पहले जलमार्ग का इस्तेमाल 2018 में हुआ है.

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तीर्थयात्रियों के लिए रेल सहित पर्यटकों के लिए रेल की सुविधा

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

रेलवे मंत्रालय के तहत काम करने वाली निजी कंपनी भरतीय रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज़्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) तीर्थस्थानों तक कई रेल चलाती है. इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए आईआरसीटीसी वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना चलाती है. हाल ही में बौद्ध धर्म से जुड़े केंद्रों तक चलाई जा रही वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना को नया रूप दिया गया है.

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आसानी से कस्टम क्लियरेंस मिलने के लिए ट्रेड सुविधा केंद्रों की स्थापना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

2016 में भारत के स्वीकार करने के बाद 2017 में वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन की ट्रेड सुविधा समझौता (टीएफए) लागू हुआ. ये समझौता कस्टम और दूसरे अधिकारियों से संबंध को सहज बनाता है, सहयोग बढ़ाता है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ एक्साइज़ एंड कस्टम ने अप्रैल, 2016 में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया था जिसके जरिए निर्यातक इलेक्ट्रानिक घोषणापत्र जारी कर सकते हैं. इसके साथ ही एक्रीडेटेड क्लाइंट्स प्रोग्राम और अथाराइज्ड इकॉनामिक ऑपरेटर को एक साथ मिलाकर निर्यातकों और आयातकों को तीन स्तरीय सुविधाएं दी जाने लगी हैं. देश के 19 बंदरगाहों पर 17 एयरकार्गो पर सातों दिन चौबीसों घंटे क्लियरेंस की सुविधा मिलती है. सरकार ने आयात और निर्यात के लिए ज़रूरी कागज़ातों की संख्या को कम कर दिया है.

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निवेश और विकास के लिए बचत के महत्व को बढ़ावा देना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

घर परिवार में बचत के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं. सुकन्या समृद्धि योजना 2015 में शुरू हुई जिसमें माता-पिता बेटियों के नाम से बचत कर सकते हैं. प्रधानमंत्री की जन धन योजना (पीएमजेडीवाय), 2014 ने नागरिकों तक वित्तीय सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित कर दी. इसके अलावा व्यक्तिगत आयकर में छूट के दायरे को भी बढ़ाया गया. इसके अलावा आयकर की डिडक्शन की लिमिट को भी बढ़ाया गया. 20181-9 की बजट के दौरान भी ऐसे प्रावधान किए गए जिससे घरेलू बचत को बढ़ावा मिला है. वरिष्ठ नागरिकों को बैंक में जमा पैसों पर मिल रहे ब्याज को कर मुक्त रखा गया है. साथ में वरिष्ठ नागरिक, स्वास्थ्य बीमा में ज़्यादा छूट की लिमिट का लाभ ले सकते हैं.

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बैंकिंग सुधार ताकि बैंक की सेवाओं को सरल बनाना ताकि उनकी सुविधाएं आम लोगों तक पहुंचे और साथ ही उनकी जवाबदेही भी तय हो.

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

2104 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन योजना की शुरुआत की जिसका उद्देश्य वित्तीय सुविधाओं को आम लोगों तक पहुंचाना था. इसकी मदद से करोड़ों लोगों को बैंक खातों, लेन-देने, पैसे को ट्रांसफर करना, क्रेडिट, बीमा और पेंशन जैसी सुविधाएं मिलीं. 2018 की शुरुआत में सरकार ने घोषणा की कि बैंक विस्तृत सुधार करें वह भी उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए.

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काले धन पर रोकथाम के लिए विदेशी सरकारों को जानकारी शेयर करने के लिए तैयार करना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

भारत ने कई देशों की सरकारों के साथ टैक्स संबंधी समझौता किया है ताकि टैक्स के मामले में वह इन देशों के साथ सूचनाओं को आपस में शेयर कर सके. इसके अलावा पारदर्शिता और काले धन पर अंकुश के लिए डबल टैक्सेशन एवायडेंस एग्रीमेंट्स (डीटीएए) में संशोधन किया. साथ ही भारत, कर के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए टीआईईए समझौता किया. टैक्स चोरी के मामलों में सार्क देशों के साथ परस्पर प्रशासनिक सहायता को लेकर भी समझौता किया है. जून 2016 तक भारत ने 139 देशों के साथ कर संबंधी मसलों पर सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए समझौते किए थे.

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काले धन पर अंकुश के लिए टास्क फोर्स का गठन

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

काले धन को वैध बनाने वाली शैल कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए फरवरी, 2017 में टास्क फोर्स का गठन किया गया.

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विदेशी बैंकों और ऑफ़शोर खातों में जमा काले धन को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

काले धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और टैक्स लगाने संबंधी क़ानून 2015 से ही प्रभाव है. इसके बाद कई दूसरी योजनाएं और क़ानून का प्रावधान किया गया. इसमें बेनामी लेन-देन (रोकथाम) संशोधन एक्ट को टास्क फोर्स् और जांच टीम के साथ लागू किया गया.

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विदेशी निवेश को प्रमोशन देने वाले बोर्ड (एफ़आईबी) को कामकाज को प्रभावी और निवेशकों के लिए सहज बनाना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

2017 में सरकार ने विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाले बोर्ड (एफआईपीबी) को भंग कर दिया ताकि भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए ज़्यादा आकर्षक ठिकाना बनकर उभरे और कारोबार करने के लिहाज से सहज देश के तौर पर ज़्यादा प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश आ सके.

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भारत के स्वदेशी थोरियम टेक्नॉलॉजी कार्यक्रम में निवेश

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

भारत में मोनाजाइट,थोरियम का प्राथमिक स्रोत है.अन्वेषण और अनुसंधान के लिए परमाणु खनिज निदेशालय (AMD) के आंकड़ों के आधार पर मोनाज़ाइट संसाधनों का अनुमानित भंडार 12.47 मिलियन टन है. 2012-2013 में बजट रिपोर्टों के अनुसार, ट्रॉम्बे में थोरियम प्लांट के संचालन और रखरखाव पर 1.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.तब से इस पर कोई पैसा खर्च नहीं किया गया है. सरकार ने दिसंबर, 2016 में तारापुर महाराष्ट्र साइट (TMS) के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जो कि थोरियम अनुप्रयोग के लिए उपयोग किए जाने वाले 300 मेगावाट उन्नत भारी जल रिएक्टर का पता लगाने वाला है. थोरियम आधारित रिएक्टरों पर अनुसंधान और विकास कार्यक्रम के लिए कुल 292 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

जानकारी का ज़रिया

निवेशकों की सुरक्षा के लिए नॉन- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए कड़े प्रावधान वाला फ्रेमवर्क तैयार करना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

भारतीय रिजर्व बैंक ने नॉन-बैंकिंग कंपनियों से जुड़े प्रावधानों को 2014 में ही बदला था. इस सेक्टर को मज़बूत रखने और निवेशकों की सुरक्षा के लिए इन प्रावधानों की समीक्षा करते रहनी होगी.

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बैंकिंग सेक्टर में एनपीए को कम करने लिए क़दम उठाना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

सरकारी बैंकों के एनपीए की वापसी के लिए कई क़दम उठाए हैं. दिवालियापन के मामलों से निपटने के लिए इनसाल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 बनाया गया जिसकी मदद से सिस्टम में एनपीए में भी कमी देखने को मिली. 2017 में बैंकिंग नियामक अधिनियम, 1949 को संशोधित किया गया और इसमें दबाव झेल रही कंपनियों को लेकर भी प्रावधान शामिल किए गए. सरकार ने भी एसएआरएफएईएसआई एक्ट को लागू रखा है जिसमें निष्क्रिय संपत्तियों (एनपीए) से भी रिकवरी की तरीके मौजूद हैं.

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जीएसटी लागू करने के लिए सशक्त आईटी नेटवर्क की स्थापना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

2017 में संसद में पारित होने के बाद जीएसटी क़ानून प्रभावी हुआ. जीएसटी के पीछे 2013 में शुरू किया गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) रीढ़ की हड्डी की तरह है. इसे इन्फोसिस ने विकसित किया था.

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राष्ट्रीय कृषि बाज़ार की स्थापना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

कृषि उत्पादों के लिए सरकार ने 2016 में ऑनलाइन पोर्टल के तौर पर राष्ट्रीय कृषि बाज़ार की स्थापना की. यह राज्यों के एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटियों की मंडी का एकीकृत नेटवर्क जैसा प्लेटफ़ार्म है.

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मूल्य स्थिर रखने के लिए फंड का गठन

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम पूरा

कृषि, सहकारी और किसान जन कल्याण विभाग ने 2014 में क़ीमतों की स्थिर रखने के लिए फंड पीएसएफ की स्थापना की ताकि कृषि एवं बागवानी से जुड़े उत्पादों की क़ीमतें तय की जा सकें.

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नेशनल सोलर पावर मिशन का विस्तार

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम पूरा

2015 में नेशनल सोलर मिशन की समीक्षा हुई और इसमें सोलर पावर का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया. कथित तौर पर एक साल में ऊर्जा क्षमता दोगुनी हुई.

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कोयला उत्पादन को बढ़ाना

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम पूरा

इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) के मुताबिक 2016-17 में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश था. पिछले कुछ सालों में कोयले की मांग और उत्पादन दोनों बढ़ा है.

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हाइड्रो पावर

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम पूरा

सरकार ने पिछले चार साल के दौरान कई हाइड्रो प्रोजेक्ट खोले हैं.

जानकारी का ज़रिया

भविष्य की ज़रूरत को देखते हुए मानव संसाधन को विकसित करने पर विशेष ध्यान

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

देश भर में स्किल ट्रेनिंग को लागू करने के लिए सरकार ने संस्थागत फ्रेमवर्क के तौर पर 2015 में नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन की शुरुआत की. विभिन्न कामों में लोगों को दक्ष बनाने के उद्देश्य से ही 2015 में स्किल इंडिया अभियान की शुरुआत हुई थी.

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हिमालय के लिए राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम पूरा

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से 2015 में नेशनल मिशन ऑन हिमालयन स्टडीज (एनएमएचएस) की शुरुआत.

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फ़ैसले लेने की प्रक्रिया में सभी साझीदारों को शामिल करके सरकार में पारदर्शिता को प्रोत्साहित करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

सरकार ने कई पोर्टल शुरू किए हैं जहां आम लोगों को सरकारी अधिकारियों से जुड़ने का मौका मिलता है. फ़ैसले लेने की प्रक्रिया में वे अपनी चिंताएं भी बता सकते हैं और अपनी बात भी रख सकते हैं.

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चुनाव में होने वाले ख़र्च की सीमा को संशोधित करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

फरवरी, 2014 में कैबिनेट ने चुनाव कराने संबंधी नियम, 1961 में संशोधन को पारित किया. इसके बाद अधिकांश राज्यों में किसी भी संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने के लिए अधिकतम 70 लाख रुपये के ख़र्च को मान्य कर दिया. वहीं विधानसभा चुनावों के लिए इसे ज़्यादातर राज्यों में 28 लाख रुपये प्रति विधानसभा रखा गया है.

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पुराने पड़ चुके क़ानूनों को निरस्त करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

19वें लॉ कमीशन ने पुराने पड़ चुके नियमों की पहचान का प्रोजेक्ट शुरू किया था लेकिन आयोग का कार्यकाल ख़त्म होने तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई. 20वीं लॉ कमीशन ने इस प्रोजेक्ट को जारी रखा और पुराने पड़ चुके क़ानूनों को तुरंत निरस्त करने के लिए चार रिपोर्टें भी दीं. प्रधानमंत्री कार्यालय ने 2014 में पुराने पड़ चुके क़ानूनों को निरस्त करने की समीक्षा के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया. कमेटी ने ऐसे 1824 क़ानूनों की पहचान की. इसके बाद इन क़ानूनों को निरस्त करने के लिए पांच बिल पारित किए गए. जिन 1824 क़ानूनों की पहचान की गई थी उनमें से 1428 क़ानून को रद्द किया जा चुका है.

जानकारी का ज़रिया

वित्तीय लेन देन से जोड़ने के लिए मोबाइल और ई-बैंकिंग का इस्तेमाल

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

2014 से प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाय) के तहत 29 करोड़ नए खाते खोले गए. प्रधानमंत्री मोदी ने यूपीआई आधारित मोबाइल पेमेंट ऐप भीम को भी लॉंच किया.

जानकारी का ज़रिया

पुलिस बल की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

केंद्र सरकार पुलिस कर्मचारियों को विभिन्न योजनाओं और इंस्टीट्यूटों के माध्यम से प्रशिक्षण मुहैया कराती है. पुलिस फोर्स को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों को फंड आवंटित करती है. इसमें प्रशिक्षण की सहायता भी शामिल है. सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, ब्यूरो ऑफ़ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट, नार्थ ईस्टर्न पुलिस अकादमी और लोक नायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ क्रिमिनॉलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस विभिन्न स्तरों पर ट्रेनिंग पाठ्यक्रम कराते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की ट्रेनिंग मुहैया कराने वाली शाखा भारतीय पुलिस अधिकारियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाती है. इसके अलावा सरकार विशिष्ट प्रशिक्षण केंद्र मसलन सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) और सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन (सीपीओ) के ज़रिए अपने पुलिसकर्मियों के साथ-साथ राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को भी विभिन्न विषयों पर ट्रेनिंग मुहैया कराती है.

जानकारी का ज़रिया

पुलिस बल को आधुनिकतम तकनीक के ज़रिए आधुनिक बनाना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

सरकार ने पुलिस के आधुनिकीकरण के कई क़दम उठाए हैं. सरकार ने 2017 में पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए मार्डनाइजेशन ऑफ़ पुलिस फोर्स (एमपीएफ) योजना स्वीकृत किया, जिमसें तीन साल यानी 2017-18 से 2019-20 के बीच 25,061 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इस योजना के तहत पुलिस बल को अत्याधुनिक हथियार, प्रशिक्षण देने वाले गैजेट्स, संचार के अत्याधुनिक सुविधाएं और फॉरेंसिक उपकरण मुहैया कराए जाएंगे. एमपीएफ के अलावा सरकार ने क्राइम एंड क्रिमिनिल नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) भी 2018 में लागू किया जो नागरिकों की शिकायतों की जांच का ऑनलाइन पोर्टल है. इस पोर्टल के ज़रिए पुलिस स्टेशन आपस में संपर्क कर सकते हैं और सूचनाएं शेयर कर सकते हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार विभिन्न विभागों और योजनाओं के ज़रिए साइबर फॉरेंसिक प्रशिक्षण मुहैया कराती है. इसमें इंफोर्मेशन सिक्यूरिटी एजुकेशन और अवयरनेस पोर्टल, सीईआरटी-इन, ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ट्रेनिंग डिविजन, साइबर क्राम प्रीवेंशन अगेंस्ट वीमन एंड चिल्ड्रेन स्कीम, सीबीआई इत्यादि शामिल हैं. साइबर सिक्यूरिटी को लेकर प्राइवेट इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी भी ट्रेनिंग दिलाते हैं. गृह मंत्रालय ने सभी तरह की साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए 2018 में इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (14सी) को स्वीकृत किया है.

जानकारी का ज़रिया

अपराध पर नियंत्रण और खुफिया जानकारी शेयर करने के लिए देशभर के पुलिस स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) को 2018 के अंत में शुरू किया जा सका, जबकि 2009 में इसे स्वीकृति मिल गई थी. भारत सरकार के नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के तहत सीसीटीएनएस मिशन मॉडल प्रोजेक्ट है. सीसीटीएनएस एक वेब पोर्टल है जिसका उद्देश्य पुलिसिंग और ई-गवर्नेंस को एकीकृत करना है.यह आम लोगों की शिकायतों की जांच को लेकर सिंगल विंडो बन सकता है. इस पोर्टल के ज़रिए पुलिस स्टेशन भी आपस में संपर्क और सूचनाओं का अदान-प्रदान कर सकते हैं. नवंबर, 2018 तक यह देश के 14764 पुलिस स्टेशनों पर स्थापित किया जा चुका है.

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साइबर अपराध को लेकर पुलिस को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

केंद्र सरकार विभिन्न विभागों और योजनाओं के ज़रिए साइबर फॉरेंसिक प्रशिक्षण मुहैया कराती है. इसमें इंफोर्मेशन सिक्यूरिटी एजुकेशन और अवयरनेस पोर्टल, सीईआरटी-इन, ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ट्रेनिंग डिविजन, साइबर क्राम प्रीवेंशन अगेंस्ट वीमन एंड चिल्ड्रेन स्कीम, सीबीआई इत्यादि शामिल हैं. साइबर सिक्यूरिटी को लेकर प्राइवेट इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी भी ट्रेनिंग दिलाते हैं. गृह मंत्रालय ने सभी तरह की साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए 2018 में इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (14सी) को स्वीकृत किया है. जिसके लिए 2018-20 के दौरान 415.86 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

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एकीकृत अर्बन प्लानिंग

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

25 जून, 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने एकीकृत अर्बन प्लानिंग की पायलट परियोजना के तहत स्मार्ट सिटी प्रोग्राम की शुरुआत की.

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आदर्श नगरों में कचरा प्रबंधन की एकीकृत व्यवस्था

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

23 दिसंबर, 2017 को स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय ने गंगा नदी के किनारे बसे 4470 गांवों में एकीकृत कचरा प्रबंधन को प्रमोट करने के लिए गंगा ग्राम अभियान की शुरुआत की. इससे पहले 2016 में, पर्यावरण मंत्री ने वेब आधारित ऐप की शुरुआत की थी जिसकी मदद से उद्योगों के कचरा प्रबंधन का पंजीयन कराया जा सकता है और उसकी निगरानी की जा सकती है. उसी साल विभिन्न तरह के कचरों के लिए अलग अलग नियम बनाए गए थे.

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प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना की शुरुआत

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

प्रधानमंंत्री ग्राम सिंचाई योजना की पहली बैठक 1 जुलाई, 2015 को हुई थी.

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गंदे पानी को साफ़ करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने के लिए नई पाइप लाइन का उद्घाटन दिसंबर, 2018 में किया था ताकि गंगा नदी में प्रदूषण कम किया जा सके. इसी इवेंट में प्रधानमंत्री ने गंगा यमुना क्षेत्र को फायदा पहुंचाने वाले नई नालियों के नेटवर्क, सात पंपिंग स्टेशन और गंदे पानी को साफ़ करने वाले तीन ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास किया. जल संसाधन मंत्रालय के मुताबिक 10 ऐसे कार्यक्रम पहले से ही चल रहे हैं.

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अलवणीकरण संयंत्रों की स्थापना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

एटामिक एनर्जी विभाग ने फरवरी, 2017 में इस बात की पुष्टि की कि ओडिशा के समुद्रतटीय ज़िले गंजम में समुद्री जल से नमक को हटाने का संयंत्र बनाया जा रहा है. ऐसा ही एक केंद्र चेन्नई के कलापक्कम में काम कर रहा है. महाराष्ट्र के समुद्र तटीय इलाके में ऐसे किसी संयंत्र की स्थापना की योजना नहीं है.

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भूजल की गुणवत्ता की जांच

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

हर साल सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड (सीजीडब्लयूबी) भूजल की निगरानी करता है. राज्य सरकार इससे जुड़े आंकड़े एकत्रित करती हैं जिसके बाद फ्लूराइड, नाइट्रेट, आर्सेनि, लोहा, भारी पत्थर और नमक की मात्रा मापते हैं.

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सागरमाला प्रोजेक्ट की स्थापना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

सागरमाला प्रोजेक्ट की स्थापना 2015 में हुई थी.

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सरकारी दस्तावेज़ों को डिजिटल बनाना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

सरकार अपने दस्तावेज़ों को डिजिटल बनाने के लिए कई स्कीम चला रही है. यूपीए सरकार के समय में ज़मीन संसाधन विभाग ने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) शुरू किया था. इस योजना के तहत सरकार 1399.83 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. 2003 में सांस्कृतिक मंत्रालय ने नेशनल मिशन फॉर मैन्युस्क्रिप्ट शुरू किया था. सांस्कृतिक मामलों का मंत्रालय अपने संग्राहलय के संग्रहों का भी डिजिटल रूप दे रहा है. इस योजना के तहत 18 संग्रहालयों को आर्थिक मदद मिल चुकी है. देश के तमाम हाई कोर्ट के मामलों को भी डिजिटली सुरक्षित रखने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यह देश के तमाम उच्च न्यायालयों में अलग-अलग चरणों में लागू है. राष्ट्रीय अभिलेखागार को डिजिटल बनाना एक सतत प्रक्रिया है. 2015 में संग्रहित चीज़ों को डिजिटल दिखाने के लिए अभिलेख पटल के नाम से वेब पोर्टल भी शुरू किया गया. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत फिजिकल रिकार्ड्स को डिजिटल बनाने के लिए डिजिटाइज इंडिया प्लेटफार्म शुरू किया गया.

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वकीलों को सशक्त बनाने के लिए विस्तृत राष्ट्रीय ई- लाइब्रेरी का गठन

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से 2018 में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी प्रोजेक्ट को शुरू किया गया. इसके तहत मुफ्त में सीखने के संसाधान उपलब्ध होंगे जिसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है.

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कानूनों की समय के साथ समीक्षा और उसे बेहतर बनाने की कोशिश

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

19वें लॉ कमीशन ने पुराने पड़ चुके नियमों की पहचान का प्रोजेक्ट शुरू किया था लेकिन आयोग का कार्यकाल ख़त्म होने तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई. 20वीं लॉ कमीशन ने इस प्रोजेक्ट को जारी रखा और पुराने पड़ चुके क़ानूनों को तुरंत निरस्त करने के लिए चार रिपोर्टें भी दीं. प्रधानमंत्री कार्यालय ने 2014 में पुराने पड़ चुके क़ानूनों को निरस्त करने की समीक्षा के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया. कमेटी ने ऐसे 1824 क़ानूनों की पहचान की. इसके बाद इन क़ानूनों को निरस्त करने के लिए पांच बिल पारित किए गए. जिन 1824 क़ानूनों की पहचान की गई थी उनमें से 1428 क़ानून को निरस्त किया जा चुका है.

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नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल एवं इंटर-स्टेट काउंसिल जैसे फोरम को नए सिरे से तैयार करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

राज्यों के बीच विवाद की जांच और उन्हें सलाह देने वाले इंटर-स्टेट काउंसिल का नए सिरे से गठन हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके चेयरमैन हैं. इसके अलावा छह केंद्रीय मंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य हैं.

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रोजगार एक्सचेंजों को करियर सेंटर में बदलना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

लेबर ब्यूरो, नेशनल एम्प्लॉयमेंट सर्विस के इस रुपांतरण और रोज़गार एक्सचेंजों के इंटर-लिंकिंग के लिए 2013 से नेशनल करियर सर्विस (NCS) प्रोजेक्ट को मिशन मोड प्रोजेक्ट के रूप में लागू कर रहा है.यह परियोजना नौकरीपेशा लोगों को परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए रोजगार एक्सचेंजों को करियर सेंटर में रूपांतरण की भी देख रेख करती है.

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टीचर ट्रेनिंग संस्थानों के वर्क कल्चर को नए सिरे से तैयार करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

लोकसभा ने एक बिल पारित किया जिसके मुताबिक अप्रशिक्षित स्कूली शिक्षकों को 31 मार्च, 2019 तक बीईएलईडी (बैचलर ऑफ़ एलिमेंट्री एजुकेशन) करने को कहा गया है या फिर नौकरी सुरक्षित रखने के लिए उन्हें डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन भी किया जा सकता है. चार साल का एकीकृत बैचलर इन एजुकेशन पाठ्यक्रम 2019-20 से शुरू हो रहा है. आईआईएम को अपने चेयरमैन चुनने के लिए ज़्यादा आज़ादी मिली है. इसके अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इमिनेंस भी शुरू किया गया जो शुरुआत में ही विवादों में घिर गया.

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स्कूली शिक्षकों और छात्रों को सशक्त बनाने के लिए नेशनल ई-लाइब्रेरी की स्थापना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2018 में भारत के राष्ट्रीट न्यू डिज़िटल लाइब्रेरी अभियान की शुरुआत की. इसके तहत मुफ्त में सिखाने के लिए सामग्री जुटाई जानी है. यह वैसा संसाधन होगा जिसका तक कोई भी पहुंच सकता है.

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सर्व शिक्षा अभियान के प्रदर्शन का ऑडिट

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

2017 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत शगुन वेब पोर्टल शुरू किया. इसके दो उद्देश्य थे. इसके जरिए योजना की प्रगति पर ऑनलाइन नजर रखी जा सकती है, क्योंकि इसमें राज्य सरकार स्कूल और शिक्षक रियल टाइम में सूचनाएं भरनी होती हैं. इसके अलावा इस योजना के तहत सबसे बेहतरीन चलन के बारे में रिपोर्ट भी होती है. हालांकि इसमें से कुछ ही रिपोर्ट सार्वजनिक हो पाए हैं.

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योग और आयुष में सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

बजट में ख़र्च संबंधी रिपोर्टों के मुताबिक 2014 में आयुष के लिए 892 करोड़ रुपये खर्च होने थे जो 2018 में बढ़कर 1626 करोड़ रुपये तक पहुंच गए थे.

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कृषि उत्पादन एवं विपणन समिति एपीएमसी एक्ट में सुधार

वर्ग: कृषि स्थिति: काम पूरा

2017 में सरकार ने किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए ‘कृषि उत्पादन और मवेशी मार्केटिंग प्रमोशन एंड फेसिलिशन एक्ट’ बनाया. यह एक तरह से एपीएमसी एक्ट को थोड़ा बेहतर करने के लिए उठाया गया क़दम है.

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जनसंख्या स्थिर रखने का मिशन

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

2017 में सरकार ने ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाले 146 ज़िलों में मिशन परिवार विकास योजना शुरू की, जिसके तहत गर्भ निरोधक कंडोम को सुलभ बनाया जा रहा है, जिससे आबादी स्थिर हो सके. 2017 की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में आबादी को स्थिर रखने संबंधी पॉलिसी और लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. सरकार बाज़ार में गर्भ निरोध के नए विकल्प भी पेश कर रही है.

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बड़े पैमान पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की स्थापना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2016 में स्टडी वेब्स ऑफ़ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पारिंग माइंड्स (SWAYAM) की शुरुआत की. यह एक तरह से ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का एकीकृत प्लेटफार्म और पोर्टल है. मंत्रालय की योजना स्वयम के पोर्टल पर मौजूद पाठ्यक्रमों को यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रमों से भी संबद्ध किया जा सके. आज तक स्वयम के तहत 1,082 पाठ्यक्रम मौजूद हैं, जिसमें 25, 57,118 नामांकन हैं.

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एप्रेंटिशशिप एक्ट को नए सिरे से देखना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

नवंबर, 2014 में संसद में एप्रेंटिस (संशोधन) बिल पारित किया गया. इसका उद्देश्य एप्रेंटिसशिप को युवाओं और उद्योग दोनों के लिए बेहतर बनाना था. संसद के कुछ सदस्यों ने इस बात पर चिंता जताई थी कि ये एक्ट नियोक्ताओं को कुछ ज़्यादा ही अधिकार देता है. इसके अलावा इस एक्ट के मामूली उल्लंघन पर भी सजा का प्रावधान है.

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देश भर में 100 सबसे पिछड़े ज़िलों की पहचान करना

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम पूरा

सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर दिसंबर, 2017 से काम शुरू किया और 12 मंत्रालयों को इन ज़िलों को तेजी से विकसित करने को कहा. अप्रैल, 2018 से लेकर मार्च, 2019 के दौरान सामाजिक-आर्थिक विकास के 48 मापदंडों पर इन ज़िलों के बीच आपसी होड़ छिड़ गई थी.

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राष्ट्रीय स्तर पर वन बंधु कल्याण योजना की शुरुआत, जिसकी देखरेख एक ट्राइबल डेवलपमेंट अथॉरिटी से कराने का वादा.

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम पूरा

जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए सरकार 2014 में वन बंधु कल्याण योजना की शुरुआत की

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जनजातीय समुदाय के कल्याण और विकास के लिए फंड को बढ़ाना

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम पूरा

2015 में जनजातीय समुदाय के लोगों के कल्याण के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए 47.92 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसे बढ़ाकर 2017 में 5300.14 करोड़ रुपये किया गया. 2018 में सरकार ने जनजातीय समुदाय के लोगों से संबंधित योजनाओं के लिए 37802.94 करोड़ रुपये आवंटित किए.

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प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्राकृतिक संसाधनों के आधार को मजबूत करना

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम पूरा

प्रधानमंत्री ने 2016 में आपदा से जुड़े जोख़िम को कम करने के लिए एशियाई स्तर पर मंत्रियों के बैठक की शुरुआत की.

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सैन्य इस्तेमाल से संबंधित हार्डवेयर और प्लेटफार्म के निर्माण में स्थानीय डिजाइन एवं उत्पादन में घरेलू उद्योग को ज़्यादा हिस्सेदारी के लिए प्रोत्साहित करना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

2018 में सरकार ने रक्षा उत्पाद नीति का प्रस्ताव जारी किया जिसमें सार्वजनिक ईकाई, निजी ईकाई और माइक्रो, स्माल एवं मीडियम इंटरप्राइजेज के ज़रिए स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देना शामिल है. 2015 से 2017 के दौरान रक्षा उपकरणों की ख़रीद के लिए 99 अनुबंध भारतीय वेंडरों को मिले हैं, जबकि 61 अनुबंध विदेशी वेंडरों को मिल पाए. जब से बीजेपी की सरकार आई है तब से रक्षा ख़रीद की प्रक्रिया को ऐसा बनाया जा रहा है जिसमें स्थानीय स्तर पर उत्पादित चीज़ों की हिस्सेदारी ज़्यादा हो. इसके अलावा मेक इन इंडिया प्रोग्राम में रक्षा उपकरणों में स्वदेशी उत्पादन को महत्व दिया गया है. सैन्य क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीतियों में भी बदलाव किया है.

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ग्रामीण विकास के लिए तकनीकी इंस्टीट्यूट की स्थापना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

आईआईटी गुवाहटी में 2016 में सेंटर फॉर रूरल टेक्नॉलॉजी की स्थापना.मानव संसाध विकास मंत्रालय की ओर से 2014 में उन्नत भारत अभियान की शुरुआत. 2018 में इसमें नए सिरे से बदलाव किए गए ताकि आईआईटी, एनआईटी, आईआईएसईआर जैसी उच्च शिक्षण संस्थानों को ग्रामीण समुदायों से जोड़ा जा सके ताकि उनके विकास में उपयुक्त तकनीक का इस्तेमाल हो सके.

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रक्षा उपकरण, सहायता सेवा, संस्थागत ढांचा और अन्य मामलों में सुधार की ज़रूरत

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

सैन्य सुधारों के लिए सरकार ने कई नीतिगत बदलाव किए हैं, जिनमें एफडीआई पॉलिसी, इंडस्ट्रियल लाइसेंसिंग पॉलिसी और निर्यात को सरल बनाना शामिल है. इसके अलावा 2016 में रक्षा खरीद की प्रक्रिया को भी संशोधित किया गया ताकि मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी डिजाइन और उपकरणों की ख़रीद को बढ़ाया जा सके.

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वन रैंक, वन पेंशन लागू करना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

मोदी सरकार ने जुलाई में 2018 वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) को एक जुलाई 2014 से लागू कर दिया.

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वार मेमोरियल का निर्माण

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

25 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर नेशनल वार मेमोरियल का उद्घाटन किया था.

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विज्ञान को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का प्रचार प्रसार

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

सरकार, वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए FIST, PURSE, CURIE और SAIF जैसे कार्यक्रमों को जारी रखे हुए है.नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) 2004 से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के लिए आगे बढ़ाने वाली गतिविधियों पर केंद्रित है.तब से सरकारों ने विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने के लिए इसके तहत नए घटकों और योजनाओं को जोड़ा है.भारत सरकार ने भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के लिए नई दिल्ली में15 जनवरी 2019 कोदो विज्ञान संचार कार्यक्रम शुरू किये हैं; डीडी विज्ञान और भारत विज्ञान चैनल.

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लोगों के लिए डिजिटल तौर पर सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

भारत सरकार ने 2017 में प्रधानमंत्री ग्रामीण डिज़िटल साक्षरता अभियान (पीएमजीडीआईएसएचए) की शुरुआत की. इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के 40 फ़ीसदी घरों तक पहुंचना है और उन्हें डिजिटल साक्षर बनाना है.

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नेशनल मल्टीस्किल मिशन की शुरुआत

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

2015 में नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन की शुरुआत. 2022 तक 50 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देने के अपने लक्ष्य से यह अभी बहुत दूर है.

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वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में छूट

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

बैंक और पोस्ट ऑफ़िस में जमा पैसों पर मिलने वाले 50, 000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं, पहले ये सीमा 10,000 रुपये तक ही थी. 194ए धारा के तहत टीडीएस नहीं कटेगा. सभी तरह की सावधि जमा योजना और आवृति जमा योजना पर फ़ायदा.

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ओल्ड एज होम्स बनाने और मौजूदा होम्स को बेहतर करने में निवेश

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

मोदी सरकार ने 2016-17 के दौरान 396 ओल्ड एज होम्स को अनुदान दिया है.

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विकलांगों के अधिकारों के लिए बिल (आरपीडब्ल्यूडी)

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

लोकसभा में विकलांग लोगों के अधिकारों से संबंधित बिल, 2016 पारित किया जो 21 साल पहले 1995 में बने क़ानून की जगह लेगा.

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नए आइडिया पर काम करने और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए देश भर में जिला स्तर पर कार्यक्रम

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

2015 में नए आइडिया पर काम करने, उद्यमशीलता और कृषि आधारित इंडस्ट्री (एस्पायर) के लिए योजना लागू की गई ताकि उद्यमशीलता को रफ़्तार देने के लिए संयोजन केंद्रों की स्थापना की जा सके.

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स्पेशल नीड वाले बच्चों के लिए ई-लर्निंग

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

भारत सरकार ने स्वयम नामक प्रोग्राम शुरू किया जो सभी बच्चों, ख़ास तौर पर विशेष ज़रूरत वाले बच्चों को पढ़ने के लिए बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराता है.

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विकलांग लोगों के लिए सर्वमान्य पहचान पत्र

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

विकलांग लोगों को सशक्त बनाने वाले विभाग ने यूडीआईडी प्रोजेक्ट शुरू किया ताकि ऐसे लोगों की पहचान और उनके विवरण और उनको मिलने वाली सुविधाओं के लिए एक इंटीग्रेटेड व्यवस्था बन सके.

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विकलांग लोगों को टैक्स में राहत

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

आयकर क़ानून, 1961 के सेक्शन 80डीडी के तहत विकलांग लोगों के परिवार को टैक्स में एक लाख रूपये तक की छूट का प्रावधान है. ये छूट विकलांगता के स्तर पर निर्भर करती है. वित्त विधेयक, 2015 में इसमें संशोधन करते हुए सबसे ज़्यादा मुश्किल झेलने वाले विकलांग शख्स के परिवार को अधिकतम 1.25 लाख रूपये की छूट का प्रावधान किया गया है.

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खिलाड़ियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी योजना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

मार्च, 2017 में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए भारत सरकार ने पेंशन की घोषणा की. फरवरी, 2018 में केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सराहनीय प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की पेंशन की रकम को दोगुनी करने की घोषणा की. यह घोषणा सराहनीय प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स पेंशन फंड स्कीम के तहत की गई है.

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नेशनल स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च सिस्टम की शुरुआत

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने 2018 में नेशनल स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल की शुरुआत की थी.

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खेल के लिए ज़्यादा फंड का आवंटन

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

2018 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खेल मंत्रालय के लिए 2196.36 करोड़ रुपये आवंटित किए जबकि 2017 में इस मद में 1938.16 करोड़ रूपये आवंटित हुए थे.

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यंग लीडर प्रोग्राम का गठन

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

नेशनल यंग लीडर्स प्रोग्राम (एनवायएलपी) की शुरुआत दिसंबर, 2014 में हुई थी. इसकी घोषणा वित्त मंत्री ने 2014-15 के अपने बजट संबोधन में किया था. इसके तहत प्रत्येक राज्य को मिलने वाले फंड की घोषणा भी हुई थी.

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महिला पुलिस की संख्या बढ़ाना

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

2015 से 2016 के बीच भारतीय पुलिस सेवा में महिलाओं की संख्या 1,23,000 से बढ़कर 1,40,000 हो गई है. हालांकि अभी महिलाएं कुल पुलिस बल की महज आठ फ़ीसदी हीं हैं और इनमें से अधिकांश सिपाही और कांस्टेबल के स्तर पर हैं.

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एसिड अटैक की पीड़िताओं के लिए सरकारी फंड का गठन

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

2018 में यौन हिंसा और दूसरे अपराधों की शिकार पीड़िताओं की मदद के लिए योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत कई तरह के अपराध मसलन, बलात्कार, एसिड अटैक, उत्पीड़न, घरेलू हिंसा इत्यादि की पीड़िताओं को मदद मिल सकती है.

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बलात्कार पीड़िता की मदद के लिए सरकारी फंड का गठन

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

2018 में यौन हिंसा एवं अन्य अपराधों की शिकार पीड़िताओं की मदद के लिए योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत कई तरह के अपराध मसलन, बलात्कार, एसिड अटैक, उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की पीड़िताओं को मदद मिल सकती है.

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परिवार स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

गर्भवती और नवजात शिशु वाली महिलाओं की नकद मदद देने की योजना की घोषणा. यह योजना 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी है.

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महिलाओं के लिए विशेष स्किल ट्रेनिंग सेंटर और बिजनेस संयोजन पार्क की व्यवस्था

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कुल मिलाकर 17.72 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें पहले चरण में जुलाई 2015 से जून, 2016 तक 8.63 महिलाएं शामिल थीं.

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महिलाओं की सुरक्षा में सूचना तकनीक का इस्तेमाल

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

भारत सरकार ने उमंग ऐप को लाँच किया है, जो स्कॉलरशिप, महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, ई-ज़िला, पासपोर्ट सेवा और अन्य सेवाओं में भी कारगर है. कुल मिलाकर एक ऐप के ज़रिए केंद्र और राज्य सरकार की 100 से भी ज़्यादा सेवाएं हासिल की जा सकती हैं. यह ऐप 12 भाषाओं में भी उपलब्ध है.

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बच्चियों को केंद्र में रखकर तैयार योजना

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत 2015 में हुई, इसका उद्देश्य घटते लिंगानुपात की समस्या का हल निकालना था. साथ ही महिला सशक्तिकरण और बच्चियों को लेकर सामाजिक मानसिकता को बदलना भी था. इस योजना के तहत 2014-15 में 1337.49 लाख रुपये खर्च किए गए जबकि 2017-18 के दौरान 3298.84 लाख रुपये का प्रावधान रखा गया था.

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स्वयंसेवी महिला समूहों के लिए ब्याज दर पर लोन की सुविधा

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2016 में सभी महिला स्वयंसेवी समूहों को लोन लेने पर ब्याज में रियायत देने की घोषणा की थी. जिसके मुताबिक 250 ज़िलों में महिला समूहों को 7% सालाना की दर पर ब्याज दिया जाता है. इस योजना का लाभ ग्रामीण इलाके की महिलाओं तक सीमित है और यह दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आता है.

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अनाज, दलहन और तेलहन के उत्पादन को प्रोत्साहन

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम पूरा

सरकार, दाल, अनाज और आवश्यक खाद्य तेलों के उत्पादन में सुधार के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) और राष्ट्रीय तिलहन एवं ताड़ के तेल (NMOOP) मिशन को जारी रखे हुए है. सरकार ने सभी अधिसूचित खरीफ और रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है, जिसमें सीजन 2018-19 के लिए दलहन और अन्य वाणिज्यिक फसलें शामिल हैं.

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सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों को बेहतर वेतन

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

सितंबर, 2018 में वित्त मंत्रालय ने आंगनवाड़ी और आशा वर्करों के वेतन में अक्टूबर, 2018 से करीब 50 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी की है.

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महिलाओं के लिए विशेष कारोबारी सहायता केंद्र की शुरुआत

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

8 मार्च, 2018 को सरकार ने महिला उद्मियों को बढ़ावा देने के लिए उद्यम सखी ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की ताकि युवा महिलाओं को उद्यम में आने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

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बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शुरुआत

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम पूरा

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत 2017 में हुई. इसका उद्देश्य लड़कियों की कम होती संख्या पर अंकुश लगाना और लड़कियों को शिक्षा मुहैया करना है.

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विशेष रूप से सक्षम लोगों की आर्थिक आत्मनिर्भरता

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

विशेष रूप से सक्षम लोगों के अधिकार संबंधी एक्ट, 2017 को लागू करने के नौ महीने बाद केंद्र सरकार ने इस वर्ग के लोगों के लिए नौकरियों में 3% आरक्षण को बढ़ा कर 4% किया, इसके अलावा ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम और बौद्धिक रूप से कम सक्षम लोगों को भी आरक्षण का लाभ देने का फ़ैसला लिया.

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अकादमिक श्रेष्ठता के लिए वोकेशनल योग्यता

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम पूरा

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के कार्यक्रमों में बीते तीन सालों में स्किल इंडिया के तहत 2.5 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया गया.

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मानवरहित रेल फाटकों को ख़त्म करना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम पूरा

सितंबर, 2018 तक सरकार मानवरहित रेल फाटकों की संख्या को 1300 तक लाने में कामयाब हो गई थी. इससे महज छह महीने पहले मानवरहित रेल फाटकों की संख्या 3400 से ज़्यादा थी. इनमें से ज़्यादा फाटक पर गार्डों की तैनाती की गई, जबकि कुछ फाटकों को या तो बंद कर दिया गया या फिर वहां सबवे बनाया गया. जनवरी, 2019 में अंतिम मानवरहित रेलवे फाटक को भी ख़त्म कर दिया गया.

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स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम पूरा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2015 में जीएसआर 412 (ई) के लिए फ्लेक्सी ईंधन इथेनॉल और इथेनॉल वाहनों के लिए उत्सर्जन मानकों को अधिसूचित किया है. भारी उद्योग विभाग इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन प्रौद्योगिकी के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 2015 से भारत में FAME- इंडिया स्कीम- फेज- I (फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल) को लागू कर रहा है. 2015 में 5,234.8 करोड़ रुपये राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण निधि को आवंटित किया गया था, जो 2017 में बढ़कर 7,342.8 करोड़ रुपये (आरई) हो गया. 2017 में सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग के लिए पुर्तगाल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. सौर ऊर्जा को काम में लाने और उसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा सरकार ने 2010 के जवाहरलाल नेहरू नेशनल सोलर मिशन (JNNSM) को जारी रखे हुए है.

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घरों और वर्क प्लेस पर ऊर्जा का किफायती इस्तेमाल के लिए गाइडलाइंस

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम पूरा

TERI ने GRIHA (ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट एसेसमेंट) विकसित किया है, जिसे 2007 में सरकार द्वारा हरित निर्माण के लिए राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली के रूप में अपनाया गया था. GRIHA का नवीनतम संस्करण जनवरी, 2015 में पेश किया गया था.2018 में CITIES रेटिंग के लिए GRIHA को किसी शहर के सतत विकास के लिए एक कार्य संरचना को लॉन्च किया गया था.ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने 2017 में ऊर्जा कुशल भवनों के डिजाइन और निर्माण के लिए दिशानिर्देश प्रकाशित किए.आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2016 में मॉडल बिल्डिंग उपनियमों को जारी किया, जो हरित इमारतों के लिए विभिन्न मानदंडों की वकालत करता है.

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बहुमूल्य संसाधनों की नीलामी की ई-नीलामी सहित उपयुक्त व्यवस्था का होना

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम पूरा

खान और खनिज विकास और विनियमन अधिनियम, 1957 को 2015 में संशोधित किया गया था. खान मंत्रालय ने नीलामी प्रक्रिया के प्रावधान को निर्धारित करने के लिए 2015 में खनिज नीलामी नियमों को अधिसूचित किया. 2017 में नीलामी नियमों में संशोधन किया गया है. नवीकरणीय ऊर्जा के प्रोजेक्टों का फ़ैसला पारदर्शी बोली लगाने की प्रक्रिया यानी ई-रिवर्स नीलामी के माध्यम से किया जाता है.

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नई अदालतों के निर्माण को प्राथमिकता और लंबित मामलों की जल्दी सुनवाई करने की व्यवस्था

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

2015 के बाद से 24 उच्च न्यायालयों में पांच साल से अधिक समय से लंबित मामलों को निपटाने के लिए एरियर्स कमेटी का गठन किया गया है. सरकार ने 2017 में न्याय मित्र योजना शुरू की, जिसके तहत सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को 10 वर्षों से लंबित मामलों के निपटान की सुविधा के लिए ‘न्याय मित्र’ के रूप में नामित किया गया है. 13 फरवरी 2019 तक, 1993-94 में न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र प्रायोजित योजना की शुरुआत के बाद से 6,670.12 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. कोर्ट हॉल की संख्या 2014 की 15,818 से बढ़कर फरवरी, 2019 में 18,796 हो गई है. 2,925 कोर्ट हॉल निर्माणाधीन हैं. केंद्र सरकार ने 2017 से 2020 तक योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है, जिसमें अनुमानित अतिरिक्त लागत रु 3,320 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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छात्रों के लिए सस्ते तकनीकी उत्पाद

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

सरकार ने 2018 के राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से सीखने की संसाधन को आसानी से सुलभ बना दिया है और 2016 में 'स्टडी वेब्स ऑफ़ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स' (SWAYAM) योजना जैसी योजनाओं की शुरुआत की हैं.केंद्र सरकार, मैट्रिक पूर्व और पश्चात के स्तर पर छात्रों के लिए छात्रवृत्ति भी लागू कर रही है. जनता के लिए उपलब्ध अन्य प्रौद्योगिकी-सक्षम उत्पाद,जिनमें छात्र भी शामिल हैं, ई-गवर्नेंस पोर्टल हैं, जो मुफ्त हैं.ये सभी योजनाएँ व्यापक हैं और विशेष रूप से छात्रों के लिए नहीं हैं.

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ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में टेलीमेडिसीन और मोबाइल हेल्थकेयर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रूरल इंटरनेट एंड टेक्नॉलॉजी मिशन के तहत प्रोजेक्ट

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 2018 में डिजिटल विलेज (DigiGaon) परियोजना को मंजूरी दी.इसका उद्देश्य चयनित ग्राम पंचायतों (जीपी) में टेलीमेडिसिन, टेली-शिक्षा, एलईडी लाइटिंग, वाई-फाई हॉटस्पॉट और कौशल-विकास प्रदान करना है.यह परियोजना 30 राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में फैले 1050 जीपी में कार्यान्वित की जानी है.वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए टेलीमेडिसिन के तहतअनुमोदित परिव्यय राशि12.95 करोड़ रुपये है.

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गुजरात की ई-ग्राम, विश्व ग्राम योजना को देश भर लागू करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना की शुरुआत 2003 में गुजरात की ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए की गई थी. 2017 में सरकार ने देश में ब्रॉडबैंड द्वारा सभी ग्राम पंचायतों (लगभग 2,50,000) को जोड़ने के लिए भारतनेट प्रोजेक्ट (जिसे राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क 2011कहा जाता है) का दूसरा चरण शुरू किया.

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ओपन सोर्स और ओपन स्टैंडर्ड वाले सॉफ्टवेयर को बढ़ावा

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

2015 में इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग (DeitY) ने भारत सरकार के लिए ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को अपनाने संबंधी नीति लागू की.

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जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को समझने के लिए अनुसंधान को बढ़ावा ताकि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

इसरो प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करता रहा है. सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC)को 2008 से जारी रखे हुआ है.फरवरी 2015 में जलवायु परिवर्तन से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों के शमन करने / रोकने और पता लगाने की कोशिश करने कोलेकर पर्यावरण और व्यावसायिक स्वास्थ्य (CEOH) के लिए एक नया केंद्र बनाया गया था.भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI),भूस्खलन पर अध्ययन कर रहा है. 2014-15 के बाद से, जीएसआई नेशनल लैंडस्लाइड सुसेप्टिबिलिटी मैपिंग पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम कर रहा है. विशेष रूप से भू-स्थानिक क्षेत्र से प्राकृतिक संसाधन डेटा प्रबंधन प्रणाली के तहत कई अनुसंधान एवं विकास(R& D) परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

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वाणिज्य से जुड़े मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

वाणिज्य कोर्ट, वाणिज्य डिविजन और हाई कोर्ट की वाणिज्यिक अपीलीय डिविजन का प्रावधान 2015 से लागू हुआ जिसे 2018 में संशोधित किया गया. इसका उद्देश्य ज़िला स्तर पर वाणिज्यिक अदालत और हाई कोर्ट में वाणिज्यिक डिविजन की स्थापना करना है. दिसंबर, 2017 तक, राज्य सरकारों ने देश के विभिन्न ज़िलों में 247 वाणिज्यिक कोर्ट स्थापित किए हैं.

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श्रमिकों के लिए प्रतिबद्ध बैंक स्थापित करने के विकल्प पर विचार

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन ( ईपीएफओ) के मुताबिक श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 2015 में श्रमिकों के बैंक के संविधान के अध्ययन लिए सब कमेटी बनाई थी. लेकिन इसके बाद इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है.

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आम घरों और उद्योग को गैस मुहैया कराने के लिए गैस ग्रिड की स्थापना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

भारत में मौजूदा गैस पाइपलाइन के ढांचे के लंबाई 16,788 किलोमीटर है. सरकार ने नेशनल गैस ग्रिड के तहत 13105 किलोमीटर अतिरिक्त पाइपलाइन बिछाने को लक्ष्य बनाया है. 2018 में पूर्वोत्तर क्षेत्र में गैस ग्रिड विकसित करने के लिए ज्वाइंट वेंचर कंपनी के तौर पर पांच सेंट्रलल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के साथ समझौता किया है. 2016 में सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाय) का गठन किया जिसके तहत देश भर में ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का प्रावधान किया गया है.

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राष्ट्रीय राजमार्गों, ख़ासकर सीमावर्ती और समुद्रतटीय इलाक़ों में तेज़ गति से निर्माण

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एनएचएआई) और दूसरी सरकारी एजेंसियों ने राजमार्ग के निर्माण को तेज़ गति देने के लिए कई क़दम उठाए हैं. इसमें ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल बनाना, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अनुमति लेना, इक्विटी निवेशकों के बाहर निकलने की प्रक्रिया को सरल बनाना, विवाद सुलझाने की व्यवस्था को बेहतर बनाना और विभिन्न स्तरों पर लगातार समीक्षा करना शामिल है.

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ग्रामीण स्तर तक राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और सार्वजनिक जगहों पर वाई-फाई की सुविधा

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम पूरा

2017 में मौजूदा सरकार ने भारतनेट प्रोजेक्ट का दूसरा चरण शुरू किया. पहले इसे नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, 2011 के नाम से जाना जाता था. इसका उद्देश्य करीब ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ना था. इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों में वाईफाई हॉटस्पॉट भी लगाना शामिल था. तीन मार्च, 2019 तक एक लाख ग्राम पंचायतों को आपस में कनेक्ट कर लिया गया था. जबकि 41,139 वाईफाई लगाए जा चुके थे.

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सफ़ाई के आधार रेटिंग की शुरुआत और शहरों-नगरों को इस आधार पर रैंक करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

स्वच्छ भारत अभियान की प्रगति को मापने के लिए जनवरी 2016 में "स्वच्छ सर्वेक्षण" शुरू किया गया था.इस सर्वेक्षण में विभिन्न मापदंडों के साथ शहरों का मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें व्यक्तिगत घरेलू शौचालय और सामुदायिक शौचालय सीटें, कचरे के दरवाज़े-दरवाज़े से संग्रह और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और उपचार आदि शामिल हैं और उन्हें फिर रैंक दी जाती है.

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कुपोषण को दूर करने के लिए मिशन प्रोजेक्ट

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम पूरा

2017 में कुपोषण दूर करने के लिए पोषण अभियान की शुरुआत.

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बड़े आंकड़ों के असर के अध्ययन के लिए बिग डाटा एंड एनालिटिक्स इंस्टीट्यूट की स्थापना ताकि भविष्य के विज्ञान का अंदाजा लगाया जा सके

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम पूरा

2018 में, सरकार ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के माध्यम से नई दिल्ली में डेटा एनालिटिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया है, जिसका उद्देश्य सरकार में एडवांस्ड एनालिटिक्स को अपनाना है. सरकार ने पायलट मोड में बिग डेटा और एनालिटिक्स प्रोग्राम भी शुरू किए हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत और अन्य देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौतों को लागू कर रहा है.

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हर घर में पाइपलाइन के जरिए पानी की सुविधा

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) पर आधारित एक रिपोर्ट में बताया है कि 2018 के दौरान देश की 56 फ़ीसदी आबादी तक पाइपलाइन से पानी पहुंचा है. यह लक्ष्य राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडब्ल्यूडीपी) के तहत पूरा हुआ.

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बुलेट ट्रेन या हाइ स्पीड ट्रेन का नेटवर्क- डायमंड क्वाड्रिलेटरल प्रोजेक्ट की शुरुआत

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

मौजूदा समय में, देश का एकमात्र हाइस्पीड रेल प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद रेलवे कॉरिडोर है. डायमंड क्वाड्रिलेटरल प्रोजेक्ट के तहत छह कॉरिडोर की पहचान कर ली गई है. यह दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को वापस में जोड़ेगा, ये महानगर तो हैं ही, साथ देश में विकास के केंद्र भी हैं.

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महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यूनिफार्म सिविल कोड का प्रस्ताव तैयार करना, जिसमें सबसे बेहतरीन परंपराएं भी आधुनिक समय के मुताबिक हों.

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

जुलाई 2016 में, सरकार ने लॉ कमीशन के एक पैनल से यूनिफार्म सिविल कोड की संभावना को देखने को कहा. लॉ कमीशन ने 2018 की अपनी रिपोर्ट में कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड ज़रूरी नहीं है. बीजेपी सरकार ने अध्यादेश लाकर एकसाथ तीन तलाक़ दिए जाने को अपराध बनाया.

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एमएसएमई सेक्टर में निर्यात के लिए अंतरराष्ट्रीय संपर्क मुहैया कराना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

बीजेपी सरकार ने उन पुरानी योजनाओं को जारी रखा जो एमएसएमई सेक्टर की मदद करने वाले थे ताकि इस सेक्टर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखा जा सके. इसके अलावा सरकार ने कुछ नए प्रावधान भी लागू किए ताकि इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके.सरकार ने 12वें साल भी 24 करोड़ वाली इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन स्कीम को जारी रखा. भारतीय एमएसएमई के बीच ग्लोबल कंपीटिशन पैदा करने के लिए 2005 में नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग कंपिटिटिवनेस प्रोग्राम तैयार किया था. इस कार्यक्रम के तहत कई तरह की योजनाओं को शामिल किया गया है जिसकी मदद से आप तकनीकी सुविधा को आधुनिकतम बना सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले और कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए मार्केटिंग सहायता और ट्रैवल सहायता मिल सकती है. सरकार ने 2015 में ऐसी व्यवस्था शुरू की जिसकी मदद से एमएसएमई सेक्टर के निर्यातकों को सस्ती दरों पर क्रेडिट की सुविधा मिल सके, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ज़्यादा प्रतिस्पर्धी बन सकें.

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बड़े प्रोजेक्टों के लिए एसएमई से ख़रीद के लिए नीतिगत सहायता उपलब्ध कराना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

दिसंबर, 2017 में सरकार ने सरकारी ख़रीद के लिए पोर्टल एमएसएमई संबंध को शुरू किया ताकि सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के ज़रिए एमएसई से सरकारी ख़रीद को लागू किया जा सके और उसकी निगरानी हो सके. सरकारी ख़रीद की इस नीति की शुरुआत 2012 में हुई थी. उस वक्त सभी मंत्रालय, विभाग और सार्वजनिक ईकाईयों को साल की शुरुआत में ख़रीद का एक लक्ष्य बताना होगा होता था. 2016 में सरकार ने सरकारी ख़रीद नीति की समीक्षा की और पाया कि एमएसएमई के ज़रिए होने वाली ख़रीद 10% से भी कम है जबकि इसे अनिवार्य तौर पर 20% होना चाहिए था. नौ नवंबर, 2018 से महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसई के साथ तीन प्रतिशत सालाना ख़रीद को लक्ष्य बनाया गया है.

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पहले से काफी लोड झेल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर, नियम कायदे और वार्निंग सिस्टम को नए सिरे से बेहतर बनाने और सुरक्षित रखने के लिए निवेश

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

2108 में रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे में सुरक्षा बढ़ाने और हादसों को रोकने के लिए चार अभियानों को शुरू किया. भारत रेलवे ने 2018-19 से पूरी तरह एलएचबी कोच को अपनाने को अपना लक्ष्य बनाया है. 2017-18 के दौरान 73 रेल हादसे हुए जबकि इसके पिछले साल 104 रेल हादसे हुए थे. सुरक्षा उपायों पर निवेश के लिए सरकार ने राष्ट्रीय रेल संरक्षक कोष (आरआरएसके) की स्थापना 2017 में की थी. इस कोष में एक लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं, जिसका इस्तेमाल अगले पांच साल में होना है. इसके अलावा अतिरिक्त बजटीय आवंटन के तौर पर रेलवे ने अतिरिक्त फंड भी लिए हैं. 2015-16 से लेकर 2017-18 तक भारतीय रेलवे ने बजट के अतिरिक्त बजटीय आवंटन के ज़रिए 68,107 करोड़ रुपए भी जुटाए हैं.

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ई-गवर्नेंस की शुरुआत ताकि नागरिक और सरकार के बीच दूरी कम से कम हो

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार ने 2006 में नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान (एनईजीपी) के प्रस्ताव को स्वीकृति दी. इसका उद्देश्य ये था कि सभी सार्वजनिक सुविधाओं को तकनीक की मदद से आम लोगों तक पहुंचाया जा सके. इस दिशा में 31 परियोजनाएं चल रही हैं.

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MSME सेक्टर में नए आइडिया को प्रोत्साहन, अनुसंधान एवं विकास के लिए मदद

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का एक मुख्य उद्देश्य एमएसएमई (MSMEs) में नवाचार को बढ़ावा देना रहा है. यह मंत्रालय इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए 2010 से MSMEs में अनुसंधान और विकास प्रयासों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार चला रहा है.2014 में, 451 पुरस्कार आवेदन प्राप्त हुए थे. 2016 में, 939 पुरस्कार आवेदन प्राप्त हुए थे.

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एमएसएमई में सूचना तकनीक का इस्तेमाल

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

एमएसएमई मंत्रालय माइक्रो, स्माल इंटरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसई-सीडीपी) स्कीम लागू कर रहा है ताकि तकनीक, कौशल में सुधार हो. सरकार ने क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम भी जारी रख रही है ताकि एमएसई को आधुनिकतम तकनीकी बदलाव के लिए पूंजी का 15 फ़ीसदी हिस्सा तुरंत मिल सके. मंत्रालय ने टेक्नॉलॉजी सेंटर सिस्टम प्रोग्राम (टीसीएसपी) लागू किया हुआ है ताकि एमएसएमई को तकनीकी सहायता मुहैया कराया जा सके. बीजेपी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर में प्रमोशन संबंधी गाइडलाइंस को संशोधित किया है ताकि क्लाउड कंप्यूटिंग की सुविधा को प्रमोट किया जा सके. मंत्रालय इन सबके अलावा टेक्नॉलॉजी एंड क्वालिटी अपग्रेडेशन प्रोग्राम, डिज़ाइन क्लिनिक स्कीम और नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग कंपीटिटिवनेस प्रोग्राम (एनएमसीपी) भी चला रही है ताकि एमएसई सेक्टर की तकनीक के इस्तेमाल को बेहतर बनाया जा सके.

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भारतीय विश्वविद्यालयों की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए वरिष्ठ पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की जरूरत

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

2018 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में शिक्षकों और अकादमिक स्टाफ की नियक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक पात्रता के बारे में जानकारी सार्वजनिक की है ताकि उच्च शिक्षा के मानकों को निबाहा जा सके. इन प्रावधानों के तहत यूनिवर्सिटी में टीचर बनने के लिए पीएचडी की डिग्री, सहायक प्रोफेसर बनने के लिए अनिवार्य योग्यता है. इसके अलावा इसमें विभिन्न स्तरों के स्टाफ के बारे में ऐसी भी जानकारी उपलब्ध है.

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प्रतिबद्ध एसएमई बैंक के ज़रिए क्रेडिट की उपलब्धता को सुनिश्चित करना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

सूक्ष्म, लघु और घरेलू उद्योगों के लिए अलग से बैंक शुरू नहीं किया गया. सरकार और आरबीआई ने एमएसएमई मंत्रालय के ज़रिए क्रेडिट देने के लिए कई क़दम उठाए. शिड्यूल्ड कार्मिशयल बैंक (एससीबी) को सलाह दी गई कि वे माइक्रो एंड स्माल इंटरप्राइजेज (एमएसई) को क्रेडिट देने में हर साल 20% की वृद्धि दर कायम रखे. इसके अलावा एमएसएमई को दिए जाने वाले एडवांस पैसे में से 60% पैसा, माइक्रो इंटरप्राइजेज के खाते में जाए. माइक्रो इंटरप्राइजेज खातों की संख्या में हर साल 10% की वृद्धि हो. बैंकों को ये भी कहा गया है कि वे प्रत्येक ज़िले में एक एमएसएमई में दक्षता रखने वाली शाखा खोलें. एमएसएमई की देरी से भुगतान होने की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ट्रेड रिसिवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम की स्थापना की. सरकार की ओर क्रेडिट गारंटी स्कीम के प्रावधानों को भी बदला है ताकि एमएसएमई को क्रेडिट हासिल करने में मुश्किल नहीं हो.

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खुदरा व्यापार करने वालों और छोटे-मंझोले उद्यमियों (SME) को कई लाइसेंस हासिल करने में बहुत सारा समय और पैसे खर्च नहीं करना पड़े इसके लिए एक सिस्टम हो

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

विश्व बैंक के अनुसार, 2019 में एक व्यवसाय शुरू करने के लिए भारत का अंक 80.96 था,जो 2018 से 7% अधिक था. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत मिलने वाले ऋण को 2015 से छोटे / सूक्ष्म व्यापार उद्यमों के लिए बढ़ा दिए गए हैं. 2015 में 4857.68 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे. यह राशि 2017 में बढ़कर 9459.97 करोड़ रुपये हो गई. जीएसटी लागू होने से छोटे व्यापारियों पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा है. लेकिन सरकार देश में व्यापार को कहीं ज़्यादा सरल बनाने के लिए इस अधिनियम में नियमित रूप से बदलाव ला रही है.

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विदेशी और घरेलू निवेश से संबंधित पॉलिसी को नए सिरे से तैयार करना ताकि उपभोक्ताओं को ज़्यादा लाभ हो

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम जारी

मौजूदा नीतियों को अपग्रेड करते हुए सरकार उपभोक्ताओं के निवेश को भी अपडेट रखना चाहती है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2018 में एफडीआई पॉलिसी में बदलाव किया ताकि निवेशकों को फ़ायदा पहुंचे. 2013-14 के दौरान भारत में 36,046 मिलियन यूएस डॉलर का एफडीआई आया था जबकि 2017-18 के दौरान 61,963 मिलियन यूएस डॉलर के एफडीआई होने की उम्मीद है. 2014 में सरकार ने मेक इन इंडिया पहल की शुरुआत की थी, यह भी निवेश आकर्षित करने, दक्षता विकसित करने और नए आइडिया पर काम करने के लिए उठाया गया क़दम था.

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तकनीक के इस्तेमाल से बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

नवंबर, 2018 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली बस्ते का बोझ कम करने के लिए निर्देश भेजा.

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मदरसों को आधुनिक बनाने का राष्ट्रीय प्रोग्राम

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के ज़रिए पूरे देश के मदरसों में शिक्षा के स्तर की गुणवत्ता को सुधारने की योजना चल रही है. इसके तहत मदरसों और मकतबों को अपने यहां आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए मसलन विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी की पढ़ाई की व्यवस्था करने के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराई जाती है. हालांकि इस सरकार ने अब तक इस योजना को लागू नहीं किया जा सका है. 2014 में मदरसों के आधुनिकीकरण के नाम पर 100 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था. बीते दो सालों में आधुनिक प्रोग्राम के लिए रखे गए शिक्षकों ने समय से वेतन नहीं मिलने की भी शिकायत की है.

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स्कूली शिक्षा पूरी करने लिए लड़कियों की मदद

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ 2015 में शुरू हुई. इस स्कीम का उद्देश्य घटते हुए लिंगानुपात पर अंकुश लगाना और लड़कियों को शिक्षा मुहैया करना था. अभी यह एक सतत प्रक्रिया है. 2018 में राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा था 2009-10 की तुलना में अब प्राथमिक स्तर पर लड़कियों के नामांकन कराने की दर बढ़ी है.

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उत्पादन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में निवेश और ख़ास तौर निजी निवेश को बढ़ावा देना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

भारत रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर अपनी जीडीपी का 0.70% फ़ीसदी पैसा ख़र्च करता है जबकि चीन में यह 2.05%, कोरिया में 4.29%, जापान में 3.58% और अमरीका में 2.73% है. सामाजिक रूप से प्रासंगिक विषयों पर रिसर्च के लिए सरकार ने इंपैक्टिंग रिसर्च इन्वोशन एंड टेक्नालॉजी स्कीम (इम्प्रिंट) की शुरुआत की, इसके बाद 2015 में सरकार ने उच्चतर आविष्कार योजना शुरू हुई. इम्प्रिंट में उच्चतर शिक्षण संस्थानों में रिसर्च पर ध्यान फोकस किया गया और 2016-17 से अगले तीन साल के लिए इस मद में 487 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया. उच्चतर आविष्कार योजना में नतीजे हासिल करने वाले प्रोजेक्ट की रिसर्च योजनाओं को बढ़ावा मिलता है, जिसे इंडस्ट्री से भी प्रोत्साहन मिल रहा है. 2016-17 से शुरू हुई इस योजना में दो साल के लिए सरकार ने 475 करोड़ रुपये आवंटित किए. बीजेपी सरकार ने नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग कंपीटिटिवनेस प्रोग्राम (एनएमसीपी) कार्यक्रम की घोषणा 2014 में की थी.

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स्कूली शिक्षा की समीक्षा

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने दिसंबर, 2018 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का नया मसौदा तैयार है और इसे कभी भी केंद्र सरकार के पास भेजा जा सकता है.

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बच्चों के स्वास्थ्य और टीकाकरण पर ध्यान

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

एनडीए सरकार की अहम योजनाओं में शामिल है बच्चों के टीकाकरण से जुड़ी योजना मिशन इंद्रधनुष. 2014 से अब तक चार चरणों में 2.53 करोड़ बच्चों और 68 लाख गर्भवती महिलाओं को जीवन रक्षक टीका लगाया जा चुका है.

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भारतीय चिकित्सा पद्धति और आधुनिक विज्ञान को मिलाकर एकीकृत पाठ्यक्रम को तैयार करना एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति के केंद्र स्थापित करना.

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री ने 7 जनवरी, 2019 को राज्य सभा में भारतीय चिकित्सा पद्धति के राष्ट्रीय आयोग के गठन संबंधी बिल पेश किया. प्रस्तावित बिल का उद्देश्य भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में सुधार लाना है.आयुष मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक सेंटर काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसीन से स्वीकृत अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट तक 2016 से 11 पाठ्यक्रम ही चलाए जा रहे हैं. हालांकि भारतीय चिकित्सा पद्धति से संबद्ध यूनिवर्सिटी की संख्या 2016 के 47 से बढ़कर 2017 में 52 हो गई है.

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ब्रैंड इंडिया को मज़ूबत करने के लिए एनआरआई, पीआईओ और विदेशों में बसे पेशेवरों का इस्तेमाल

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

मौजूदा एफसीआई (FCI) नीति ऐसी परियोजनाओं में एफडीआई से जुड़ी शर्तों के बिना चुनिंदा क्षेत्रों में एनआरआई निवेश के लिए विशेष व्यवस्था की अनुमति देती है.यह कुछ क्षेत्रों में स्वचालित मार्ग के तहत 100% तक एनआरआई निवेश के लिए एक विशेष व्यवस्था की अनुमति देती है. प्रवासी भारतीयहितों की सुविधा के लिए भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों के भारत विकास फाउंडेशन (IDF-OI) की स्थापना 2008 में अलाभकारीन्यास के रूप में की गयी थी.प्रवासी भारतीय बीमा योजना (PBBY) 2017 एक अनिवार्य बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य विदेशी रोजगार में लगे भारतीय प्रवासी श्रमिकों के हितों की रक्षा करना है.

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राष्ट्रीय मच्छर नियंत्रण मिशन की शुरुआत

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

ऐसा कोई मिशन नहीं बनाया गया है. सरकार ने 2016 में 2016 से 2030 के बीच मलेरिया उन्मूलन को लेकर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क तैयार किया है.

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा मिशन की शुरुआत

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि 2018 में अमृत औषधि स्टोर की संख्या चार गुनी हो जानी है. मंत्रालय के मुताबिक इसके जरिए 52 लाख मरीजों ने 267 करोड़ रुपये बचाए हैं.

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उत्पादन में वृद्धि की दर को उच्च प्राथमिकता देना, ताकि देश में नौकरियों का सृजन हो

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

ओद्यौगिक उत्पादन के इंडेक्स के मुताबिक उत्पादन क्षेत्र में अप्रैल से अक्टूबर 2018-19 के दौरान 5.6 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है, जो इसी दौरान पिछले साल 2.1 प्रतिशत थी. घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने कई क़दम उठाए जिसमें स्टार्ट अप इंडिया, कारोबार करने के लिए सरल प्रावधान, इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन स्कीम, इंटीलैक्चुएल प्रॉपर्टी राइट(आईपीआर) पॉलिसी जैसी योजनाएं शामिल हैं. इसके अलावा सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी नियमों और प्रक्रियाओं को आसान बनाया. श्रम आयोग की अक्टूबर, 2017 में आयी तिमाही सर्वे के मुताबिक जुलाई, 2017 से अक्टूबर, 2017 के दौरान उत्पादन के क्षेत्र में 89,000 नौकरियों आई हैं. मंत्रालय ने कई बार बताया है कि उत्पादन में कमी की वजह कई मौकों पर मजदूरों की कमी भी होती है.

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स्पेशल नीड' छात्रों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षण कला को विकसित करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

2018-19 में समग्र शिक्षा योजना के तहत पहली से बारहवीं कक्षा तक स्पेशल नीड वाले बच्चों की शिक्षा के लिए अलग से समावेशी शिक्षा की व्यवस्था की गई है. नई स्कीम के तहत विशेष रूप से सक्षम बच्चों को सालाना 3500 रुपये की मदद दी जाती है जिससे वे अपनी विशेष जरूरत के मुताबिक, मसलन सहायता उपकरण, लर्निंग मैटेरियल, ब्रेल लिपि वाली किताब ले सकते हैं. आम छात्रों को इस स्कीम के तहत 3000 रुपये सालाना दिए जाते हैं. इसके अलावा इस स्कीम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय मदद मुहैया कराई जाती है ताकि वे विशेष शिक्षकों को नियुक्त कर सके और सामान्य शिक्षकों को प्रशिक्षण दिला सके. विशेष रूप से सक्षम लोगों को सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रोग्राम की शुरआत भारतीय पुर्नवास परषिद से हुई थी, जिसका गठन 1992 में किया गया था.

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ग्रामीण, आदिवासी और दूर दराज इलाके को ध्यान में रखते हुए सेकेंडरी स्कूल और स्किल डेवलपमेंट की एकसमान व्यवस्था

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार ने 2018 के बाद से स्कूली शिक्षा के लिए समग्र शिक्षा अभियान की शुरुआत की. इसके तहत पुरानी योजनाओं मसलन सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और टीचर एजुकेशन को एकसाथ जोड़ दिया गया ताकि देश के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की स्थिति बेहतर हो. राज्य सरकारों के माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में वोकेशनल पाठ्यक्रमों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की आर्थिक मदद देने वाली योजना भी चल रही है. एकीकृत ज़िलावार शैक्षणिक सूचना व्यवस्था के तहत 2009 में सेकेंडरी स्तर पर नामांकन कराने की दर 62.09% थी, जो 2015 में बढ़कर 80.01% हो गई थी. 2017-18 के बजट में सेकेंडरी एजुकेशन की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक इनोवेशन फंड की शुरुआत ताकि देश के पिछड़े इलाकों में विशेष ध्यान देने के लिए स्थानीय पहल को प्रोत्साहन मिल सके.

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शिक्षा और अनुसंधान के स्तर को बढ़ाना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार ने शिक्षा और अनुसंधान की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. इनमें इम्प्रिंट इंडिया, उच्चतर आविष्कार योजना और ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ़ अकादमिक नेटवर्क, स्कीम फॉर ट्रांसफॉरमेशनल एंड एडवांस्ड रिसर्च इन फंडामेंटल साइंस (स्टार्स), स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ़ एकेडमिक एंड रिसर्च कॉलर्बेशन (स्पार्क) और इंपैक्टफुल पॉलिसी रिसर्च इन सोशल साइंस (इम्प्रैस) जैसी योजनाएं शामिल हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी रिसर्च फेलोशिप को प्रमोट करने के लिए योजनाएं शुरू की हैं, सरकार ने नौ रिसर्च पार्क स्थापित करने को स्वीकृति दी है. इन सब पहल के बाद भी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के मुताबिक महज तीन भारतीय विश्वविद्यालय टॉप 200 विश्वविद्यालयों में जगह बना सके हैं. 2016 में इस सूची में केवल दो भारतीय विश्वविद्यालय शामिल थे.

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कार्बन क्रेडिट के सक्रिय प्रस्ताव को बढ़ावा

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

क्योटो प्रोटोकॉल के तहत, क्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज्म (CDM) की स्थापना की गई है, जिसके तहत विकसित देशों की इकाइयां विकासशील देशों में उत्सर्जन कम करने वाली परियोजनाओं का विकास कर सकती हैं, और प्रमाणित उत्सर्जन कटौती (CER) के रूप में व्यापार योग्य क्रेडिट का सृजन कर सकती हैं.भारत सरकार ने देश में सीडीएम परियोजनाओं की पात्रता के अनुमोदन के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ विकास तंत्र प्राधिकरण (NCDMA) की स्थापना की है.फरवरी 2017 तक, प्राधिकरण ने 3,011 परियोजनाओं को मेजबान देश की स्वीकृति (HCA) दी है.सरकार नियमित रूप से क्षमता निर्माण की पहल करती है और कार्यशालाओं, सेमिनारों और अन्य गतिविधियों के माध्यम से CDM परियोजनाओं कीसहायता करती है. 2015 में NCDMA ने स्वच्छ विकास तंत्र (CDM) परियोजनाओं की निगरानी को और अधिक खुला बनाने के लिए एक नई वेबसाइट शुरू की थी.

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स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

सीबीएसई भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और खेल मंत्रालय के साथ मिलकर सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी लेवल पर स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा का एकीकृत पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी में है. सीबीएसई ने सभी स्कूलों को 2018-19 के सत्र में स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा की एक क्लास रखने की सलाह दी है. इस क्लास में सबकी भागीदारी अनिवार्य होगी और इसके आधार पर उन्हें बोर्ड परीक्षा में बैठने दिया जाएगा. नई योजना के तहत कुछ प्रोजेक्ट में ऐसे ही स्वच्छता को भी शामिल किया गया है.

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जनजातीय समुदाय के लिए एजुकेशन नेटवर्क

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

1977 से केंद्र सरकार राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को अनुदान देती है ताकि अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में मदद की जाए. इसे स्पेशल सेंट्रल अस्सिटेंस ट्राइबल सब-स्कीम कहा जाता है. जनजाति समुदाय से आने वाले बच्चों को नौवीं कक्षा और उससे आगे की पढ़ाई के लिए सरकार स्कॉलरशिप मुहैया कराती है जिसमें रहने का खर्च भी शामिल है.इसके तहत आईआईटी, आईआईएम और प्रतिष्ठित मेडकिल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को भी स्कॉलरशिप दी जाती है. साल 2017-18 के दौरान इस स्कॉलरशिप और फेलोशिप के तहत 1,787.45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसके अलावा कम साक्षरता वाले जिलों की जनजाति समुदाय की लड़कियों को शिक्षित बनाने के लिए भी सरकार मदद करती है. सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की 2018 की स्टैंडिंग कमेटी के मुताबिक तमाम पहल के बाद भी जनजाति समुदाय की लड़कियों की साक्षरता की दर राष्ट्रीय औसत से कम है. कमेटी के मुताबिक इसके लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर में भी कमी है. इनमें एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय शामिल हैं.

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नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री दिसंबर, 2018 में घोषणा की है राष्ट्रीय शिक्षा नीति का नया मसौदा तैयार है और इस कभी भी केंद्र सरकार के पास भेजा जा सकता है.

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नौकरी, संपत्ति और इंफ्रास्ट्रकचर बनाने या फिर आधुनिक तकनीक के अधिग्रहण के लिए, जरूरत के हिसाब से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम जारी

2018 में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधित नीतियों में संशोधन करते हुए ज़्यादातर क्षेत्रों में 100% एफडीआई को मंज़ूरी दे दी.

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कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर एनसीसी प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

एनसीसी प्रशिक्षण को समय समय पर अपडेट किया जाता है. अंतिम बार इसे 2017 में अपडेट किया गया था. 2018 की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीसी के डीजी को ट्रेनिंग के लिए थोड़े निर्देश बी दिए थे, जिसे ट्रेनिंग में शामिल किया जा रहा है. पीएम ने राष्ट्रीय एकता बढ़ाने के लिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत कैंप का विचार रखा है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कैडटों को वीडियो स्ट्रीमिंग के जरिए आपसी संवाद बढ़ाने, प्रशिक्षण की स्थिति को बेहतर करने पर भी जोर दिया. इसके अलावा 2016 में आई शेकातकर कमेटी की रिपोर्ट में एनसीसी कैडटों की सैन्य क्षमता को बेहतर करने की बात कही गई है.

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यूजीसी का नए सिरे से उच्चतर शिक्षा आयोग के तौर पर गठन

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार ने भारत में उच्चतर शिक्षा आयोग (यूजीसी को निरस्त करने वाला एक्ट) के गठन का मसौदा, 2018 तैयार किया है. इसके तहत ये प्रस्ताव है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एक्ट, 1956 को निरस्त करके उसकी जगह भारत के उच्चतर शिक्षा आयोग का गठन किया जाए.

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भारतीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा- अनुसंधान की स्थिति को बेहतर करके ग्लोबल स्टेटस हासिल करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार ने शिक्षा और अनुसंधान की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. इनमें इम्प्रिंट इंडिया, उच्चतर आविष्कार योजना और ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ़ अकादमिक नेटवर्क, स्कीम फॉर ट्रांसफॉरमेशनल एंड एडवांस्ड रिसर्च इन फंडामेंटल साइंस (स्टार्स), स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ़ एकेडमिक एंड रिसर्च कॉलर्बेशन (स्पार्क) और इंपैक्टफुल पॉलिसी रिसर्च इन सोशल साइंस (इम्प्रैस) जैसी योजनाएं शामिल हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी रिसर्च फेलोशिप को प्रमोट करने के लिए योजनाएं शुरू की हैं, सरकार ने नौ रिसर्च पार्क स्थापित करने को स्वीकृति दी है. क्यूएस ने अपनी रिपोर्ट में इस बात को रेखांकित किया है कि देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में स्थिति बेहतर हो रही है और देश में उच्च शिक्षा के लिहाज से ये एक कामयाबी भरा साल है. इसमें बताया गया है कि भारत की ओर से 24 विश्वविद्यालयों पर विचार किया गया था, जिसमें सात ने अपनी रैंकिंग को बेहतर किया है, जबकि नौ विश्वविद्यालयों में स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पांच नए विश्वविद्यालय अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं जबकि तीन अपनी पुरानी रैंकिंग से फिसल गए हैं.

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उच्चतर शैक्षणिक संस्थाओं की जवाबदेही तय करने के प्रावधानों के साथ स्वायत्तता

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

20 मार्च, 2018 को मोदी सरकार ने 62 विश्वविद्यालयों और आठ कॉलेजों को स्वायत्तता दी थी.

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इंडस्ट्री, अकेडमिक और समुदाय के बीच संवाद की व्यवस्था करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाय) लागू किया गया जिसके तहत कम उम्र के उद्यमियों या फिर कम धन से अपना कारोबार शुरू करने वाले उद्यमियों की मदद की जाती है.

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मेडिकल और पारा-मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

परिवार एवं कल्याण मंत्रालय, नए मेडिकल कॉलेज खोलने की उस योजना को जारी रखे हुए जिसमें केंद्र की मदद से कॉलेज स्थापित किए जाते हैं. 2018 में इस योजना के दूसरे चरण में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 24 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को मंजूरी दी है. 24 कॉलेज में से 13 कॉलेज को मंजूरी मिल गई. 2018 में मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के मुताबिक 492 कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई होती है, जिनमें 61580 सीटें हैं. कॉलेज और उसके मुताबिक छात्रों के लिए सीटों की संख्या भी बढ़ी है. पारा-मेडिकल एजुकेशन की कोई नियामक संस्था नहीं होने के चलते उसको लेकर कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.

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प्रत्येक राज्य में एम्स जैसी संस्था का गठन

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाय) के तहत 21 एम्स के गठन की घोषणा. 2018 में देश में आठ एम्स, दिल्ली, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में कार्यरत. एम्स नागपुर में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध. एम्स गुंटूर भी अस्थायी जगह पर सेवा में. बीते पांच साल में सरकार ने 15 एम्स बनाने की घोषणा की थी, जिसमें से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर में 13 एम्स के निर्माण की मंजूरी दी.

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सिंगल विंडो सिस्टम की ओर क़दम

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

कई विभाग सिंगल विंडो सिस्टम की ओर बढ़ रहे हैं. सेंट्रल बोर्ड एक्साइज एंड कस्टम ने अप्रैल, 2016 में कारोबार के लिए सिंगल विंडो इंटरफेस शुरू किया है जिसकी मदद से निर्यातक खुद से इलेक्ट्रानिक घोषणापत्र जारी कर सकते हैं. दिल्ली पुलिस के मुताबिक पुलिस मुख्यालय में आईटी सेंटर की देखरेख में सिंगल विंडो सिस्टम मौजूद है. पुलिस मुख्यालय के सिंगल विंडो सिस्टम से आम लोग अपनी शिकायतों की वर्तमान स्थिति को देख सकते हैं. दिल्ली एवं मुंबई में हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स, सिंगल विंडो के ज़रिए मकान निर्माण संबंधी नक्शों को स्वीकृति दे रहा है. दिल्ली विकास प्राधिकरण के तहत विकसित हो रहे सिंगल विंडो सिस्टम के ज़रिए ज़मीन नीति, 2018 को लागू किया गया.

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धार्मिक नेताओं से विचार करके वक्फ बोर्ड को सशक्त बनाना और वक्फ बोर्ड की संपत्ति में हुए अतिक्रमणों को हटाना

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम जारी

2017 में राज्य वक्फ बोर्डों को मजबूत करने और उनके रिकार्ड्स को डिजिटल बनाने की योजना का नाम बदलकर कौमी वक्फ बोर्ड तरक्कीयाती स्कीम कर दिया गया गया. वैसे ये योजना 2009 से ही चल रही है. इस योजना के तहत ही भारतीय वक्फ प्रबंधन व्यवस्था का पोर्टल बना हुआ है जिसमें वक्फ की संपत्तियों का ब्योरा भी उपलब्ध है. वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लीज पर देने संबंधी 2014 के प्रावधान को 2015 में संशोधित किया गया है. नए नियमों के तहत काम हो रहा है या नहीं, ये देखने के लिए 2018 में एक कमेटी बनाई गई. जनवरी, 2019 में दाख़िल अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने कई अनुशंसाएं की हैं. वक्फ की संपत्तियों से जुड़े विवादों की देखरेख के लिए एक सदस्यीय न्यायिक निर्णय वाला बोर्ड स्थापित किया गया है. वहीं तीन सदस्यीय ट्राइब्यूनल का गठन राज्यों में होता है. अब तक 23 राज्य अपने ट्राइब्यूनल का गठन कर चुके हैं.

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मौजूदा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को संशोधित करना

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम जारी

2018-19 और 2019-20 के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी करने के लिए एक योजना बनाई गई है जिसके आधार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली का नेटवर्क बनाया जाएगा. इसके अलावा सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत करने की योजना भी चला रही है, जिसके तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राशन कार्ड डिजिटल हो चुके हैं.

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कौशल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आवास जैसी सुविधाओं के लिए मॉडल प्रोजेक्ट तैयार करना

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम जारी

स्वास्थ्य एवं शिक्षा को 2011 के नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान (NeGP) में शामिल किया गया है. 2015 में स्किल इंडिया योजना भी मिशन मोड प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुई है. मिशन मोड के तौर पर ही 2015 में शहरी क्षेत्र में सभी लोगों प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने की योजना शुरू हुई है.

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लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सप्लाई चेन प्रबंधन को बेहतर बनाना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

वर्ल्ड बैंक देश भर में लॉजिस्टिक्स की मौजूदगी को लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस (एलपीआई) इंडेक्स के ज़रिए नज़र रखती है. इस मामले में भारत की रैंकिंग 2018 में 44 थी, जबकि 2016 में यह 35 थी. 2016 से 2018 के दौरान भारत ने सभी छह कैटेगरी में अच्छे अंक हासिल किए थे लेकिन इसके बाद 2016 से 2018 के बीच भारत के रेटिंग सभी कैटेगरियों में कम हुई है.

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नेशनल सेंटर फॉर ट्राइबल रिसर्च एंड कल्चर की स्थापना ताकि जनजातीय संस्कृति एवं भाषा को संरक्षित किया जा सके

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: काम जारी

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जहां ऐसी संस्थाएं नहीं हैं, वहां ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूशन खोलने की योजना बनाई है. मौजूदा समय में, 21 राज्यों में ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूशन मौजूद हैं. 2017-18 में अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम में नए टीआरआई खोलने के लिए 79 करोड़ रुपये दिए गए हैं. मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्तर का ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट दिल्ली में स्थापित करने का प्रस्ताव है. यह प्रस्ताव 2018 के अंत में नीति आयोग को भेजा गया है.

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टैक्स संबंधी विवादों का हल

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार ने लंबित कर संबंधी मामलों को कम करने के लिए कई क़दम उठाए हैं. 2015 में सीमित अवधि तक अपील दाख़िल करने की आर्थिक लिमिट को बढ़ाया गया था. 2015 में आयकर क़ानून (फाइनेंस एक्ट के ज़रिए) में संशोधन के ज़रिए एक सदस्यीय बेंच को 15 लाख रुपये तक के मामले देखने का अधिकार दिया गया. 2016 में टैक्स संबंधी विवादों के हल के लिए स्कीम लागू की गई और इसमें कर संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए सात महीने का वक्त दिया गया है.

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लाल फीताशाही को कम करना, प्रक्रियाओं को सरल बनाना और बाधाओं को दूर करना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

वर्ल्ड बैंक की इज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने उन सभी 11 कैटेगरियों में अपनी प्रक्रियाओं को सरल बनाया है जिन पर वर्ल्ड बैंक नजर रखता है.

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कर संबंधी प्रावधानों को तर्कसंगत और सरल बनाकर अनिश्चितता दूर कर निवेशकों में भरोसा बनाना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम जारी

केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष कर के प्रावधानों का मसौदा तैयार करने के लिए नई टास्क फोर्स का गठन किया. (पहले एक टास्क फोर्स ये काम नहीं कर पाई थी) ताकि इन्हें आधुनिक और सरल बनाया जा सके. जीएसटी के कारण अब कई अप्रत्यक्ष करों की जगह केवल एक अप्रत्यक्ष कर रह गया है. ऑनलाइन पोर्टलों के जरिए भी कर चुकाया जा सकता है, सरकार ने इसकी प्रक्रिया को भी सरल किया है.

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को मज़बूत करना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

2014-15 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का बजट 13.25 हज़ार करोड़ रुपये था. 2018-19 के बजट अनुमान के मुताबिक यह 17.86 हज़ार करोड़ का है. 2018 में एक संसदीय समिति ने सरकार से सहायता की अपील करते हुए कहा था कि डीआरडीओ के पास पर्याप्त फंड नहीं है, जिसके चलते उसे अपनी मौजूदा परियोजनाएं एवं दूसरी गतिविधियों को प्राथमिकता के आधार पर तय करना पड़ रहा है. बीते पांच दशक से डीआरडीओ ने कई तकनीकों को विकसित किया है, उसे बेहतर किया है, जो या तो इस्तेमाल हो रही हैं या फिर इस्तेमाल होने वाली हैं. इन तमाम परियोजनाओं की लागत 2.60 लाख करोड़ रुपये है जिसमें 2015 के बाद से 1.10 लाख करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू हुई हैं. लेकिन 31 मार्च, 2017 को डीआरडीओ की 13 बेहद अहम योजनाएं देरी से चल रही थीं. 2018 में संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने पाया कि अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए डीआरडीओ ने कुछ क़दम उठाए हैं, जिनमें पावर को डिसेंट्रलाइज करना और प्रोजेक्ट की सख़्त समीक्षा जैसी बातें शामिल हैं. व्यवस्थागत तौर पर प्रावधानों की एकरूपता के लिए डीआरडीओ ने 2016 में आधिकारिक गाइडलाइंस भी जारी कर चुकी है.

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खुफ़िया विभाग के आधुनिकीकरण से सूचना एकत्रित करने वाली व्यवस्था में बदलाव

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार 2009 से नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड प्रोजेक्ट को लागू करने की कोशिश कर रही है. इसमें खुफिया एजेंसियों के बीच सूचना तकनीक के इस्तेमाल का फ्रेमवर्क तैयार करना भी शामिल है. 2015 में नेशनल साइबर कॉर्डिनेशन सेंटर (एनसीसीसी) के गठन की सरकार ने मंजूरी दी जिसकी मदद से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर खुफ़िया एजेंसियों के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान हो सके. एनसीसीसी का पहला चरण 2017 से काम कर रहा है.

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पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकाों की हर संभव मदद

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

2017 में कैबिनेट ने पुलिस बल के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) के लिए साल 2017-18 और 2019-20 के दौरान 25,060 करोड़ रुपये की मंजूरी दी. इस योजना के तहत राज्य सरकारों को पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, फॉरेंसिक साइंस लैब की सुविधा, उपकरण और संस्थान बनाने के लिए मदद दी जाती है. केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साइबर अपराध रोकने के लिए भी वित्तीय मदद मुहैया कराती है. 2018 के अंत में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) वेब पोर्टल शुरू हुआ जिसका उद्देश्य पुलिस सुविधा और ई-गवर्नेेंस को बढ़ावा देना है. इसे आम लोगों और जांच एजेंसियों के आपसी संपर्क का सिंगल विंडो माना जा रहा है.

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भारत में कारोबार करने के लिए सहज वातावरण का निर्माण

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

वर्ल्ड बैंक की 2019 की इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट में भारत 27 स्थान की छलांग लगाते हुए 77वें पायदान पर पहुंचा.

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स्वायत्त टेक्नॉलॉजी ट्रांसफर करने वाली संस्थाओं, विश्वविद्यालयों और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का निर्माण

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

तकनीक के आदान प्रदान के लिए काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) और डीएसआईआर के हिस्से एनआरडीसी, नियमित तौर पर दूसरे देशों और देश के भीतर भी समझौता करते हैं. इस दिशा में सरकार की ओर से किसी नई संस्था का गठन अभी नहीं हुआ है. विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के तहत बने बायोटेक्नॉलॉजी विभाग ने दिसंबर 2018 में अकादमिक संस्था, यूनिवर्सिटी, रिसर्च इंस्टीट्यूट, साइंटिफिक आर्गेनाइजेशन इत्यादि के गठन में दिलचस्पी दिखाई थी. इसके तहत आठ कंपनियों ने तकनीक स्थानांतरण के लिए ऑफिस खोलने या मौजूदा ऑफिस को अपग्रेड करने की बात कही है. दिलचस्पी जाहिर करते हुए आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 जनवरी, 2019 थी.

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साइंटिफिक रिसर्च एंड इनोवेशन में करियर बनाने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने वाली स्कीम और कार्यक्रम का आयोजन

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार युवा वैज्ञानिकों को रिसर्च के कामों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चलाती हैं. इसमें कुछ योजना हैं- इनोवेशन इन साइंस परसुइट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च (इंस्पायर), नेशनल पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप (एन-पीडीएफ), एर्ली करियर रिसर्च अवार्ड (ईसीआरए), काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) फेलोशिप स्कीम इत्यादि. 2016 में सरकार ने स्टुडेंट स्टार्ट अप निधि अवार्ड शुरू किया है जिसके तहत छात्रों को स्टार्ट अप के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराई जाती है. 2017 में युवाओं की 12 टीम को इस अवार्ड के लिए चुना गया था.

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ग़रीबी दूर करने, आजीविका सुरक्षित करने, भूख-कुपोषण को दूर करने और रोजगार सृजन के लिए विज्ञान और तकनीक का इस्तेमाल

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार ने सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए तकनीकी दखल (टीआईएएसएन) जैसी योजनाओं को जारी रखा है. इसके अलावा समाज के निचले तबके से आने वाले लोगों की चुनौतियों के हल के लिए युवा वैज्ञानिकों और तकनीकविदों की मदद की योजना भी चल रही है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2014 में उन्नत भारत अभियान शुरू किया था ताकि उच्च शिक्षा के केंद्र, मसलन आईटआईटी, एनआईटी और आईआईएसईआर को स्थानीय लोगों से जोड़कर उन्हें भी विकास के रास्ते पर लाया जा सके. 2017 में पोषण अभियान की शुरुआत कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से हुई है. इसको आंगनवाड़ी कार्यकर्या और लेडी सुपरवाइजर चलती हैं और उन्होंने रिय टाइम में आंकड़े अपने स्मार्टफ़ोन के ज़रिए जमा करने होते हैं. नैस्कॉम के मुताबिक सोशल मीडिया, आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस, एनालिटिक्स और रोबोटिक्स के ज़रिए नई तरह की नौकरियां मसलन चीफ़ डिजिटल अधिकारी, चीफ़ डिस्ट्रिब्यूशन अधिकारी और डेटा साइंटिस्ट जैसी नौकरियां शामिल हैं.

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नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स को मजबूत करना, विस्तार देना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

एनसीसी प्रशिक्षण को समय समय पर अपडेट किया जाता है. अंतिम बार इसे 2017 में अपडेट किया गया था. 2018 की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीसी के डीजी को ट्रेनिंग के लिए थोड़े निर्देश बी दिए थे, जिसे ट्रेनिंग में शामिल किया जा रहा है. पीएम ने राष्ट्रीय एकता बढ़ाने के लिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत कैंप का विचार रखा है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कैडटों को वीडियो स्ट्रीमिंग के जरिए आपसी संवाद बढ़ाने, प्रशिक्षण की स्थिति को बेहतर करने पर भी जोर दिया. इसके अलावा 2016 में आई शेकातकर कमेटी की रिपोर्ट में एनसीसी कैडटों की सैन्य क्षमता को बेहतर करने की बात कही गई है.

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न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में संशोधन और खेती को मनरेगा से जोड़ना

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

सरकार 22 अनिवार्य फ़सलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है. 2018-19 में सरकार ने इन फसलों के एमएसपी में 50 फ़ीसदी से ज़्यादा की बढ़ोत्तरी की है.

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माओवादी चरमपंथ से निपटने के लिए राष्ट्रीय योजना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

माओवादी चरमपंथ से निपटने के लिए कोई राष्ट्रीय योजना नहीं है. हालांकि सरकार इस पर अंकुश लगाने के लिए समय समय पर क़दम उठाती रही है. सरकार ने 2014 में माओवादी चरमपंथ से प्रभावित राज्यों में मोबाइल टावर लगाने की अनुमति दी ताकि उन इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बेहतर हो सके.2016 में इन इलाकों में सड़क संपर्क की स्थिति को बेहतर करने का प्रोजेक्ट पारित हुआ. सुरक्षा बल और आम लोगों के बीच दूरी को कम करने के लिए नागरिक क्रिया प्रोग्राम को 2017 में स्वीकृति मिली. माओवादी चरमपंथ से निपटने के लिए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण स्कीम में भी कई प्रावधान किए गए हैं.

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पूर्वोत्तर और दूसरे राज्यों से आए श्रमिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल क़दम उठाने की ज़रूरत

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 2008 से योजना चला रही है जिसमें असंगठित क्षेत्रों में काम करने वालों की मदद की जाती है जिसमें प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं.प्रवासी मजदूर सहित असंगठित क्षेत्र के हर काम करने वाले श्रमिक को सरकार ने जीवन बीमा और किसी हादसे के शिकार होने पर मदद का प्रावधान रखा है. लेकिन इसमें किसी भी योजना में सुरक्षा पर जोर नहीं दिया गया है. गृह मंत्रालय ने फरवरी, 2014 में एक कमेटी बनाई जिसे देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा को आंकना था. कमेटी की अनुशंसाओं को लागू करने की कोशिश की जा रही है. दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी पूर्वोत्तर से जुड़े मामलों में लोगों को महिला वकील सहित वकील की सुविधा मुहैया कराती है. दिल्ली और बेंगलुरु में पूर्वोत्तर के लोगों की शिकायतों पर बेहतर ढंग से काम किया जा रहा है.

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उत्पादन, क़ीमत, आयात, स्टॉक और फसलों की कुल उपलब्धता, बीज इत्यादि के बारे में किसानों को रियल टाइम डेटा उपलब्ध कराना.

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: काम जारी

किसानों को बीज, क़ीमत, तकनीक, मौसम, बीमा इत्यादि के बारे में सूचना देने के लिए सरकार ने कई वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप को शुरू किया है. इनमें ज़्यादातर ऐप का लिंक सुचारू रूप से काम नहीं करता है और अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध नहीं हैं.

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वित्तीय अनुशासन के आग्रह के साथ राज्यों को वित्तीय स्वायत्तता

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

पंचायती राज मंत्रालय ने 2016 में पाया कि संविधान में राज्य वित्त आयोग के गठन का प्रावधान है, जो प्रत्येक पांच साल पर पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर सके. केंद्रीय वित्त आयोग के मुताबिक इस दिशा में राज्य सरकारों को काम करना है.

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इंटिलैक्चुएल प्रॉपर्टी राइट्स एवं पेटेंट की दिशा में आगे बढ़ना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

इंटिलैक्चुएल प्रॉपर्टी राइट्स एवं पेटेंट की दिशा में कई क़दम उठाए गए हैं. इस क्षेत्र में कर्मचारियों की नियुक्ति हुई और उन्हें प्रशिक्षित किया गया. 2018-19 के पहले आठ महीने में 2017-18 की तुलना में पेटेंट हासिल करने में 7% की वृद्धि हुई है.

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चिकित्सा, उद्योग एवं कृषि के लिए न्यूक्लियर साइंस का इस्तेमाल हो सके, इसके लिए इस दिशा में अनुसंधान को बढ़ावा

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

परमाणु ऊर्जा विभाग,भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केन्द्रआदि के माध्यम से खाद्य एवं कृषि क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों का संचालन कर रहा है.बीज संवर्धन, उन्नत खाद, फसल की विविधता आदि अनुसंधान के कुछ क्षेत्र हैं. चिकित्सा के क्षेत्र में विकिरण पर भी अनुसंधान किया जा रहा है.2014-2015 में परमाणु ऊर्जा विभाग के लिए संशोधित बजट अनुमान 7700 करोड़ रुपये था.यह2018-2019 में 16965.25 करोड़ रुपये हो गया.

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सशस्त्र सेना का आधुनिकीकरण

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

बीजेपी जब से सरकार में आई है तब से रक्षा सौदे की प्रक्रिया में कई बदलाव किए गए हैं. इसका उद्देश्य स्वदेशी उत्पादों की ख़रीद की हिस्सेदारी को बढ़ाना है.सेना का आधुनिकीकरण एक सतत प्रक्रिया है जो रक्षा उपकरणों की ख़रीद और कर्मचारियों के प्रशिक्षण से जुड़ी है. 2013-14 में सेना के आधुनिकीकरण के लिए 73,444 करोड़ रुपये का बजट था. उस साल 66,850 करोड़ रुपये खर्च किए गए. 2015-16 में बजट अनुमान 77,406 करोड़ रुपये का था जबकि खर्च 62,235 करोड़ रुपए किए गए.

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सीमा प्रबंधन की समीक्षा और उसे बेहतर बनाना, गैर क़ानूनी घुसपैठ को रोकने के लिए दंड का प्रावधान

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

2019 में सरकार ने सीमा प्रबंधन की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए स्पेस टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल वाले इलाकों की पहचान के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया. 2016 में एकीकृत सीमा प्रबंधन व्यवस्था (सीआईबीएमएस) का लागू किया गया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के ज़रिए निगरानी रखना है. 2018 में राजनाथ सिंह ने सीआईबीएमएस के तहत भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्मार्ट बाड़ लगाने के लिए दो पायलट प्रोजेक्टों का उद्घाटन किया. बांग्लादेश से गैर कानूनी ढंग से भारत की सीमा में आने वाले लोगों को रोकने, पकड़ने और पहचान सुनश्चित करने के लिए अलग-अलग टास्क फोर्स का गठन. 2016 में गृह मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी ने सीमा सुरक्षा संबंधी अपनी रिपोर्ट में सीमा चौकी, बाड़ और रोशनी की उपलब्धता जैसी बातों का जिक्र भी किया था.

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उष्णकटिबंधीय इलाकों में होने वाली बीमारियों के उन्मूलन पर शोध

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद उष्णकटिबंधीय इलाकों में होने वाली विभिन्न बीमारियों पर शोध अध्ययन कराता रहा है. 2013 में परिषद को 480.20 करोड़ रुपये मिले थे. 2017 में यह 190% बढ़कर 1395.60 करोड़ रुपये हो गया.

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सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उत्पादन केंद्र बनाने की सुविधा

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

सरकार ने देश भर में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देने वाले कदम उठाए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने वाली विश्वस्तरीय यूनिट की स्थापना के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर्स (ईएमसी) वित्तीय मदद मुहैया कराती है.

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रक्षा मंत्रालय के फ़ैसले लेने की प्रक्रिया में सशस्त्र बलों की ज़्यादा हिस्सेदारी

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

रक्षाा मंत्रालय ने वित्तीय फैसले लेने का अधिकार अब सेना के तीनों अंग के उप-प्रमुखों को भी दिया है ताकि सेना के राजस्व और फ़ैसले लेने में हिस्सेदारी भी बढ़े लेकिन बहुत देरी नहीं हो. 2018 में देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी में सेना के तीनों अंगों के संयुक्त कमांडर कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री ने तीनों सेना के प्रमुखों से अपील की कि ट्रेनिंग, लॉजिस्टिक्स, प्लानिंग और ख़रीद की प्रक्रिया में आपसी तालमेल बढ़ाएं. इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हुआ है.

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सैन्य बलों के ट्राइब्यूनल को प्रभावी बनाने के लिए क़दम उठाना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

सैन्य बल ट्राइब्यूनल की 11 बेंच हैं और इन बेंचों के अधीन 17 अदालतें अपना काम करती हैं. 2018 में सेना ने अपने सबसे नए ट्राइब्यूनल का गठन जम्मू में किया. 2019 में इन ट्राइब्यूनलों के 593 पदों में 195 रिक्त हैं. 2017 में जारी नियमों के मुताबिक सरकार ट्राइब्यूनल और अपीलीय ट्राइब्यूनल और अन्य अधिकारियों (सेवा के मुताबिक योग्यता, अनुभव और दूसरी शर्तों) की नियुक्ति लिए नोटिफिकेशन जारी होने के बाद, नौ सदस्यों की टीम नियुक्तियां करती हैं.आर्म्ड फोर्स ट्राइब्यूनल एक्ट, 2007 के तहत इस बात का प्रावधान है कि सैन्य बल ट्राइब्यूनल के किसी फैसले के ख़िलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है. 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बाबत निर्देश जारी किया कि सैन्य बल ट्राइब्यूनल के आदेश के ख़िलाफ़ अपील उच्च न्यायालय में न करके सुप्रीम कोर्ट में करनी होगी. 2009 से ये ट्राइब्यूनल अपना काम कर रहा है और 2018 में कुल 11,705 मामले इनमें लंबित हैं.

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नौकरी करने वाले अपने काम की जगह पर मतदाता सूची में पंजीकृत हो सकें और मत डाल सकें

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

तीन साल तक किसी जगह पर काम करने वाले लोग, उस जगह आम मतदाता के तौर पर पंजीकृत हो सकते हैं. यह व्यवस्था 2008 से चली आ रही है. 2016 में सरकार ने चुनाव कराने संबंधी नियम, 1961 में संशोधन किया जिसके बाद से नौकरीपेशा लोग अपना वोट ई-पोस्टल बैलेट से भी दे सकते हैं. लेकिन सैन्य मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के मुताबिक 90% सैन्य कर्मचारी अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं क्योंकि पोस्टल बैलेट व्यवस्था पूरी तरह से समस्या का हल नहीं दे पा रही है.

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इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत नेशनल सिस्टम का निर्माण

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

2018 में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एमएचआरडी(MHRD) की नवाचार प्रकोष्ठ शुरू की गई है. भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने 2000 के बाद से नवाचार को बढ़ावा देता रहा है.विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने 2016-17 में ज्ञान-आधारित और प्रौद्योगिकी संचालित विचारों और नवाचारों को सफल स्टार्टअप में शामिल करने के लिए ‘नेशनल इनिशिएटिव फॉर डेवलपिंग एंड हारनेसिंग इनोवेशन ’(NIDHI) की शुरुआत की थी.

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युवाओं के लिए एप्रेंटिशशिप और इंटर्नशिप के कार्यक्रमों की शुरुआत

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

28 मार्च, 2018 को स्किल इंडिया मिशन के तहत जापान में टेक्नीकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीआईटीपी) में शामिल होने वाले इंटर्नों के पहले बैच को सम्मानित किया गया.

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प्रत्येक ज़िले में बीजों की गुणवत्ता जांचने के लिए लैब का निर्माण

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

2018 में, अलग-अलग राज्यों में 130 बीज जांच लैब थे. देश के दो शहरों वाराणसी और फ़रीदाबाद में बीजों पर अध्ययन के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटियां हैं. अक्टूबर, 2018 में इकॉनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि मंत्रालय पूरे देश में बीजों की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं को तेजी से बढ़ाने की योजना बना रहा है. रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार ने मुख्य शहरों में 583 ऐसे लैब बनाने के लिए राज्य सरकारों से संपर्क किया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में प्रखंड स्तर पर ऐसे 6,600 लैब बनाने की बात शामिल थी. हालांकि रिपोर्ट के बाद, इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है.

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लगातार शिक्षा की मदद से क्षमता को बढ़ाने की संस्थागत व्यवस्था करना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

अगस्त, 2018 को भारत सरकार ने उन्नत भारत अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की. जिसका उद्देश्य कम से कम पांच गांवों को उच्च शैक्षणिक संस्थानों से जोड़ना था. इस योजना में 750 शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं.

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सरकार, यूनिवर्सिटी और इंडस्ट्री को एक साथ लाने की कोशिश.

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय अपनी संस्थाओं--नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी (एनएसडीए), नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी), नेशनल स्किल डेवलपमेंट फंड (एनएसडीएफ) को स्किल डेवलपमेंट सेंटर, यूनिवर्सिटी और दूसरे साझेदारों से जोड़कर काम को आगे बढ़ाना चाहती है.

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उद्योग धंधों के साथ साझेदारी कर सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

भारत सरकार ने पेट्रोकेमिकल सेक्टर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस की शुरुआत की है.

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नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर, 2018 को नवीकरणीय ऊर्जा पर इंडियन ओसेन रिम एसोसिएशन देशों के मंत्रियों की दूसरी बैठक के साथ इंटरनेशनल सोलर एलायंस की एसेंबली का उद्घाटन किया था. उन्होंने इस मौके पर कहा तथा नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों पर काम कर रही इंटरनेशनल सोलर एलायंस भविष्य में दुनिया में ईंधन उत्पादक ओपेक देशों को रिप्लेस कर सकता है. उन्होंने इस मौके पर ये भी कहा कि उनकी इच्छा नेशनल एनर्जी स्टोरेज मिशन शुरू करने की भी है. इससे पहले 2018 में प्रधानमंत्री ने नई राष्ट्रीय विंड-सोलर हाइब्रि़ड पॉलिसी की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य अच्छी गुणवत्ता और किफ़ायती दरों पर नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है.

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बाल और किशोर श्रम निषेध अधिनियम, 2012 की समीक्षा, सुधार और नियमों को मज़बूत बनाने की कोशिशों के साथ एकीकृत बाल सुरक्षा योजना (आईसीपीएस) का गठन

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

कैबिनेट ने बाल और किशोर श्रम निषेध कानून, 2012 में संशोधन को 2015 में मंजूरी दे दी थी. प्रस्तावित बदलावों में 14 साल से कम उम्र के सभी बच्चों के किसी क्षेत्र में काम करने पर पाबंदी होगी हालांकि मनोरंजन और कृषि इसके दो अपवाद भी होंगे.

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सड़क एवं रेल मार्ग के ज़रिए बंदरगाहों को मैदानी क्षेत्र से जोड़ना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

22 मार्च, 2018 को 222 बंदरगाहों को मैदानी इलाकों से जोड़ने के लिए 2.65 लाख करोड़ रुपये के कार्यक्रम को सागरमाला नाम दिया गया है. इनमें से 14 प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं जबकि 69 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. ये प्रोजेक्ट भूतल परिवहन मंत्रालय, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया, राज्य जनकल्याण विभाग, बंदरगाह, इंडियन पोर्ट रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के ज़रिए चलाए जा रहे हैं.

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बिना किसी ख़राबी वाले उत्पाद तैयार करना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज मंत्रालय (एमएसएमई) ने उन कंपनियों को वित्तीय मदद देने की स्कीम शुरू की जिनके उत्पादों में किसी तरह की कोई ख़राबी नहीं होती हो. मंत्रालय की कोशिश कंपनियों को ज़ीरो डिफेक्ट वाले उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस सर्टिफिकेशन स्कीम के लिए 20000 से ज़्यादा यूनिटों ने पंजीयन कराया है. अभी तक यह सैद्धांतिक तौर पर ही लागू हो पाया है.

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राष्ट्रीय ऊर्जा नीति को लागू करना

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

राष्ट्रीय ऊर्जा नीति के दूसरे मसौदे पर मंत्रालयों की ओर से कमेंट आने हैं, इसके बाद ही राष्ट्रीय ऊर्जा नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा.

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विदेशी भाषाओं को सिखाने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम ताकि लोगों को विदेशी भाषाओं में दक्ष बनाया जा सके

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के कम मेहनत वाली दक्षता हासिल करने के लिए भी ट्रेनिंग सेंटर खोलने का प्रावधान है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडर एजुकेशन (सीबीएसई) नौवीं से बारहवीं कक्षा तक विदेशी भाषाओं को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाता है. लेकिन विदेशी भाषाओं के लिए अब तक कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं बन पाया है.

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रोजगार में दक्षता पर ध्यान देने के लिए सांध्यकालीन शार्ट टर्म पाठ्यक्रम

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

2015 में नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन की शुरुआत की गई ताकि देश भर में स्किल ट्रेनिंग को लेकर एक संस्थागत फ्रेमवर्क तैयार हो सके. 2015 में ही आम लोगों को विभिन्न तरह की दक्षता में प्रशिक्षित करने के लिए स्किल इंडिया अभियान शुरू हुआ था. स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने वालों को शार्ट टर्म प्रशिक्षण देने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (2016-20) चल रही है. 2016 में इसके तहत 49,973 लोगों को प्रशिक्षण मिला. 2018 में यह संख्या बढ़कर 6,74,534 हो चुकी है.

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नैनो टैक्नॉलॉजी, मैटेरियल साइंस, थोरियम टैक्नॉलॉजी और ब्रेन रिसर्च के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए श्रेष्ठ सेंटर और रीजनल सेंटर की स्थापना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

केंद्र सरकार ने नैनो टैक्नॉलॉजी के क्षेत्र में देश के विभिन्न राज्यों में 20 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस को विकसित किया है. विभिन्न यूनिवर्सिटीज और रिसर्च इंस्टीट्यूट अपने स्तर पर एक्सीलेंस सेंटर को विकसित कर रहे हैं.

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खुदरा विक्रेताओं और छोटे कारोबारियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने और उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव क़दम

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

जीएसटी में छूट एवं लोन देने के अलावा, सरकार ने छोटे कारोबारियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए कुछ ख़ास नहीं किया.

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खून की कमी की समस्या का निदान

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

2018 में कैबिनेट ने राष्ट्रीय पोषण मिशन को स्वीकृत किया. 2020 तक इसका बजट 9,046.17 करोड़ रुपये रखा गया. सरकार ने इस मिशन के तहत 10 करोड़ लोगों को फ़ायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

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सरकार के विभिन्न विकास कार्यक्रमों में स्वयंसेवक और पार्ट टाइम वर्कर के तौर पर वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

2014 में सरकार ने MyGov वेबपोर्टल शुरू किया जो लोगों को सरकार से कनेक्ट करता है. इसके ज़रिए लोग लोकतंत्र में हिस्सेदारी कर सकते हैं. यह पोर्टल सभी उम्र के लोगों को यह मौका उपलब्ध कराता है.

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स्टुडेंट लोन लेने की प्रक्रिया को सरल बनाना और सस्ती दर पर लोन मुहैया कराना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

सरकार ने विद्यालक्ष्मी नामक वेबसाइट शुरू की, जो एक तरह से छात्रों और बैंक या सरकारी स्कॉलरशिप के बीच सिंगल विंडो सिस्टम का काम करती है, जिसकी मदद से छात्रों को हर जानकारी मिलती है और वे इसके ज़रिए लोन का आवेदन भी दे सकते हैं.

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निर्यात को बढ़ावा देकर मौजूदा राजकोषीय घाटे को कम करना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

व्यापार घाटे को पूरा करने के लिए सरकार ने देश का निर्यात बढ़ाने के लिए कई क़दम उठाए हैं. इनमें नई मार्केट और नए उत्पादों की संभावनाओं की तलाश करना शामिल है. साथ ही परंपरागत बाज़ार और उत्पादों में भारत की हिस्सेदारी को बढ़ाना भी शामिल है. संशोधित विदेश व्यापार नीति का पूरा ध्यान बहुपक्षीय नियमों पर आधारित वैश्विक कारोबार को लगातार मदद देने पर ही है. करों की एकसमान दरें एवं जीएसटी के तहत राज्यों में भी करों को लेकर एकरुपता के चलते अब निर्यातकों को लॉजिस्टिक्स और लेनदेन में बचत हो रही है. इसके अलावा ग्लोबल वैल्यू चेन में भारतीय उद्योग-धंधों की भागीदारी, एमएसएमई और श्रम आधारित सेक्टर में निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है.

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भारतीय भाषओं को बढ़ावा देना और इन भाषाओं के विकास को आंकना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2012 में यूजीसी ने स्वदेशी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी का प्रस्ताव था कि जो भारतीय भाषाएं विलुप्त होने की कगार पर हैं, उसको बढ़ावा देने और उसमें रिसर्च करने के लिए एक केंद्र बनाया जाना चाहिए. 2015 में जाकर सरकार ने इसके लिए अनुदान देना शुरू किया था. 2017 में आख़िरकार नौ यूनिवर्सिटियों में इस तरह के केंद्र को स्वीकृति मिली थी.

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सार्वजनिक जगहों और सार्वजनिक परिवहन को विकलांग लोगों के अनुकूल बनाना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक जगहों को विकलांग लोगों के अनुकूल बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए कई निर्देश दिए हैं. विकलांग लोगों के अधिकार संबंधी क़ानून, 2016 के मुताबिक ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की डेडलाइन जून, 2019 तक है.

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राष्ट्रीय विरासत से जुड़े केंद्रों की देखभाल के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सांस्कृतिक मंत्रालय ने अपने अधीन आने वाले सभी संग्रहालयों के संग्रह को डिज़िटल रूप देने का फ़ैसला लिया. 27 सितंबर, 2017 को इस दिशा में हैरिटेज स्कीम शुरू की गई- इस स्कीम में निजी, सरकारी कंपनियों, संस्थाओं और व्यक्तिगत लोगों से भी स्मारक, राष्ट्रीय विरासत से जुड़े केंद्रों और अन्य पर्यटन केंद्रों की देखभाल लेने की अपील की गई है. कंपनियों से ये अपील उनके कारपोरेट सोशल रिस्पांसब्लिटी फंड को देखते हुए किया गया. वहीं पर्यटन केंद्रों पर आधारभूत ढांचों के बनाने और उसके साजसज्जा के लिए केंद्र सरकार प्रसाद स्कीम के तहत वित्तीय मदद मुहैया कराती है. 2014-15, 2015-16, 2016-17, 2017-18 और मौजूदा साल को मिलाकर अब तक कुल 15 राज्यों की 24 प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली है, जिसका अनुमानित बजट 727.16 करोड़ का है, जिसमें से 341.68 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.

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पर्यावरणीय मंजूरी का फ़ैसला तय समय सीमा में पारदर्शिता से हो

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

2018 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया की एक ऑनलाइन प्रणाली के रूप में सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल-PARIVESH (प्रो-एक्टिव और रिस्पॉन्सिव फैसिलिटेशन बाय इंटरएक्टिव, वर्चुअस एंड एनवायर्नमेंट सिंगल विंडो हब) के रूप में पेश किया. यह प्रणाली मामलों की प्रगति पर नज़र रखने की अनुमति भी देती है.

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देश भर में खेल अकादमियों की स्थापना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

देेश भर में 13 राष्ट्रीय खेल अकादमी खोलने का प्रस्ताव है. इनमें से 2015-16 के दौरान पांच अकादमियां शुरू हो चुकी हैं.

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नदियों की सफ़ाई के लिए विशाल योजना की शुरुआत

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2014 में 20 हज़ार करोड़ रुपये के साथ नामामि गंगे परियोजना की शुरुआत हुई थी. दिसंबर में ऑडिटर जनरल ने गंगा को साफ़ करने की योजना, नदी साफ़ करने के लिए फंड का इस्तेमाल नहीं होने पर और निगरानी में कमी होने पर गंगा की सफ़ाई के लिए राष्ट्रीय मिशन के गठन का संकेत दिया था.

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सेतुसमुद्रम चैनल प्रोजेक्ट के तहत राम सेतु की सांस्कृतिक एवं रणनीतिक महत्व को समझना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार अभी तक वैकल्पिक रूट का चयन नहीं कर सकी है ताकि राम सेतु को नुकसान नहीं हो. जलपोत मंत्रालय ने एक नया प्रस्ताव रखा है, जिससे राम सेतु के ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा.

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यूथ फॉर डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

इसे दिसंबर 2014 में 'नेशनल यंग लीडर्स प्रोग्राम' के प्रावधान के तहत पेश किया गया था

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देश भर में युवा संसद की स्थापना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

दिसंबर 2014 में नेशनल यंग लीडर्स प्रोग्राम (एनवायएलपी) के तहत शुरू

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राष्ट्रीय युवा सलाहकार परिषद की स्थापना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

दिसंबर 2014 में नेशनल यंग लीडर्स प्रोग्राम (एनवायएलपी) के तहत शुरू

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क्षेत्रीय फोरम SAARC और ASEAN को मजबूत करने की दिशा में काम

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

भारत सभी शिखर सम्मेलनों और दोनों क्षेत्रीय मंचों की बैठक में भाग लेता रहा है. भारत,आसियान-भारत व्यापार के स्तर और एक पारस्परिक रूप से लाभप्रद क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) समझौते को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है.

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राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में सुधार, ताकि इसे सभी सेक्टर का हब बनाया जा सके. किसी भी खुफ़िया सूचना का रियल टाइम में प्रसार और डिजिटल एवं साइबर सिक्यूरिटी पर ध्यान

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

2015 में राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र (NCCC) को सरकार द्वारा एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारी एकत्र करने और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को संभालने के लिए मंजूरी दी गई थी.विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत और अन्य देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौतों को लागू कर रहा है.उन अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में से कुछ में डिजिटल सुरक्षा शामिल है.केंद्र सरकार विभिन्न विभागों और सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता पोर्टल, सर्टिफिकेट, द ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट का प्रशिक्षण प्रभाग, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध की रोकथाम योजना, सीबीआई, आदि योजनाओं के माध्यम से साइबर फोरेंसिक विषय पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर रही है.

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आतंकवाद निरोधी व्यवस्ता को नए सिरे से संगठित करना, एनआईए की भूमिका को बढ़ाना और आतंक संबंधी मामलों पर निष्पक्ष सुनवाई के लिए व्यवस्था

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

2014 से 38 में से 9 विशेष NIA अदालतों को अधिसूचित किया गया है. भारत ने अन्य देशों के साथ आतंकवाद / सुरक्षा मामलों पर संयुक्त कार्यदल (JWGs) की स्थापना के लिए कदम उठाए हैं. अन्य देशों के साथ पारस्परिक कानूनी सहायता (MLATs) पर द्विपक्षीय संधियों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं. 2017 में गृह मंत्रालय में आतंकवाद निरोधी डिविजन, चरमपंथ निरोधी डिविजन और साइबर एवं सूचना सुरक्षा डिविजन बनाए गए हैं.

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नीति बनाने के क्रम में लोगों की विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से सक्रिय भागीदारी

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2014 में सरकार ने आम लोगों को जोड़ने के लिए वेब पोर्टल माइगव बनाया. इसके ज़रिए आम लोग सरकार को अहम नीतियों पर अपने विचार दे सकते हैं, सुझाव दे सकते हैं, फीडबैक दे सकते हैं और बहस, टास्क, पोल और बातचीत के ज़रिए सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं. मायगॉव पोर्टल पर आयी लोगों की बातों पर बजट, रेल बजट, राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे अहम मसलों के दौरान ध्यान रखा जाता है.

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संस्थाओं से आसानी से क्रेडिट मिल पाए

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

किसानों को बिना किसी मुश्किल के क्रेडिट मिल सके इसके लिए सरकार ने कृषि क्रेडिट वितरण के लिए बैंकिंग सेक्टर में हर साल का लक्ष्य निर्धारित कर दिया और बैंकों ने उन लक्ष्यों को पूरा किया.

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सभी सरकारी कामों का डिजिटलीकरण

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार कई स्कीम और कार्यक्रमों के ज़रिए देश को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही है. 2015 में दूरसंचार एवं सूचना प्रोद्यौगिकी सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को डिज़िटल प्लेटफार्म पर आने के लिए पत्र भेजा था.

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सैन्य बल में कमीशन और नॉन कमीशन अधिकारियों की कमी को पूरा करने पर प्राथमिकता

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

यह एक निरंतर प्रक्रिया है. कमियों को दूर करने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं.इनमें निरंतर इमेज प्रोजेक्शन, कैरियर मेलों में भागीदारी और युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रदर्शन और प्रचार अभियान शामिल हैं.सशस्त्र बलों की नौकरियों को आकर्षक बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.पेशेवर और बौद्धिक परामर्श को अब गंभीरता से लिया जा रहा है.

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युवाओं की प्रतिभा को कम उम्र में पहचानना, ताकि उन्हें उसके मुताबिक विकसित किया जा सके

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

सरकार स्कूल में छात्रों के सीखने के स्तर को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) आयोजित करती रही है. 2017 में सरकार ने खेलो इंडिया कार्यक्रम को नए सिरे से शुरू कर दिया. प्रतिभा को चिह्नित करना और प्रतिभाओं का विकास इसकी प्राथमिक विशेषताओं में से एक है. 2014 की शुरुआत में राष्ट्रीय युवा नीति को मंजूरी दी गई थी और वर्तमान सरकार इसे जारी रखे हुए है.

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अप्रासंगिक हो चुके क़ानूनों की समीक्षा और उन्हें कम करना, सरल बनाना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

पिछली सरकार ने 19वें क़ानून आयोग के तहत पुराने पड़ चुके क़ानूनों की पहचान का प्रोजेक्ट शुरू किया था लेकिन आयोग का कार्यकाल ख़त्म होने तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई. 20वें क़ानून आयोग ने इस प्रोजेक्ट को जारी रखा और पुराने पड़ चुके क़ानूनों को रद्द करने के लिए चार रिपोर्टें तैयार कीं. प्रधानमंत्री कार्यालय ने 2014 में पुराने पड़ चुके क़ानूनों को रद्द करने के प्रस्ताव की समीक्षा के लिए दो सदस्यों वाली कमेटी तैयार की. कमेटी ने पाया कि देश में 1,824 क़ानूनों को रद्द किया जाना चाहिए. इसके लिए संसद में तबसे अब तक पांच बिल पारित हो चुके हैं. जिन 1824 क़ानूनों को निरस्त करने की बात शामिल थी उनमें 1428 क़ानून रद्द हो चुके हैं.

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देश भर में हवाई मार्ग से माल ढोने की व्यवस्था मुहैया कराना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ़ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक 1972-73 में भारत में 0.08 मिलियन मिट्रिक टन सामान की ढुलाई हवाई मार्ग से होती थी जो 2014-15 तक 2.5 मिलियन मिट्रिक टन तक पहुंच चुकी थी.

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विकलांग लोगों की देखभाल करने वाली स्वयंसेवी संस्था की मदद

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

सरकार अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, वरिष्ठ नागरिकों, नशा मुक्ति और विकलांगों के कल्याण के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. विकलांगों के लिए सहायक उपकरण और उपकरणों की खरीद/फिटिंग की सहायता योजना(ADIP) के तहत विकलांगों को सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिए गैर-सरकारी संगठनों सहित विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों को धनराशि जारी की जाती है.दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना के लिए दिशानिर्देश 2018 में संशोधित किए गए थे.इस योजना के तहत, गैर-सरकारी संगठनों को दिव्यांगों के पुनर्वास से संबंधित परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता प्रदान की जाती है.

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राजनेताओं के मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलें

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2107 के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने सांसदो और विधायकों के ख़िलाफ़ चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए 12 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई. सुप्रीम कोर्ट ने संसद सदस्यों और विधायकों के ख़िलाफ़ लंबित पड़े 1581 मामलों की सुनवाई को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य दिया. जुलाई, 2018 तक 1349 मामलों को सुनवाई के लिए इन विशेष कोर्ट में ट्रांसफ़र किया गया है.

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ग़रीबी रेखा के नीचे रहने वाली, जनजातीय और जरूरतमंद लड़कियों को ध्यान में रखते हुए विशेष योजना

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम जारी

बच्चियों को ध्यान में रखने वाली कई योजनाओं को जारी रखा गया है, कई सरकार ने शुरू की हैं. कम साक्षरता वाले ज़िलों में अनुसूचित जनजाति की लड़कियों की पढ़ाई के लिए सरकार ने मौजूदा योजना को सशक्त बनाया है. जनजातीय समुदाय के लोगों के इलाके में आश्रम स्कूलों के ज़रिए समुदाय की महिलाओं को साक्षर बनाने की योजना भी चल रही है. बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 2015 में शुरू की गई. इसका उद्देश्य ग़रीब और जनजातीय समुदाय सहित सभी लड़कियों को फ़ायदा पहुंचाना है. महिला और बाल विकास मंत्रालय तस्करी और तस्करी की शिकार पीड़िता को बचाने की स्कीम जारी रखे हुए हैं.

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हर ग्रामीण घर में आधारभूत सुविधाओं को पूरा करना

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम जारी

स्वच्छ भारत अभियान को अक्टूबर, 2014 में लॉंच किया गया. यह ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण, बिजली की सुविधा और इलाके में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था का ड्राइविंग फोर्स है. सरकार के मुताबिक हर क्षेत्र में प्रगति हुई है लेकिन अक्टूबर, 2019 तक सभी घरों तक आधारभूत सुविधाओं के लक्ष्य को पूरा करना संभव नहीं होगा. दिसंबर, 2018 तक 71.8% ग्रामीण आबादी को साफ़ जल उपलब्ध था, जबकि 82.7% ग्रामीण घरों में शौचालय है जबकि केवल 32 फ़ीसदी गांव ही खुले में शौच से मुक्त हो पाए हैं. 80.3% ग्रामीण घरों में साफ़ पेयजल उपलब्ध है लेकिन केवल 56% लोगों को पाइप के सहारे पानी मिलता है. अप्रैल, 2018 में भारत ने सभी गांवों में बिजली पहुंचने की घोषणा की थी. 31 मार्च, 2019 तक सभी घरों को बिजली पहुंचाने का अनुमान है.

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विवाद सुलझाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था मसलन लोक अदालत, मध्यस्थता एवं समाधान केंद्रों की स्थापना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

संसद ने 2018 में मध्यस्थता और समाधान (संशोधन) बिल को पारित किया था. 1996 के बिल में संशोधन का उद्देश्य ही है कि मध्यस्थता को दोनों पक्षों के लिए ज्यादा बेहतर, किफायती हो. साथ में समय बचाने वाला हो. 2015 से अब तक राष्ट्रीय लोक अदालतों में 4,09,35,185 मामलों का निपटारा हुआ है.

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क्षेत्रीय भाषाओं में किसान टीवी चैनल शुरु करने का लक्ष्य

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

2015 में बीजेपी सरकार ने किसानों के लिए डीडी किसान चैनल की शुरुआत की. 2014-15 से लेकर 2016-17 के बीच इस चैनल के लिए 122.25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया जबकि 2017-18 में इस चैनल के लिए 80 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया. अलग-अलग कृषि संस्थाओं मसलन भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) शामिल हैं. हालांकि क्षेत्रीय स्तर पर ऐसा दूसरा चैनल शुरू नहीं हो पाया है.

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संपत्ति, दांपत्य और सह-जीवन से जुड़े अधिकारों में लैंगिक असमानता मिटाना

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम जारी

मंत्रियों के एक समूह ने कैबिनेट को नेशनल पॉलिसी फॉर वीमेन का मसौदा सौंपा है. इसमें अकेली महिलाओं, मसलन विधवा, पति से अलग हो चुकी, तलाकशुदा, बिना विवाह के रह रही और परित्यक्ता की मुश्किलों पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है. इसमें घर को चला रही अकेली महिलाएं और घर के अंदर रह रही अकेली महिला दोनों को शामिल रखा गया है.

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आईपीआर मामलों के लिए विशेष कोर्ट का गठन

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

19वें लॉ कमीशन ने पुराने पड़ चुके नियमों की पहचान का प्रोजेक्ट शुरू किया था लेकिन आयोग का कार्यकाल ख़त्म होने तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई. 20वीं लॉ कमीशन ने इस प्रोजेक्ट को जारी रखा और पुराने पड़ चुके क़ानूनों को तुरंत निरस्त करने के लिए चार रिपोर्टें भी दीं. प्रधानमंत्री कार्यालय ने 2014 में पुराने पड़ चुके क़ानूनों को निरस्त करने की समीक्षा के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया. कमेटी ने ऐसे 1824 क़ानूनों की पहचान की. इसके बाद इन क़ानूनों को निरस्त करने के लिए पांच बिल पारित किए गए. जिन 1824 क़ानूनों की पहचान की गई थी उनमें से 1428 क़ानून को निरस्त किया जा चुका है.

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महिला छात्रवासों का विस्तार और उसे बेहतर बनाना

वर्ग: महिलाएं स्थिति: काम जारी

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कामकाजी महिला छात्रावास योजना के तहत इन छात्रावासों में सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने पर काम कर रही है. इसके अलावा छात्रावास में बच्चों की देखभाल, कपड़े धोने की सुविधा इत्यादि पर ध्यान दिया जा रहा है. 2017-2018 के दौरान 190 अतिरिक्त छात्रावास खोले जाने का प्रस्ताव रखा गया है.

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खेल और खिलाड़ियों की मदद के लिए कारोबारी घरानों को प्रोत्साहित करना

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

2015 में युवा एवं खेल मामलोें के मंत्री ने कारपोरेट घरानों को बुलाकर उनसे अपने कारोपरेट सोशल रिस्पांसब्लिटी (सीएसआर) के तहत दिए फंड से खेल को बढ़ावा देेने की अपील की. सीएसआर के तहत 2014 में खेल को बढ़ावा देने के मद में 53.36 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए. 2015 में यह बढ़कर 134.76 करोड़ रुपये हो गई.2016 में कंपनियों की ओर से खेल के विकास में 51.73 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए.

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शिक्षा के अधिकार, खाद्य सुरक्षा के अधिकार का प्रभावी अनुपालन

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: काम जारी

सरकार ने शिक्षा के अधिकार क़ानून, 2009 के अनुपालन की समीक्षा एवं निगरानी कराई है. शैक्षणिक आउटपुट से जुड़े सालाना के आंकड़े यूडीआईएसई एकत्रित करता है. वहीं ज्वाइंट रिव्यू मिशन के ज़रिए साल में दो बार सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा में होती है. एनसीईआरटी सीखने के स्तर के ट्रेंड की समीक्षा नेशनल एचीवमेंट सर्वे (NAS) के ज़रिए कराती है. खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत हर राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश में राज्य खाद्य आयोग का गठन होता है जिसका काम इस क़ानून के अनुपालन की समीक्षा एवं निगरानी करना होता है.

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बागवानी, फूलों की खेती, मछलीपालन और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

देश भर में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 2014-15 में बागवानी के विकास के लिए एकीकृत मिशन की शुरुआत की गई. 2018 में इस मद में 2391.5 करोड़ रुपये जारी किए गए. 2017 की तुलना में यह 192.9 करोड़ रुपये ज़्यादा रहा. 2015-16 में पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में बागवानी संबंधी अनुसंधान और शिक्षा के लिए पीजी इंस्टीट्यूट की शुरुआत की गई. सरकार इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच), नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड (एनएचबी), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाय), नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर ( एनएमएसए), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाय) के तहत मत्स्यपालन और मधुमक्खी पालन को वित्तीय मदद मुहैया कराती है. फूलों के निर्यात को एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) के ज़रिए बढ़ावा दिया जा रहा है.

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कृषि और संबंधित उद्योगों को आधुनिक बनाने के लिए क्रेडिट और मार्केट से संपर्क स्थापित करना

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

सरकार ने 2016 में किसानों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (eNAM) की शुरुआत की, जो मौजूदा एपीएमसी मंडियों को मिलाकर एकीकृत राष्ट्रीय बाज़ार बनाता है. 2018 तक eNAM प्लेटफॉर्म में 16 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों की कुल 585 थौक मंडियां शामिल हैं. किसानों को बेहतर मार्केटिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस एंड लाइवस्टॉक मार्केटिंग (प्रमोशन एंड फेसिलेशन) एक्ट, 2017 लागू किया था जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को सीधे उपभोक्ता से जोड़ना है.

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क्लस्टर आधारित स्टोरेज व्यवस्था का निर्माण

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मंत्रालय, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) को लागू कर रही है. इस योजना के तहत 2016 से 2020 के बीच 6000 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इस योजना का एक उद्देश्य सब्जियों और फलों के लिए आधुनिक स्टोरेज सिस्टम की व्यवस्था, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर के तौर पर विकसित करना है. जुलाई, 2018 तक विभिन्न राज्यों में 100 एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर आवंटित किए गए हैं. एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर बनाने में दिलचस्पी रखने वाले निवेशकों और उद्यमियों से मंत्रालय ने ऑनलाइन प्रस्ताव भी मंगाए हैं.

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रणनीतिक रेल नेटवर्क के ज़रिए मैदानी इलाकों को बंदरगाहों से जोड़ना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

22 मार्च, 2018 को, सागरमाला प्रोजेक्ट में 2.65 लाख करोड़ रुपये की लागत से 222 पोर्ट कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की पहचान की गई थी. इनमें 14 प्रोजेक्ट पर काम पूरा हो चुका है जबकि 69 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इन प्रोजेक्टों को भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया, राज्यों के लोक निर्माण विभाग, बंदरगाहों, इंडियन पोर्ट रेल कारपोरेशन लिमिटेड और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय जैसे विभागों के अधीन पूरा किया जा रहा है.

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उपभोक्ताओं की सुविधा के हिसाब से किसान बाज़ार की शुरुआत ताकि अनाज की बर्बादी कम हो और किसानों की आमदनी बढ़े

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

सरकार ने किसानों को उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए कई योजनाएं और प्रोजेक्ट शुरू किए हैं ताकि किसानों की आमदनी और जोख़िम उठाने की क्षमता बढ़े. 2016 में किसानों के ऑनलाइन कारोबारी पोर्टल के तौर पर राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (ईएनएएम) को तैयार किया गया. 2017 में सरकार ने किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए ‘कृषि उत्पादन एवं लाइवस्टॉक मार्केटिंग प्रमोशन एवं फेसिलिशन एक्ट’ का गठन किया. सरकार ने मौजूदा ग्रामीण हाट (बाज़ार) को ग्रामीण कृषि बाज़ार के तौर पर विकसित करने का फ़ैसला लिया ताकि किसान अपनी उपज को सीधे उपभोक्ताओं और थोक विक्रेताओं को बेच सकें. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी 2016 की खरीफ फसल के समय से फसल बीमा योजना के तौर पर शुरू हुई. सरकार ने चुनी हुई फसलों के लिए 2018-19 में न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला लिया, जिससे आम किसानों की आमदनी बढ़ी. बजट 2019 के दौरान सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की जिसके सभी छोटे और सीमांत किसान परिवार को हर साल 6000 रूपए दिए जाने का प्रावधान किया गया है.

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वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य देखभाल पर विशेष ध्यान

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय बुजुर्गों की विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए 2010 से “बुज़ुर्ग स्वास्थ्य सेवा राष्ट्रीय कार्यक्रम” (NPHCE) को जारी रखे हुए है. राष्ट्रीय वयोश्री योजना (RVY) को 2017 में सहायता राशि एवं बी.पी.एल. से सम्बन्धित वरिष्ठ नागरिकों को वॉकिंग स्टिक्स, कोहनी बैसाखी, वॉकर / बैसाखी, तिपाई / चौपाइयां, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, कृत्रिम डेन्चर और चश्माजैसे सहायक उपकरण प्रदान करने के एक उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था. इस सरकार ने वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष भी स्थापित किया है.

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असम में बाढ़ नियंत्रण और नदियों के जल प्रबंधन की समस्या का निदान

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में बाढ़ की समस्या के हल के लिए सभी उत्तर पूर्व के राज्यों के लिए 2,350 करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया था.

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तेल, गैस, पनबिजली, समुद्र, हवा, कोयला और आण्विक स्रोतों का अधिकतम इस्तेमाल

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

सरकार ने ऊर्जा से संबंधित कई योजनाओं और नीतियों को लागू किया है. नीति आयोग ने 2017 में राष्ट्रीय ऊर्जा नीति का प्रस्ताव तैयार किया. जबकि नेशनल ऑफशोर विंड एनर्जी पॉलिसी को 2015 में लागू किया गया. 2017 में सरकार नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादों के मानक तय करने के लिए नई नीति लाई. विंड एनर्जी के लिए 2015 में 314 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया जबकि 2018 में इस मद में 784.59 करोड़ रुपये जारी किए गए. सरकार ने 1015 में एटामिक एनर्जी एक्ट में संशोधन कर न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के साथ ज्वाइंट वेंचर में कंपनियों को आण्विक संयंत्र लगाने की अनुमति दे दी. एक जनवरी, 2019 तक देशभर में 37 पनबिजली प्रोजेक्ट निर्माणाधीन थे.

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कोयला, खनिज और स्पेक्ट्रम जैसे प्राकृतिक संसाधनों के लिए राष्ट्रीय नीति

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

2015 में कोयला खदान के आवंटन के लिए सरकार ने कोल माइंस स्पेशल प्रोविजंस बिल पारित किया. इसके तहत जनवरी, 2019 तक आवंटित कोयला खदानों से सरकार को 6438.94 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. 2017 में माइंस एंड मिनिरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 1957 के तहत कोल ब्लॉक आवंटन करने के प्रावधानों को भी शामिल कर दिया गया. गैरक़ानूनी खनन के लिए पेनल्टी लगाने का प्रावधान किया गया. 2015 में सरकार देश भर में गैरक़ानूनी खनन को रोकने के लिए माइनिंग सर्विलांस सिस्टम में स्पेस टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल शुरू किया. खनन मंत्रालय ने मिनिरल नीलामी नियम, 2015 में नवंबर, 2017 में संशोधन किया.

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भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का काम

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

भारत-बांग्लादेश सीमा 3326 किलोमीटर की लंबाई में बाड़ लगाई जा रही है, जिसमें 2746.44 किलोमीटर तक बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है.

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प्राथमिकता के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण की व्यवस्था

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

सरकार पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में मदद करने के लिए कई योजनाओं को लागू कर रही है और राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, जिसमें राष्ट्रीय परिवेशी वायु निगरानी कार्यक्रम (NAMP) 2011, सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (CAAQMS) की स्थापना, राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना और (NRCP) और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), आदि शामिल हैं. सरकार ने क्लीनर/वैकल्पिक ईंधन जैसे गैसीय ईंधन (CNG, LPG आदि), बायोमास के जलाने पर प्रतिबंध आदि की शुरूआत के माध्यम से वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए कई क़दम उठाए हैं. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 2017 में “जल गुणवत्ता निगरानी पर दिशानिर्देश” जारी किए गए थे. राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 2015 में लॉन्च किया गया था. फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले पर्यावरणीय प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए, केंद्र सरकार ने 2018-19 और 2019-20 के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने की योजना शुरू की है.

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सैटेलाइट तकनीक को अत्याधुनिक बनाना और विकास संबंधी कामों में दक्ष बनाना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

अपनी स्थापना के समय से ही ISRO विकास और प्रशासन के साथ मदद करता रहा है.सैटेलाइट डेटा का उपयोग कृषि मूल्यांकन और आपदा जोखिम में कमी के लिए किया जाता है.भारतीय वन सर्वेक्षण देश के वन संसाधनों की निगरानी के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है. अंतरिक्ष विभाग ने शासन और सार्वजनिक प्रशासन के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिएइसरो में विशेषज्ञ कार्य समूहों का गठन किया गया था और 2015 में "शासन और विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग" पर एक संयुक्त कार्य योजना तैयार की. शुरू की गई इन 158 परियोजनाओं में से 94 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं, जबकि 35 परियोजनाएँ निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं.

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पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से आए शरणार्थियों से जुड़ी समस्याओं का हल

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार ने 2016 में देश में रह रहे पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से आए कश्मीरियों के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी.

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वन्यजीवों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए चाक चौबंद व्यवस्था

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

सरकार ने 2017-18 से 2019-20 तक 12वीं योजना अवधि से परे वन्यजीव आवासों (CSS-IDWH) के समेकित विकास की केंद्र प्रायोजित समग्र योजना को जारी रखा है. कुल परिव्यय 2017-18 से 2019-20 तक केंद्रीय शेयर के रूप में 1731.72 करोड़ रुपये (प्रोजेक्ट टाइगर के लिए 1143 करोड़ रुपये, वन्यजीव आवासों के विकास के लिए 496.50 करोड़ रुपये और प्रोजेक्ट एलीफ़ैंट के लिए 92.22 करोड़ रुपये) का आवंटन रखा गया है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तीसरी राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना (2017-2031) का उद्देश्य पूरे देश में वन्यजीवों की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक ठोस दृष्टिकोण रखने के उद्देश्य से किया गया था.

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टारगेटेड कार्यक्रम के जरिए वानिकी, कृषि-वानिकी और सामाजिक-वानिकी में आम लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2018 में राष्ट्रीय वन नीति को लेकर एक नए मसौदे को तैयार किया, जिसमें टिकाऊ वन प्रबंधन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन शमन का प्रस्ताव है. यह भागीदारी के माध्यम से वन प्रबंधन पर जोर देता है. नेशनल मिशन फॉर ए ग्रीन इंडिया (जीआईएम) को 2012 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन 2015-16 में जीआईएम गतिविधियां शुरू की गईं. इस मिशन का उद्देश्य अपनी गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ देश के वन आच्छादन क्षेत्र को बढ़ाना है. GIM के तहत एक घटक ऐसा है जो कृषि-वानिकी और सामाजिक वानिकी के ज़रिए कृषि क्षेत्र में वानिकी को मदद करता है.

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सभी श्रमिकों को पेंशन और स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

श्रम मंत्रालय ने निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के कल्याण के लिए एक स्कीम का मॉडल ड्राफ्ट किया है, जिसमें मजदूरों को मुफ्त बीमा सुविधा, 60 साल के बाद प्रति माह एक हज़ार रुपये का पेंशन, बच्चों को स्कालरशिप और मेडिकल ख़र्चे के भुगतान की व्यवस्था शामिल है.

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तकनीक के इस्तेमाल से संसाधनों की पहचान, खनन और उसका प्रबंंधन

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: काम जारी

राष्ट्रीय प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रणाली (NNRMS) योजना के तहत सरकार, प्रोद्यौगिकी का उपयोग करके देश के प्राकृतिक संसाधनों के मूल्यांकन और निगरानी के लिए अनुसंधान संस्थानों को अनुदान प्रदान करती है. जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय जल संसाधनों पर एक मजबूत सूचना प्रणाली विकसित करने के लिए जल संसाधन सूचना प्रणाली (DWRIS) का विकास जारी रखे हुए है. सैटेलाइट डेटा का उपयोग कृषि मूल्यांकन और आपदा जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है. देश के वन संसाधनों की निगरानी के लिए भारतीय वन सर्वेक्षण, उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है. 2016-17 के दौरान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने देश के विभिन्न हिस्सों में 194 खनिज अन्वेषण कार्यक्रम किए.संसाधन सर्वेक्षण के लिए एक शक्तिशाली इमेजिंग सिस्टम, Resourcesat-2A (रिसोर्ससेट-2ए) को 2016 में इसरो द्वारा सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था.

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राष्ट्रीय विरासत के सभी केंद्रों की देखभाल और मरम्मत के लिए पर्याप्त संसाधन

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

संस्कृति मंत्रालय ने ख़ुद के तहत सभी संग्रहालयों के संग्रहों को डिजिटल बनाने का निर्णय लिया है. विरासत को अपनायें(एडॉप्ट ए हेरिटेज) स्कीम 27 सितंबर 2017 में शुरू की गई- यह परियोजना निजी / सार्वजनिक कंपनियों / संगठनों और व्यक्तियों की भागीदारी की परिकल्पना करती है, जिसमें मुख्य रूप से सीएसआर के तहत देश में स्मारक, प्राकृतिक विरासत स्थल और अन्य पर्यटक स्थल को अपनाना शामिल है. PRASAD योजना बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करती है. अब तक 15 राज्यों में कुल 24 परियोजनाओं को 727.16 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ अनुमोदित किया गया है और इन परियोजनाओं के लिए वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016- 17, 2017-18 और चालू वित्तीय वर्ष के दौरान कुल 341.68 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

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अयोध्या में राम मंदिर विवाद का हल

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कानूनी मामला उच्चतम न्यायालय के पास आठ साल से अधिक समय से लंबित है, क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील की गई है कि विचाराधीन भूमि को तीन संबंधित पक्षों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाए. 29 जनवरी 2019 को होने वाली सुनवाई टाल दी गई.

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टैक्सों को लेकर अनुकूल और लाभकारी वातावरण तैयार करना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

जीएसटी के ज़रिए कई अप्रत्यक्ष करों को एक अप्रत्यक्ष कर में बदल दिया गया. ऑनलाइन टैक्स भुगतान की प्रक्रिया को सहज बनाया गया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) अगस्त, 2017 से चार एडवांस प्राइसिंग एग्रीमेंट्सम (एपीए) के दौर में आ गया है. एपीए स्कीम की मदद से टैक्स चुकाने वालों को अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में मूल्य पहले से तय करने की निश्चितता होगी.

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निचली अदालतों और जजों की संख्या दोगुनी करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

न्याय विभाग ने सभी उच्च न्यायालयों को अधीनस्थ न्यायपालिका में रिक्तियों को भरने के लिए 2018-19 के लिए अपनी कार्य योजना साझा करने के लिए कहा था. ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक अधिकारियों की स्वीकृत शक्ति दिसंबर 2013 में 19,518 से बढ़कर मार्च2018 तक 22,545 हो गई है. ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक अधिकारियों की कार्य क्षमता दिसंबर 2013 में 15,115 से बढ़कर मार्च 2018 तक 17,109 हो गई है. नवंबर 2017 तक, देश में ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों के लिए 17,836 कोर्ट हॉल/कोर्ट रूम उपलब्ध थे और 2,824 कोर्ट हॉल/कोर्ट रूम निर्माणाधीन थे.

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जजों के रिक्त पदों पर प्राथमिकता से नियुक्तियां

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी स्टैंडिंग कमेटी ने 2016 में ‘उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में रिक्तियों को भरने में देरी’ अपनी पर प्रस्तुत की. इसमें मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) को अंतिम रूप देने के संबंध में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सहमति की वर्तमान कमी को प्रकाश में लाया गया. अभी भी इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है. 2015 में संविधान (99वां संशोधन) अधिनियम,2014 और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम, 2014 को लागू किया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इसे खारिज कर दिया. कॉलेजियम व्यवस्था बनी रही.

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सभी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रदर्शन की समीक्षा और सोशल ऑडिट

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2015 में सरकार ने आम आदमी की शिकायतों को दूर करने के उद्देश्य से PRAGATI (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन यानी सक्रिय शासन एवं समयबद्ध कार्यान्वयन) योजना शुरू की और साथ ही सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और परियोजनाओं की निगरानी और समीक्षा की. ग्रामीण विकास विभाग ने 2017 में आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली में सुधार और सुदृढ़ीकरण के उपायों की सिफारिश करने के लिए एक विशेषज्ञ सलाहकार समूह (ईएजी) का गठन किया है.केंद्र सरकार के लगभग सभी कार्यक्रमों के प्रभावी विकास समन्वय को सुनिश्चित करने के लिए 2016 में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (DISHA) का गठन किया गया था.

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ग्रामीण और अर्द्धशहरी इलाकों में आईटी आधारित नौकरियों का सृजन

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

ग्रामीण विकास विभाग,महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) को लागू कर रहा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं. दीनदयाल अंत्योदय योजना की संशोधित संचालन दिशानिर्देश, 2018,योजना के भीतर सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को ट्रेडों के रूप में सूचीबद्ध करता है. 2014 में, 621 लाख व्यक्तियों को MGNREGS के तहत रोजगार प्रदान किया गया था. 2017 में यह संख्या बढ़कर 651 लाख हो गई.

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50 टूरिस्ट सर्किट बनाने का लक्ष्य

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

देश भर में पर्यटन सर्किट विकसित करने के लिए स्वदेश दर्शन स्कीम शुरू की गई. इस समूह में प्रस्तावित रूट अध्यात्म को ध्यान में रख पीआरएएसएडी मिशन में पर्यटन सर्किट के अलावा तीर्थ केंद्र और अन्य भोगौलिक क्षेत्र शामिल है. स्कीम की वेबसाइट के मुताबिक 15 फरवरी, 2019 में तक कुल 74 परियोजनाओं को स्वीकृति मिली.

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मछली पालन को बढ़ावा

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

2017 में कृषि मंत्रालय ने मछली पालन की नई राष्ट्रीय नीति का ऐलान किया जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में निजी निवेश के साथ-साथ तकनीक को भी बढ़ावा देना था ताकि मछुआरों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक तरक्की हो. पशुपालन विभाग के तहत आने वाले मछली पालन विभाग ने ब्लू रिवॉल्यूशन नाम की योजना चला रखी है. इसका मकसद मछली पालकों का जीवन बेहतर बनाना है. 2018 में 7522 करोड़ रुपए लगाकर विभाग ने फ़िशरीज़ एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफ़आइडीएफ़) का गठन किया गया है.

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तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ जेल की व्यवस्था को आधुनिक बनाना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

जेल को आधुनिक बनाने की प्रक्रिया बहुआयामी और सतत प्रक्रिया है. गृह मंत्रालय राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों को ई-प्रिजन प्रोजेक्ट लागू करने में मदद कर रहा है.ई-प्रिजन के ज़रिए जेल प्रबंधन को डिजिटाइज करके प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है. राष्ट्रीय न्यायिक सेवा प्राधिकरण ने 2017 में एक वेब ऐप शुरू किया था जिसकी मदद से अंडर ट्रायल वाले कैदियों को मुफ़्त क़ानूनी सहायता मिलती है. जेलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया 2002-03 में शुरू हुई थी. इसका पहला चरण 2009 में पूरा हुआ. इसके दूसरे चरण को शुरू करने पर सरकार ने विचार तो किया लेकिन कोई फंड आवंटित नहीं किया है इसकी वजह से दूसरा चरण शुरू नहीं हो सका है.

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सूचना-तकनीक आधारित विकास में समाज के एससी-एसटी-ओबीसी की भागीदारी

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 2017 के बाद से अनुसूचित जाति (एडब्ल्यूएससी) के कल्याण के लिए आवंटन के तहत केंद्रीय क्षेत्र / केंद्र प्रायोजित योजनाओं की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन-वेब पोर्टल (e-utthaan.gov.in) विकसित किया है. सरकार अनुसूचित जाति उप योजना (SCSP) और जनजातीय उप योजना: शहरी / ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, विकास और अनुकूलन को बढ़ावा देने के लिए जनजातीय सशक्तिकरण (TITE) के लिए तकनीकी हस्तक्षेपको जारी रखे हुए है.2015 में उन अनुसूचित जातियों के लिए वेंचर कैपिटल फंड को अनुसूचित जातियों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था, जो विकास प्रौद्योगिकीउन्मुख हैं.2018-19 में उद्यम पूंजी के लिए140 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.सरकार एससी / एसटी छात्रों को कौशल-विकास और शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए ऋण छात्रवृत्ति और अनुदान भी प्रदान करती है.

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एकीकृत सार्वजनिक परिवहन

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश भर में स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है. परिवहन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करने की कोई योजना नहीं है लेकिन मई, 2017 में मंत्रालय ने विभिन्न मॉडल वाली परिवहन योजना को प्रमोट करने के लिए एकीकृत एवं लॉजिस्टिक्स समिट का आयोजन किया. जून, 2018 में भारत में एकीकृत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए भारत और ब्रिटेन सरकार के बीच एक समझौता हुआ है. 2018 में भारत और ब्रिटेन के बीच एकीकृत परिवहन व्यवस्था बनाे के एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.

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तेज गति वाले इंटरनेट की व्यवस्था

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2015 में डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत हुई जिसका उद्देश्य देश में इंंफ्रास्ट्रक्चर और इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्थिति को बेहतर बनाया जाए. 2017 में सरकार ने भारतनेट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण की शुरुआत की. (इसे पहले नेशनल ऑप्टिकल फ़ाइबर नेटवर्क, 2011 के नाम से जाना जाता था) इसकी मदद से देश के सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने को लक्ष्य रखा गया. इस स्कीम के तहत ग्राम पंचायतों मों वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाने की भी व्यवस्था की जा रही है.

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बिजली संचरण और वितरण में होने वाले नुकसान को तकनीक की मदद से कम करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) को 2015 में लागू किया गया. जिसका अहम उद्देश्य बिजली आपूर्ति के दौरान संचरण और वितरण की प्रक्रिया को बेहतर बनाना है ताकि आपूर्ति की गुणवत्ता बेहतर और भरोसेमंद हो. बिजली मंत्रालय भी सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीआरआई) और पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के ज़रिए बिजली संचरण के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने के लिए अनुसंधान और विकास में जुटा है. 2009 में संचरण और वितरण में 25.47% ऊर्जा का नुकसान होता था, जो घटकर 2015 में 21.81% पर रह गया है.

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राज्य क्षेत्रीय परिषद की शुरुआत

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

नीति आयोग राज्य एवं क्षेत्र की ज़रूरतों को देखते हुए विशेष परिषद के गठन कर रहा है. 2018 में हिमालयन स्टेट रीजनल काउंसिल का गठन किया गया.

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मिट्टी के मुताबिक फ़सल की योजना और मिट्टी जांचने के लिए मोबाइल लैबों की शुरुआत

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

2015 में सरकार ने मिट्टी की जांच के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड (एसएसचसी) योजना की शुरुआत की. इसके तहत लक्ष्य रखा गया कि हर किसान को हर दो साल पर एसएचसी दिया जाएगा. योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी ज़मीन के बारे में जानकारी मुहैया कराना है ताकि वे सही फ़सल लगा सकें. 2019 तक केवल 8.13 करोड़ एसएचसी ही जारी किए गए जबकि 12.04 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था. मार्च, 2018 तक देश भर में मिट्टी की जांच करने वाले 284 मोबाइल लैब थे. इसके अलावा 1460 स्थिर लैब और 8752 मिनी स्थिर लैब थे.

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सरकार जिन मुक़दमों में शामिल हो उनकी समीक्षा कर मामलों की संख्या कम करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

राष्ट्रीय अभियोग नीति का प्रस्ताव 2010 में तैयार किया गया, जिसका उद्देश्य यह था कि सरकार काफी ज़िम्मेदारी के साथ अपने मुक़दमे लड़े. इसका प्रस्ताव अभी भी सरकार के विचाराधीन है. 2017 में न्याय मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक दस्तावेज अपलोड किया- सरकारी मुक़दमे कम करने का एक्शन प्लान. इसमें समस्या के संभावित हल के बारे में बताया गया है. सरकार ने लंबित मामलों को कम करने के लिए कई क़दम उठाए हैं- एरियर्स कमेटी का गठन किया गया और 2017 में न्याय मित्र की योजना शुरू हुई. रक्षा मंत्रालय ने 2015 में इस मामले की निगरानी और सेवा से जुड़े मुक़दमों को कम करने के लिए प्रस्ताव देने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया.

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न्यायिक व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना, बार और बेंच में महिलाओ की संख्या ज़्यादा हो

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

8 फरवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट 28 न्यायाधीशों में महज तीन महिलाएं शामिल थीं. हाईकोर्ट के न्यायाधीशों में भी ऐसी ही स्थिति है. हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति भारतीय संविधान की धारा 217 और 224 के तहत होता है. इन धाराओं में किसी भी आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है. केंद्रीय क़ानून एवं न्याय मंत्री ने इस बाबत मुख्य न्यायाधीशों को पत्र लिख कर महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति पर विचार करने का अनुरोध किया है. कुछ राज्यों में निचले स्तर की न्यायिक प्रणाली में जजों की नियुक्ति में महिलाओं को आरक्षण देते हैं.

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क़ानून को लेकर जागरूकता फैलाने वाले कार्यक्रम और इसे स्कूली पाठ्यक्रम में जगह देना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) दूसरी लीगल सर्विस देने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर लोगों को उनके अधिकारों के बारे में समझाने के लिए कई तरह के जागरुकता अभियान चलाती है. 2012-13 में 64, 625 कानूनी साक्षरता से जुड़े कैंप आयोजित किए गए थे. 2015-16 में इनकी संख्या बढ़कर 1, 10, 400 हो गई. स्कूल और कॉलेज के स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. 2013 में सेंट्रल बोर्ड ऑफड सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने 11वीं और 12वीं कक्षा में लीगल स्टडीज का विकल्प दिया है. NALSA के निर्देशों के तहत स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी स्कूलों और कॉलेजों में लीगल लिटरेसी क्लब चलाते हैं.

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क़ानूनी जानकारी को सबको मुफ्त में उपलब्ध कराना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

ई-कोर्ट प्रोजेक्ट की शुरुआत 2013 में की गई ताकि आम लोगों को प्रभावी और तय समय के भीतर सुविधाएं मिल सके. इसके ज़रिए सभी साझेदारों के बीच पारदर्शी ढंग से सूचनाओं का पहुंचना संभव है. मौजूदा सरकार इसके दूसरे फेज पर काम कर रही है.

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राजनयिकों के पूल को बढ़ाना और उन्हें सशक्त करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2017 में सरकार ने अपने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को कैडर आवंटित करने संबंधी नीति में बदलाव किया. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि भारतीय विदेश सेवा (IFS) की नियुक्ति प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. भारतीय विदेश सेवा में कुल सृजित पद 941 हैं. 2 अगस्त, 2018 को भारतीय विदेश सेवा में कुल 30 पद रिक्त थे. भारत सरकार अपने मिशन को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराती है, कई बार यह पद से ज़्यादा और अंतरराष्ट्रीय क़ानून द्वारा मान्य क्षमता से ज़्यादा होता है. सरकार ए, बी और सी वर्ग की सेवाओं और इसके समकक्ष राज्य सरकार की सेवाओं की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की भी मदद करती है.

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सस्ती आवासीय योजना की बड़े पैमाने पर शुरुआत ताकि हर परिवार के पास पक्का मकान हो

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय 2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) [PMAY(U)] चला रहा है, जो शहरी क्षेत्र के गरीबों को सस्ता मकान मुहैया कराने में राज्य सरकार की मदद करती है. 4 फरवरी, 2019 तक इस मदद में 72,80,851 मकान बनाने के लिए 1,11,825 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं.

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पूर्वोत्तर में पर्यटन और आईटी सेक्टर नौकरियों के ज़्यादा अवसर सृजित करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

नार्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फ़ाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEDFi) ने पूर्वोत्तर भारत के लिए 100 रुपये के साथ नार्थ ईस्ट वेंचर फंड (NEVF) शुरू किया है. इस फंड का इस्तेमाल फूड प्रोसेसिंग, स्वास्थ्य सुविधा और पर्यटन के क्षेत्र के उद्यम में निवेश करना है.

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पूर्वोत्तर भारत में गैर कानूनी ढंग से रह रहे लोगों और घुसपैठ की समस्या का प्राथमिकता के साथ निदान

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 2017 से पहले के तीन सालों में भारत ने करीब 330 पाकिस्तानी और 1770 बांग्लादेशियों को निर्वासित किया गया है. 2016 में कांप्रिहैंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) लागू किया गया ताकि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की जा सके. गैर क़ानूनी ढंग से भारतीय सीमा में पहुंचने वालों को हिरासत में लेने के बाद और निर्वासन की प्रक्रिया के लिए डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं. असम में बने डिटेंशन सेंटर में 100 विदेशी ट्राइब्यूनल में बनाए गए हैं ताकि गैर क़ानूनी ढंग से सीमा में पहुंचे लोगों के मामलों की सुनवाई हो सके.

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विभिन्न शैक्षिणक केंद्रों में पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (एनईसी) और उत्तर पूर्वी विकास मंत्रालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में उत्तर पूर्वी छात्रों के लिए एक छात्रावास के निर्माण के लिए मदद कर रहा है. जून 2016 में, बैंगलोर विश्वविद्यालय में पूर्वोत्तर की छात्राओं के लिए विशेष छात्रावास का निर्माण शुरू किया गया था. दिल्ली विश्वविद्यालय के रोहिणी क्षेत्र में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक छात्रावास बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है.

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असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पहचान पत्र मुहैया कराना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की बेहतर सुविधा के साथ प्रशिक्षण के ज़रिए दक्षता दिलाना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार ने 2008 में असंंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा (UWSSA) एक्ट के तहत पहचान पत्र और पहचान संख्या (अनऑर्गेनाइज्ड वर्कर्स आइटेंटिफिकेशन नंबर- UWIN) निर्गत करने को स्वीकृति दे दी थी. 2017-18 और 2018-19 में इस मद में 402.7 करोड़ रुपये जारी हुए. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का नेशनल प्लेटफॉर्म भी बनाने की बात है. 2015 में लोगों की दक्षता को विकसित करने के लिए स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत की, यह असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी शामिल करता है. 2018 में कमजोर परिवारों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) शुरू हुई थी.

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राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नेटवर्क का विकास

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

मई, 2017 में भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एकीकृत ट्रांसपोर्ट एवं लॉजिस्टिक्स समिट का आयोजन किया ताकि मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट की योजना को बढ़ावा दिया जा सके. कोई ठोस नेटवर्क तो नहीं बना है लेकिन इस बैठक के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हुआ है.

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जल्दी ख़राब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए विशेष ट्रेन वैगन सहित एग्री रेल नेटर्वक तैयार करना.

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

2018 में गुवाहटी और महाराष्ट्र को पार्सेल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन से जोड़ा गया. इसके ज़रिए उत्तर पूर्वी राज्यों में होने वाले कृषि उत्पादों को मुंबई, बेंगलुरु, नागपुर और पुणे के रिटेल बाज़ारों तक पहुंचाया गया. 2017 में नेशनल सेंटर फॉर कोल्ड चेन डेवलपमेंट की एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक जल्दी ख़राब होने वाले कृषि उत्पाद यानी फल और सब्जियों के केवल 1.9 प्रतिशत हिस्से की ढुलाई ट्रेन से होती है जबकि 97.4 फ़ीसदी की ढुलाई सड़क मार्ग से होती है. इसके बाद भारतीय रेलवे ने इन फलों और सब्जियों की ढुलाई के लिए रेफ्रिजेरेटर वाले वैन की सुविधाएं शुरू कीं. लेकिन मांग में कमी के चलते इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. 2017 में ही अमूल ने 17 टन मक्खन की ढुलाई रेफ्रिजेरेटेड वैन में पालनपुर से दिल्ली तक की थी.

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मौजूदा एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण, छोटे शहरों और सभी टूरिज़्म सर्किट को आपस में जोड़ना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने देश भर के हवाई अड्डों को विकसित करने, उसको आधुनिक बनाने के लए अगले चार-पांच सालों में 25 हज़ार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए 2016 में राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति लागू की. इस नीति के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के ज़रिए एयरपोर्ट को विकसित किया जाना है.

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प्रत्येक गांव को पक्की सड़क से जोड़ना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) योजना 2000 में शुरू हुई थी. इसके पहले चरण में देश में अब तक सड़क मार्ग से कटे हुई बस्तियों को सड़क से जोड़ने की योजना थी, इस चरण को मार्च, 2019 तक बढ़ाया गया है. 6 फरवरी, 2019 तक इस योजना के तहत 1.45 लाख उन बस्तियों को पक्की सड़क से जोड़ दिया गया है, जो अब तक संपर्क से कटे हुए थे.

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ग्रामीण इलाके में क्रेडिट सुविधाओं का विस्तार देना और मज़बूत करना

वर्ग: कृषि स्थिति: काम जारी

सरकार ने मौजूदा योजनाओं को जारी रखते हुए ग्रामीण इलाके में क्रेडिट सुविधाओं को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया है. इसके लिए बजट का आवंटन बढ़ाया गया है. सरकार ने 2006-07 से ब्याज मुक्त अनुदान देने की योजना शुरू की थी जिसके तहत किसानों को फसल ऋण के तौर पर कम अवधि के लिए ऋण मिल जाता है, जिसे एक साल में चुकाना होता है. सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना को भी जारी रखा है. बीजेपी सरकार ने क्रेडिट कार्ड को रूपे कार्ड के तौर पर बदला है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा डिजिटल लेन-देन हो सके. संस्थागत क्रेडिट के हिस्से में छोटे, सीमांत किसान भी आ सकें, इसके लिए बैंकों ने ज्वाइंट लायब्लिटी ग्रुप (जेएलजीएस) को बढ़ावा दिया है. मार्च, 2017 तक ऐसे 24.53 लाख समूहों को 26,848.13 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया. कृषि के क्षेत्र में क्रेडिट लक्ष्य को सरकार ने 2015-16 के 8,50,000 करोड़ से बढ़ा कर 2018-19 में 11,00,000 करोड़ कर दिया.

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पूर्वोत्तर के राज्यों और जम्मू कश्मीर को भारत के बाक़ी हिस्सों से सड़क और रेल मार्ग से जोड़ना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2016 में असम के लमडिंग-सिलचर में ब्रॉड गेज को खोले जाने से देश के बाक़ी हिस्सों को बराक घाटी से जोड़ना संभव हो पाया.

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फ्रेट कॉरिडोर का काम

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

पूर्वी और पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर को 2020 तक तैयार कर लेने की उम्मीद है, चरणों में इस पर काम चल रहा है.

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विशेषज्ञता वाले यूनिवर्सिटी का नेशनल नेटवर्क तैयार करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2010 में तत्कालीन सरकार नेशनल नॉलेज नेटवर्क (NKN) के गठन को स्वीकृति दी थी. इसका उद्देश्य सभी यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और रिसर्च एस्टेबलिशमेंट को डिजिटली कनेक्ट करना था ताकि संसाधनों की आपस में शेयरिंग हो सके. 30 नवंबर, 2014 तक संस्थानों को 1354 को कनेक्ट किया गया था. 3 मार्च, 2019 तक 1693 संस्थानों को एनकेएन के ज़रिए कनेक्ट कर लिया गया.

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रेलवे का आधुनिकीकरण

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

भारतीय रेलवे में आधुनिकीकरण एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. 2000 वाले दशक के शुरुआती सालों से ही रेलवे परंपरागत कोचोें को लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों से बदल रहा है. नवंबर, 2018 में भारतीय रेलवे के पास आधुनिक एलएचबी वाली 308 जोड़ी ट्रेनें थीं. स्टेशनों पर लिफ्ट और स्केलेटर लगाने के काम को भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है. भारत ने सितंबर, 2017 में जापान के साथ मेक इन इंडिया के तहत बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का समझौता किया है. अब तक 6762 रेलवे स्टेशनों पर एलईडी रोशनी की व्यवस्था की गई है. 2017 में भारतीय रेलवे के टेक्नॉलॉजी मिशन (टीएमआईआर) ने निगरानी, नियंत्रण, कम्यूनिकेशन, डिज़ाइन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैटेरियल को आधुनिक बनाने के अभियान को मंजूरी दी थी.

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बरसात के जल के संरक्षण से भूजल के प्राकृतिक स्तर को कायम रखना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार ने भूजल संरक्षण के लिए एक मॉडल प्रस्ताव तैयार किया है. जिसमें बरसात के जल का संरक्षण भी शामिल है. 2018 में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने ज़मीन के अंदर से पानी निकालने को लेकर गाइडलाइंस भी जारी किया. हालांकि नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने 2019 में अमान्य करार दिया. जल की गुणवत्ता की निगरानी करने वाली गाइडलाइंस, 2017 के मुताबिक साल में दो बार भूजल की जांच होनी चाहिए. मॉडल बिल्डिंग बाय लॉज, 2016 में भी बारिश के जल को संरक्षित करने का प्रावधान शामिल है.

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जल संसाधनों की देखरेख, जल आपूर्ति और पार्यावरणीय स्वच्छता में सामुदायिक प्रबंधन को बढ़ावा

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) को जारी रखा है, उसे नए सिरे से सुधारा है. इस कार्यक्रम के ज़रिए 2030 तक ग्रामीण आबादी को नल से जल आपूर्ति और हर घर को नल कनेक्शन मुहैया कराने का लक्ष्य है. सरकार ने राष्ट्रीय जल नीति, 2012 को भी जारी रखा है, जो जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ साथ जल के किफायती इस्तेमाल को भी लेकर जागरूकता फैलाता है. 2014 में देशभर में स्वच्छ भारत मिशन को लागू किया गया जिसका उद्देश्य साफ़, सफ़ाई के साथ साथ कचरा प्रबंधन करना भी है. नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के तहत ऑन फॉर्म वाटर मैनेजमेंट के जरिए भी किसानों को जल प्रबंधन की अहमियत बताई जा रही है.

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खेल कूद को स्कूली पाठ्यक्रम में जगह और इसके लिए आधारभूत और प्रशिक्षण की सुविधा

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

स्कूलों के मुख्य पाठ्यक्रम में खेल कूद को शामिल करने पर कोई एक राय नहीं है. इसे एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज ही समझा जाता है. इसका आकलन स्कूल और बोर्ड के विवेक के आधार पर होता है. 2018 में उपराष्ट्रपति ने कहा कि खेल कूद को स्कूल और कॉलेजों में एक अनिवार्य विषय होना चाहिए. हालांकि इसके बाद से अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है. वैसे स्कूलों और कॉलेजों में खेल कूद को बढ़ाने वाली एक योजना खेलो इंडिया 2017 में लागू हुई थी. सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में खेल कूद को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं और संघों की पहचान की है. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) देश भर में आठ से 25 साल की खेल प्रतिभाओं की पहचान के लिए विभिन्न योजनाएं चलाता है, जिन्हें बाद में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए निखारा जाता है.

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मिड डे मील योजना को नए सिरे से लागू करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

2015 में मिड डे मील योजना 11.5 लाख स्कूलों में पहुंची थी और 10 करोड़ बच्चों को इसका फ़ायदा मिला था.2017 में यह योजना 11.3 लाख स्कूलों में लागू हुई और 9.5 करोड़ बच्चों को इसका लाभ मिला. 2015 में इस योजना के तहत 9912.21 करोड़ रुपये इस्तेमाल किए गए जबकि इस 2017 में 9075.76 करोड़ रुपये खर्च हुए. 2016 में मिड डे मील योजना के तहत भोजन में गड़बड़ी की 57 शिकायतें मिलीं. 2018 में ऐसी 20 शिकायतें मिलीं जबकि 16 मामलों में जवाब का इंतजार किया जा रहा है. इस योजना के तहत मील की लागत की समीक्षा समय समय पर की जाती है. 2018 में यह प्राइमरी स्कूल में 4.35 रुपये प्रतिदिन प्रति छात्र थी, जबकि अपर प्राइमरी में यह 6.51 रुपये प्रतिदिन प्रति छात्र बैठ रही थी. 2015 में इस योजना में केंद्र एवं राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश की फंडिंग में संशोधन किया गया था.

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पेशेवर स्वास्थकर्मियों की कमी प्राथमिकता के साथ दूर करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

2016 में अपशिष्ट प्रबंधन नियमों को संशोधित करके कचरे को गीला, सूखा और ख़तरनाक कचरे में अलग-अलग किया गया था. इसमें ई-कचरा प्रबंधन भी शामिल था.खाद के गड्ढे, वर्मीकम्पोस्टिंग, बायोगैस प्लांट, कम लागत वाली जल निकास प्रणाली, नमी को सोखने वाले चैनल / गड्ढे, अपशिष्ट जल पुन: उपयोगऔर संग्रह प्रणाली, घरेलू कचरे का अलगाव और निस्तारण और मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन आदि को रोमांचक एवं नए दिशानिर्देशों के तहत रखा गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), शहरी स्थानीय निकायों के साथ कार्यशालाओं और सम्मेलनों के माध्यम से विभिन्न प्रौद्योगिकी के प्रसार और इसके कार्यान्वयन के साथ अंत:क्रिया करता है.

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स्वास्थ्य सेवा में काम करने वाली पेशेवर नियामक संस्थाओं की भूमिका की समीक्षा और इस क्षेत्र में व्यापाक रूप से काम करने वाली एक संस्था का गठन

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

भारत में स्वास्थ्य सेवा की देखरेख करने वाले कई अलग-अलग नियामक निकाय और अधिनियम हैं. सरकार, क्लिनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण और विनियमन) अधिनियम, 2010 और अधिसूचित नैदानिक प्रतिष्ठान (केंद्र सरकार) नियम, 2012 को जारी रखे हुए है. ये क्लिनिकल प्रतिष्ठानों के पंजीकरण और विनियमन की देखरेख करते हैं. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम (NQAP) 2013 में स्थापित किया गया था, जिसके तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गुणवत्ता मानकों को निर्धारित किया गया था. भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) मेडिकल योग्यता को मान्यता देती है, मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देती है, मेडिकल प्रैक्टिशनरों को पंजीकरण प्रदान करती है, और भारत में चिकित्सा पद्धति की निगरानी करती है. अधिसूचित चिकित्सा उपकरणों के आयात, बिक्री और विनिर्माण को विनियमित करने के लिए 2017 में इससे संबंधित नियमों को जारी किया गया था.

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अत्याधुनिक तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाकर सरकार अस्पतालों को आधुनिक रूप देना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

2005 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत, राज्य / संघ शासित क्षेत्रों को कार्यक्रम के कार्यान्वयन की योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है, ताकि नई बुनियादी सुविधाओं, नवाचारों, मानव संसाधन, चिकित्सा उपकरण,औषधि और क्लिनिकल जांच सुविधा सहित उनकी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत किया जा सके. ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी बुलेटिन 2017-18 के अनुसार, भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी उप केंद्रों के लिए 18%, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 22% और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 30% है.

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राष्ट्रीय विकास एवं सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं तकनीकी सहयोग को बढ़ावा

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: काम जारी

भारत और इज़राइल ने कृषि और चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी; मानव जीनोमिक्स; उन्नत सामग्री और नैनो प्रौद्योगिकी, आदि के क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान परियोजनाओं को लागू किया है.2016 में दोनों ने बिग डेटा और साइबर सुरक्षा पर एक साथ काम करने का फैसला किया.

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टेलीमेडिसीन एवं मोबाइल हेल्थ केयर के लिए राष्ट्रीय ई-स्वास्थ्य प्राधिकरण (NeHA) का गठन

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

राष्ट्रीय ई-स्वास्थ्य प्राधिकरण (NeHA) एक परिकल्पना के चरण में है, और टिप्पणियों को आमंत्रित करने के लिए इसे सार्वजनिक क्षेत्र में डालतेहुए एक मसौदा अधिनियम को मंजूरी दी गई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत, राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को अपनी टेलीमेडिसिन परियोजनाओं को मजबूत करने और लागू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है.मोबाइल फोन के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना की सुविधाओं और उन सुविधाओं का उपयोग करने के लिए विभिन्न मोबाइल एप्लिकेशन और विजेट विकसित किए गए हैं.

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खुले में शौच से मुक्त भारत का निर्माण

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

देश के सभी ग्रामीण घरों में शौचालय की सुविधा प्रदान करके भारत को खुले में शौच से मुक्त (ODF) प्राप्त करने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) [SBM(G)] को2014 में ही शुरू किया गया था. देश के 569 जिलों को दिसंबर 2018 तक खुले में शौच मुक्त (ODF) घोषित किया गया है. 2015 में SBM(G) के लिए फंड रिलीज 6,363 करोड़ रुपये था जो 2017 में बढ़कर 16,611.8 करोड़ रुपये हो गया.

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नाले की सफाई एवं कचरा प्रबंधन के लिए आधुनिक व्यवस्था

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

कचरे को गीला, सूखा और खतरनाक कचरे में अलग-अलग करने के लिए 2016 मेंअपशिष्ट प्रबंधन नियमों को संशोधित किया गया था. इसमें ई-कचरा प्रबंधन भी शामिल था. खाद के गड्ढे, वर्मीकम्पोस्टिंग, बायोगैस प्लांट, कम लागत वाले जल निकास, नमी को सोखने वाले चैनल / गड्ढे, अपशिष्ट जल पुन: उपयोग और संग्रह प्रणाली, घरेलू कचरे का अलगाव और निस्तारण और मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन आदि को रोमांचक एवं नए दिशानिर्देशों के तहत रखा गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) शहरी स्थानीय निकायों के साथ कार्यशालाओं और सम्मेलनों के माध्यम से विभिन्न प्रौद्योगिकी के प्रसार और इसके कार्यान्वयन के लिए अंत:क्रिया करता है.

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नदियों को जोड़ने की योजना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

जल संसाधनों के विकास की विस्तृत राष्ट्रीय योनजा की शुरुआत दिसंबर, 2015 में हुई थी जिसके तहत नदियों को आपस में जोड़ने की संभावना पर अध्ययन किया गया. मार्च, 2018 में ऐसे 30 लिंको को काम करने के लायक पाया गया और इनमें से चार को प्राथमिकता का दर्जा मिला है.

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सभी को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार 2030 तक ग्रामीण आबादी को नल के ज़रिए पानी उपलब्ध कराने एवं सभी घरों को नल कनेक्शन देने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम ( NRDWP) चला रही है. 5 फरवरी, 2019 को 12.4% ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा था. 2016 यह आंकड़ा 14% था. 2017 में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने NRDWP की समीक्षा की कहा कि यह कार्यक्रम अपने लक्ष्य और उद्देश्य को पूरा करने में नाकाम रहा है.

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स्वदेशी रेल, कोच डिजाइन और सिग्नल तैयार करने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट की प्रक्रिया की शुरुआत

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: काम जारी

2014 में, रेलवे के रिसर्च, डिज़ाइन और स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) को 216.11 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इसे 2016 में बढ़ाकर 313.10 करोड़ रुपये किया गया. भारतीय रेलवे के टेक्नॉलॉजी मिशन (2017) ने रेलवे के हर क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने की बात की. 2016-17 के बजट भाषण में रेलवे मंत्री ने 'स्पेशल रेलवे एस्टेबलिशमेंट फॉर टेक्नॉलॉजी एवं होलिस्टिक एडवांसमेंट- एसआरईएसटीएचए' के गठन की घोषणा की थी ताकि भारत में परिवहन के लिए लंबी अवधि वाले शोध-अनुसंधान किए जा सकें. इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट अभी तैयार हो रही है. भारत अपने रेलवे कोचों के लिए जर्मन डिज़ाइन का इस्तेमाल करता है. 2017 से भारत अपने यहां बने एलएचबी जीएस कोचों का इस्तेमाल कर रहा है, हालांकि पहिए नकल पर आधारित हैं. हालांकि कोचों का अभी नियमित तौर पर होने वाले जांच परीक्षणों से गुजरना पड़ रहा है. इसके अलावा आरडीएस ट्रेनों को टक्कर से बचाने वाली अत्याधुनिक तकनीक (टीसीएएस) पर भी काम कर रहा है.

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ग्रामीण इलाके एवं एससी-एसटी-ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए मिशन मोड में स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम लागू करना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

2017 में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण में सुधार और बच्चों और महिलाओं में एनीमिया(रक्तल्पता) को कम करने के उद्देश्य से पोषण अभियान शुरू किया गया था.उसी वर्ष सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के रूप में एक मौजूदा योजना को फिर से शुरू किया, जो गर्भवती और सेवा की आवश्यकता वाली माताओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करता है.

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मोटापा, डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के अनुसंधान और विकास पर निवेश

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद देश के स्वास्थ्य पर व्यापक सर्वेक्षण और शोध कर रही है,जिसमें पुरानी बीमारियां शामिल हैं. सरकार अपने स्वयं के अनुसंधान संस्थानों की स्थापना के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है.सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 को मंजूरी दे दी है.इस नीति का उद्देश्य हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह या पुरानी सांस की बीमारियों से समय से पहले होने वाली मृत्यु दर को 2025 तक 25% कम करना है. 2015 में भारत,एनसीडी ग्लोबल मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क और एक्शन प्लान को अपने राष्ट्रीय संदर्भ में अपनाने वाला पहला देश था.इस रूपरेखा के घटकों में मोटापा और मधुमेह के प्रसार में वृद्धि को रोकना शामिल है.सरकार 2008 से कैंसर, मधुमेह, हृदय रोगों और स्ट्रोक (NPCDCS) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम भी लागू कर रही है.

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सर्वमान्य इमरजेंसी मेडिकल सर्विस-108

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: काम जारी

सरकार ने पुलिस, अग्नि और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित आपात स्थितियों को दूर करने के लिए देश भर में ‘आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली’ (ERSS) के कार्यान्वयन के लिए अखिल भारतीय एकीकृत आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर ‘112 ’की शुरुआत की है. यह सेवा ‘112 इंडिया’, मोबाइल ऐप के साथ आती है, जो नागरिकों के लिए पैनिक बटन और ईआरएसएस(ERSS) स्टेट वेबसाइट के साथ एकीकृत है. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र से तत्काल सहायता के अलावा आसपास के पंजीकृत स्वयंसेवकों से तत्काल सहायता लेने के लिए ’112 इंडिया’ मोबाइल ऐप में एक,SHOUT फीचर पेश की गयी है. 2018 में, हिमाचल प्रदेश ईआरएसएस (ERSS) के तहत अखिल भारतीय एकल आपातकालीन नंबर ‘112’लॉन्च करने वाला पहला राज्य बन गया है.

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दूर दराज के इलाकों में पानी की पहुुंच

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: काम जारी

2017 में वर्ल्ड वाटर काउंसिल (WWC) के एक सर्वे से जाहिर होता है कि बीते पांच साल में पीने के पानी का स्तर सुधरा है.

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स्कूली पाठ्यक्रम में आत्मरक्षा की ट्रेनिंग की शुरुआत

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

2009 से ही राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत लड़कियों में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण मुहैया कराया जा रहा है. 2018 में सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक स्कीम शुरू की जिसे समग्र शिक्षा कहते हैं, जिसके तहत स्कूली शिक्षा से जुड़ी सभी स्कीमों को जोड़ दिया गया. समग्र शिक्षा की योजना के तहत एक प्रावधान ये भी है कि छठी से 12वीं तक की लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाए. हालांकि अभी तक आत्म निर्भरता को लेकर दी जाने वाली ट्रेनिंग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं बनाया गया है.

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अंतर-धार्मिक विचार विमर्श की स्थायी व्यवस्था

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: कोई काम नहीं

संयुक्त राज्य अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अपनी 2016 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि ‘भारत धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में एक नकारात्मक रास्ते पर है.2018 में सरकार ने धर्मों, अंतर्आस्था संवाद, भाषा, पुरालेख, धर्मशास्त्र, धर्मशास्त्र,धार्मिक संगीतआदि के तुलनात्मक अध्ययन के लिए 2019 में श्री गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती पर गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर में एक अंतर्आस्था अध्ययन केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया. धार्मिक सामंजस्य के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

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अदालतों को कामकाज में प्रभावी बनाने के लिए आधुनिकीकरण के लिए फंड की व्यवस्था

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

1993-94 से ही न्यायिक व्यवस्था में सुविधाओं को बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार की प्रायोजित योजना चल रही है. अगस्त, 2018 तक इस योजना में 6455.79 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. 2017-18 के दौरान इस मद में 621.21 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, पूरी धनराशि का इस्तेमाल किया गया. 2018-19 के दौरान इस योजना के तहत 622 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. अदालतों को आधुनिक बनाने के नाम पर कोई दूसरा फंड नहीं है. हालांकि सरकर जिला और सत्र न्यायालयों को संचार एवं सूचना तकनीक से जोड़ने के लिए ई कोर्ट मिशन प्रोजेक्ट चला रही है. इसके दूसरे फेज में (2015-19) अगस्त, 2018 तक 1073.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि इस फेज का कुल बजट 1670 करोड़ रुपये है.

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बंंजर भूमि का इस्तेमाल सामुदायिक रूप से पेड़-पौधे लगाने के लिए होना चाहिए

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: कोई काम नहीं

बंज़र भूमि के विकास के लिए कोई योजना और कार्यक्रम नहीं बनाए गए हैं. भूमि संसाधन विभाग ने मुख्य रूप से खेती वाले क्षेत्र और बंज़र भूमि के वर्षा आधारित हिस्सों के विकास के लिए प्रधान मंत्री कृषि सिचाई योजना (WDC-PMKSY) के वाटरशेड विकास घटक के तहत 2009-10 से 2014-15 की अवधि के दौरान 8214 वाटरशेड विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं में अभी भी विभिन्न चरणों में काम चल रहा है.

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सरकार और उद्योग जगत के बीच नियमित संवाद की प्रक्रिया, उद्योग जगत को अपनी बात कहने के लिए मंच

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: कोई काम नहीं

सरकार ने ई-गवर्नेंस की योजनाओं के तहत कई पोर्टल बनाए हैं. जो सरकार और उनके विभागों को सीधे आम नागरिकों से जोड़ता है. हालांकि नेशनल ई-गवर्नेंस की योजनाओं में सरकार और उद्योग जगत को जोड़ने वाली कोई विशेष प्रोजेक्ट नहीं है.

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विभिन्न राज्यों की सहकारी समितियों में खामियों-विसंगतियों को दूर करने के लिए संशोधन

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: कोई काम नहीं

2010 में संसद में मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसायटीज एक्ट, 2002 में संशोधन पेश किया गया था. हालांकि इस दिशा में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है.

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महिलाओं के लिए विशेष वयस्क साक्षरता पहल

वर्ग: महिलाएं स्थिति: कोई काम नहीं

पिछली सरकारों के साक्षरता कार्यक्रमों को मौजूदा सरकार ने जारी रखा है लेकिन महिलाओं के लिए कोई ख़ास वयस्क साक्षरता पहल शुरू नहीं की गई है.

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महिलाओं को ट्रेनिंग देने के अवसर का विस्तार

वर्ग: महिलाएं स्थिति: कोई काम नहीं

दिसंबर, 2013 तक देश भर में 1431 महिला आईटीआई केंद्र हैं. इसके अतिरिक्त सामान्य आईटीआई और आईटीसी की महिला शाखाओं को जोड़ दें तो वहां 82,390 महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा सकती है. राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यम मंत्री ने बताया था कि 2016-17 के दौरान 1408 महिला आईटीआई और सामान्य आईटीआई की महिला शाखाओं को मिलाकर 1,35, 459 महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई. आईटीआई में छात्राओं के लिए 30 फ़ीसदी सीट आरक्षित होती हैं.

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प्रत्येक ज़िले में महिलाओं के लिए प्रतिबद्ध स्माल एवं मीडियम इंटरप्राइजेज क्लस्टर का गठन

वर्ग: महिलाएं स्थिति: कोई काम नहीं

सरकार ने माइक्रो एंड स्माल इंटरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम को जारी रखा है ताकि एक ही सेक्टर के एमएसएमई को एक साथ रखकर उनकी सहायता की जा सके. ज़्यादातर क्लस्टर उत्पादन और तकनीक के आधार पर बनाए गए हैं. कोई भी महिलाओं का क्लस्टर नहीं है. इस स्कीम में महिलाओं के स्वामित्व वाले इंटरप्राइजेज को अलग से वर्गीकृत किया जा सकता है. हालांकि महिलाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने कई योजनाओं और नीतियों को जारी रखा है.

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सामुदायिक रसोई चलाने में स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी

वर्ग: अल्पसंख्यक स्थिति: कोई काम नहीं

2018 में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-20 के लिए 325.00 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ ‘सेवा भोज योजना’का उद्घाटन किया. यह लोगों/आस्थावानों कोखाद्य/ प्रसाद / लंगर (सामुदायिक रसोई) / भंडारा परोसने के लिए विशिष्ट कच्चे खाद्य पदार्थों की खरीद पर CGSTऔर केंद्र सरकार के IGSTके हिस्से की प्रतिपूर्ति प्रदान करने की योजना है.इस योजना में स्वयंसेवकों का उल्लेख नहीं है. स्वयंसेवकों की तलाश के लिए राज्य और गैर-सरकारी संगठन ख़ुद करते हैं.

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महिला आरक्षण विधेयक को पारित करना

वर्ग: महिलाएं स्थिति: कोई काम नहीं

लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण देने संबंधी विधेयक को अब तक पारित नहीं किया जा सका है.

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को नए सिरे संगठित करना ताकि सेवा, खाद्य, पोषण और फार्मास्यूटिकल के क्षेत्र में स्थिति को बेहतर किया जा सके

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

यद्यपि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत ही यह स्वास्थ्य नीति आती है,जबकिपोषण स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के औषधिएवं खाद्य गुणवत्ता नियंत्रण (खाद्य) अनुभाग खाद्य सुरक्षा से संबंधित है.फार्मास्यूटिकल्स का एक अलग विभाग है. इन विभागों का विलय नहीं किया गया है.

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सभी महिलाकर्मी वाले मोबाइल बैंक

वर्ग: महिलाएं स्थिति: कोई काम नहीं

भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) की शुरुआत 2014 में हुई थी जिसका विलय स्टेट बैंक में एक अप्रैल, 2017 को कर दिया गया. विलय के वक्त भारतीय महिला बैंक के अधीन 133 ऐसी शाखाएं थीं जहां केवल महिला कर्मचारी ही तैनात थीं. ऐसा कोई मोबाइल बैंक नहीं है.

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सभी नई आवासीय कॉलोनियों में खेल की सुविधाएं

वर्ग: कौशल और सामाजिक विकास स्थिति: कोई काम नहीं

आवासीय कॉलोनियों में खेल की सुविधाओं को लेकर कोई आधिकारिक प्रावधान नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाने में तो मदद मिलती है लेकिन मकान कितना बड़ा होगा, उसमें और कितनी सुविधाएं होंगी, इसका फ़ैसला राज्य सरकारें करती हैं. मकान के अलावा अन्य सुविधाओं के लिए केंद्र राज्य सरकार की कोई मदद नहीं करती है.

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कैंट और दूसरी जगहों पर सेना की ज़मीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

कैंट इलाके में सेना की ज़मीन का कंप्यूटरीकृत रिकॉर्ड्स डिफेंस एस्टेट के डायरेक्टर जनरल और नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर के सहयोग से 2007 में तैयार हुआ था. 2011 में इसका डेटाबेस सार्वजनिक भी किया गया. यह एक सतत प्रक्रिया है. लेकिन इस दिशा में इसके बाद कोई नई पहल नहीं हुई है.

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वरिष्ठों जनों की शिकायतों के हल के लिए वरिष्ठ नागरिक आयोग का गठन

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

सेवानिवृत सर्विसमैन राष्ट्रीय आयोग बिल, 2015 के प्रस्ताव को लिखा गया लेकिन उसके बाद इस पहलू पर कोई काम नहीं हुआ.

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मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए चार स्पेशल डिफेंस यूनिवर्सिटियों की स्थापना

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

2010 में सरकार ने हरियाणा के गुरुग्राम के बिनोला में इंडियन नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (आईएनडीयू) की स्थापना को स्वीकृति दी थी. यहां अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है. मौजूदा सरकार के अधीन ऐसे किसी प्रोजेक्ट को स्वीकृति भी नहीं मिली.

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राष्ट्रीय समुद्री प्राधिकरण का गठन

वर्ग: विज्ञान और रक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

राष्ट्रीय समुद्री प्राधिकरण का गठन नहीं हुआ है.

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स्कूली बच्चों के लिए कई देशों के छात्रों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम की शुरुआत

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

अब तक स्कूली छात्रों के लिए विभिन देशों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू नहीं हो पाया है.

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हर्बल पौधे की खेती को बढ़ावा देने के लिए हर्बल प्लांट्स बोर्ड का नए सिरे से गठन

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (NMPB) की स्थापना 2000 में आयुष(AYUSH) मंत्रालय के तहत की गई थी.सरकार, 2007-08 से “औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और सतत प्रबंधन” और 2013-14 से “औषधीय पौधों पर राष्ट्रीय मिशन की केंद्र प्रायोजित योजना” और “राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) की केंद्र प्रायोजित योजना” जैसी योजनाएं चला रही है, जिनमें हर्बल और औषधीय पौधों भी घटक के रूप में शामिल हैं. कोई भी नई योजना या बोर्ड नहीं बनाये गये हैं.

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हिमालय की तकनीक के प्रति प्रतिबद्ध सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना

वर्ग: स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति: कोई काम नहीं

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 2015 में कहा कि हिमालय की तकनीक से जुड़ी किसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बनाने की कोई योजना नहीं है. इसके बाद से इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई.

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राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

मोदी सरकार के शासन के पहले ही साल में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन का प्रस्ताव पारित हुआ था, जो 31 दिसंबर, 2014 को क़ानून बन गया. सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक पीठ ने इसे असंवैधानिक और निरर्थक ठहरा दिया.

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भारतीय भाषाओं में सूचना तकनीक को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिशन ई-भाषा

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

2015 में राष्ट्रपति ने डिज़िटल इंडिया प्रोग्राम के तहत ई-भाषा को मिशन के तौर पर पेश किया लेकिन उसके बाद से इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई. इसका न तो संसद में जिक्र हुआ है और ना ही किसी आधिकारिक वेबसाइट पर.

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राष्ट्रीय याचिका नीति को लागू करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

राष्ट्रीय याचिका नीति, 2010 की समीक्षा के बाद सरकार राष्ट्रीय याचिका नीति, 2015 पर बीते तीन साल से विचार कर रही है. नीति को अब तक लागू नहीं किया गया है.

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लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने एक देश, एक चुनाव के विचार को काफी आगे तक बढ़ाया और एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की बात कही. हालांकि इसके लिए एक संवैधानिक संशोधन की ज़रूरत है लेकिन इसके लिए मौजूदा राजनीतिक दलों में एक राय नहीं है. लॉ कमीशन ने 2018 में एक साथ चुनाव कराने संबंधी एक प्रस्ताव को रिपोर्ट की शक्ल में जारी किया है. इससे पहले 2015 में, कार्मिक, शिकायत निवारण, और क़ानून मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर रिपोर्ट तैयार की थी.

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बेहतर काम करने वाले पंचायतों को अतिरिक्त वित्तीय मदद देने का प्रावधान

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

2017 में एक एक्सपर्ट कमेटी ने ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में बेहतर नतीजे के लिए काम के आधार पर भुगतान देने संबंधी रिपोर्ट तैयार की. 2017-18 से 2019-20 के बीच सरकार ने ग्राम पंचायतों को अनुदान देने के लिए काम को आधार बनाया. 2016-17 के दौरान बेहतर काम के आधार पर ग्राम पंचायतों को कुल 3499.45 करोड़ रुपये वितरित किए गए. जबकि 2017-18 के दौरान 1106.90 करोड़ ही दिए गए.

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पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल को पीपल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपीपी) में तब्दील करना

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में आम लोगों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए सरकार और प्राइवेट सेक्टर एक साथ आ जाते हैं. कई सरकारी विभाग पीपीपी मॉडल को अपमानजनक मानते हैं. बावजूद इसके सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में कई पीपीपी योजनाओं को बढ़ावा दिया है. इसके अलावा मेडिकल सेक्टर, ट्रांसपोर्ट सेक्टर और यहां तक कि शिक्षा के क्षेत्र में भी कुछ आईआईटी पीपीपी मॉडल पर काम कर रहे हैं. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में जब लोगों को भी शामिल कर लिया जाता है तब इसे पीपल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपीपी) कहते हैं. सरकार ने अपनी ओर से नागरिकों और अधिकारियों के बीच की दूरी को मिटाने के लिए कई पोर्टल और स्कीम शुरू किए हैं लेकिन इस दिशा में कोई ठोस काम नहीं हो पाया है.

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गाय की रक्षा और उसको बढ़ावा देने के लिए क़ानूनी फ्रेमवर्क का गठन, स्वदेशी गायों की प्रजाति को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय मवेशी विकास बोर्ड के ज़रिए कार्यक्रम तैयार करवाना.

वर्ग: शासन व्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

क़ानूनी तौर पर ऐसा कोई फ्रेमवर्क तैयार नहीं. स्वदेशी नस्ल की गायों के संरक्षण और विकास के लिए 2014 में राष्ठ्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत. 2018 में सरकार ने बुचड़खाने में जानवरों की बिक्री पर लगी पाबंदी हटाई.

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हिमालयन सस्टेंनबलिटी मिशन फंड की स्थापना

वर्ग: पर्यावरण और ऊर्जा स्थिति: कोई काम नहीं

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में 2015 में अर्थ साइंस मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया कि ऐसा कोई फंड नहीं बनाया गया है. इसके बाद से इस मुद्दे पर कुछ प्रगति नहीं हुई है.

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ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे किसी बड़े प्रोजेक्ट पर केंद्र और राज्य सरकार को आपसी तालमेल और एकजुटता से काम कर सकें

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: कोई काम नहीं

जिन प्रोजेक्टों को केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों की मंजूरी की भी ज़रूरत होती है, उन पर एक साथ विचार करने की व्यवस्था नहीं है.जिन मंत्रालयों और विभाग से मामला संबंधित हो, उन्हें कोशिश करके लटके हुए मामलों को कम करना चाहिए.

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जमाखोरी और काला बाज़ारी रोकने के लिए सख़्त क़दम उठाने के साथ साथ ऐसे मामलों के निपटारे के लिए विशेष कोर्ट की स्थापना

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करने की सलाह दे सकती है या फिर कालाबाज़ारी पर रोक और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बहाल रखने वाले अधिनियम, 1980 को लागू करने की सलाह दे सकती है. इस दिशा में जमाखोरी और काला बाज़ारी रोकने के लिए किसी विशेष कोर्ट का गठन नहीं हुआ है.

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भारतीय खाद्य निगम, ऑपरेशन के लिए अलग से चार्ज वसूले

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

सरकार ने 2014 में भारतीय खाद्य निगम में सुधार के लिए एक कमेटी का गठन किया. कमेटी ने 2015 में अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें खाद्य निगम के ऑपरेशन के लिए अलग से चार्ज नहीं वसूलने की सिफ़ारिश की थी.

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मल्टी ब्रैंड रिटेल सेक्टर में एफडीआई को मंजूरी नहीं

वर्ग: अर्थव्यवस्था स्थिति: कोई काम नहीं

2017 की एफडीआई नीति के तहत, मल्टी ब्रैंड रिटेल सेक्टर में एफडीआई 51% से ज़्यादा नहीं हो सकता. इसके बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं

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एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की स्थापना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: कोई काम नहीं

2014-15 के बजट में एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की स्थापना की घोषणा हुई थी. इसके बाद इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई. लेकिन सरकार ने दूसरी योजनाओं और परिषदों की मदद से निर्यात को बढ़ावा दिया है.

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एमएसएमई सेक्टर की समीक्षा और उसे पुनर्जीवित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: कोई काम नहीं

बीजेपी सरकार ने टास्क फोर्स का गठन नहीं किया. पिछली टास्क फोर्स का गठन यूपीए सरकार के दौरान 2009 में हुआ था.

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पर्यावरण संबंधी क़ानून को सरल बनाना ताकि किसी तरह की उलझन नहीं हो

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: कोई काम नहीं

2014 में पर्यावरण संबंधी क़ानूनों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया. इसमें पर्यावरण संरक्षण क़ानून, 1986, वन संरक्षण 1980क़ानून और वन्यजीव संरक्षण शामिल था. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मामलों की मंत्रालय ने कमेटी की रिपोर्ट देखी, इस रिपोर्ट में पर्यावरण के सभी पहलूओं को शामिल करके क़ानून बनाने की मांग, पर्यावरण को लेकर नेशनल लेवल इंस्टीट्यूट की स्थापना और पर्यावरण की सुरक्षा के तौर-तरीकों को ठीक से लागू करना शामिल था. लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई. सरकार की ओर से 2015 में ही पर्यावरण संरक्षण क़ानून, 1986 और नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल एक्ट, 2010 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया लेकिन इस दिशा में भी कोई प्रगति नहीं हुई.

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उद्योग को क्रेडिट देने की ब्याज़ दर को तर्कसंगत बनाना

वर्ग: व्यापार और उद्योग स्थिति: कोई काम नहीं

ब्याज की दरों को तर्कसंगत बनाने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ है. 2016 में सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत योजनाओं की समीक्षा करते हुए इनके ब्याज दरों को तय करने के लिए मानक तय किए. भारत सरकार के वित्त राज्य मंत्री ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "2008 से 2018 के बीच होम लोन और वाहन के लिए जाने वाले ऋण के लिए सभी बैंकों में ब्याज दर कम हुए हैं."

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जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्गेनिक फार्मिंग एंड फर्टेलाइज़र कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया का गठन

वर्ग: कृषि स्थिति: कोई काम नहीं

ऐसा कोई कॉर्पोरेशन नहीं बनाया गया. इसके बावजूद, सरकार ने जैविक खेती के बारे में अध्ययन और उसको बढ़ावा देने के लिए योजनाएं और रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू किए. 2015 में सरकार ने रसायन मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की. 2015-16 के दौरान इसके लिए राज्यों को 582.47 करोड़ रुपए जारी किए गए. जबकि 2018-19 के दौरान इस मद में 204.32 करोड़ रुपए जारी हुए. उत्तर पूर्वी राज्यों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिबद्ध योजना 'मिशन आर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट इन नार्थ् ईस्ट रीजन (एमओवीसीडीएनईआर)' की शुरुआत 2015 में की गई. इस योजना के तहत 2015-16 से लेकर 2017-18 तक 45,918 हेक्टयर ज़मीन को कवर किया गया और 50 हज़ार किसानों को लाभ मिला. इस दौरान राज्यों को 235.74 करोड़ रुपये दिए गए. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने भी अपनी योजना नेटवर्क प्रोजेक्ट ऑन ऑर्गेनिक फॉर्मिंग (एनपीओएफ़) शुरू की जिसके तहत स्थान विशेष पर विशेष जैविक खेती के चलन को विकसित किया जाना है. मौजूदा समय में 16 राज्यों के 20 केंद्रों पर ये प्रोजेक्ट चल रहा है.

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हर्बल उत्पादों के लिए रोटेशन के आधार पर खेती

वर्ग: कृषि स्थिति: कोई काम नहीं

रोटेशन के आधार पर खेती के लिए सरकार ने कोई नई योजना शुरू नहीं की.

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